Rab Aur Bande Ke Darmiyan Ka Wasta.
رب اور بندے کے درمیان واسطہ (Part 01)
دین وشریعت کی تبلیغ میں رب اور بندے کے درمیان نبیوں اور رسولوں کا واسطہ لیا گیا کیونکہ بندہ اس واسطے کے بغیر دین وشریعت کو سمجھ سکتا ہے نہ اس پر عمل کر سکتا ہے۔
لیکن عبادت ودعا کی قبولیت میں رب اور بندے کے درمیان کسی نبی، ولی یا امام کے واسطے کی ضرورت نہیں سمجھی گئی کیونکہ رب اپنے بندے کی عبادت ودعا کو قبول کرنے اور اس کی حاجت وضروت کو پوری کرنے پر بغیر کسی واسطے کے قدرت رکھتا ہے۔
آپ کا بھائی: افتخار عالم مدنی
اسلامک گائڈینس سنٹر جبیل سعودی عرب
لیکن عبادت ودعا کی قبولیت میں رب اور بندے کے درمیان کسی نبی، ولی یا امام کے واسطے کی ضرورت نہیں سمجھی گئی کیونکہ رب اپنے بندے کی عبادت ودعا کو قبول کرنے اور اس کی حاجت وضروت کو پوری کرنے پر بغیر کسی واسطے کے قدرت رکھتا ہے۔
آپ کا بھائی: افتخار عالم مدنی
اسلامک گائڈینس سنٹر جبیل سعودی عرب
रब और बन्दे के दरमियान वास्ता:
दीन के प्रचार में नबियों और रसूलों का वास्ता लिया गया क्योंकि बन्दा इस वास्ते के बिना दीन को समझ सकता है न उस पर अमल कर सकता है |
लेकिन दुआ की क़बूलियत में रब और बन्दे के दरमियान किसी नबी, वली या इमाम के वास्ते की ज़रूरत नहीं समझी गई क्योंकि रब अपने बन्दे की दुआ क़बूल करने और उसकी हाजत पूरी करने पर बिना किसी वास्ते के क़ुदरत रखता है |
आपका भाई: इफ़्तेख़ार आलम मदनी
इस्लामिक गाइडेंस सेंटर जुबैल सऊदी अरब
दीन के प्रचार में नबियों और रसूलों का वास्ता लिया गया क्योंकि बन्दा इस वास्ते के बिना दीन को समझ सकता है न उस पर अमल कर सकता है |
लेकिन दुआ की क़बूलियत में रब और बन्दे के दरमियान किसी नबी, वली या इमाम के वास्ते की ज़रूरत नहीं समझी गई क्योंकि रब अपने बन्दे की दुआ क़बूल करने और उसकी हाजत पूरी करने पर बिना किसी वास्ते के क़ुदरत रखता है |
आपका भाई: इफ़्तेख़ार आलम मदनी
इस्लामिक गाइडेंस सेंटर जुबैल सऊदी अरब
رب اور بندے کے درمیان واسطہ
جیسے بادشاہ تک رسائی حاصل کرنے کے لئے واسطے کی ضرورت ہوتی ہے ویسے اللہ عز وجل تک رسائی حاصل کرنے کے لئے واسطے کی ضرورت نہیں ہے کیونکہ بادشاہ اپنے وزیروں اور افسروں کا محتاج واحسان مند ہوتا ہے لیکن اللہ سبحانہ وتعالی اپنے نبیوں اور ولیوں کا محتاج ہے نہ احسان مند ہے۔
آپ کا بھائی: افتخار عالم مدنی
اسلامک گائڈینس سنٹر جبیل سعودی عرب
آپ کا بھائی: افتخار عالم مدنی
اسلامک گائڈینس سنٹر جبیل سعودی عرب
रब और बन्दे के दरमियान वास्ता:
जैसे बादशाह तक पहुंचने के लिए वास्ते की ज़रूरत होती है वैसे अल्लाह तक पहुंचने के लिए वास्ते की ज़रूरत नहीं है क्योंकि बादशाह अपने वज़ीरों और अफ़सरों का मोहताज और एहसानमंद होता है लेकिन अल्लाह अपने नबियों और वलियों का मोहताज है न एहसानमंद है |
आप का भाई: इफ़्तेख़ार आलम मदनी
इस्लामिक गाइडेंस सेंटर जुबैल सऊदी अरब
जैसे बादशाह तक पहुंचने के लिए वास्ते की ज़रूरत होती है वैसे अल्लाह तक पहुंचने के लिए वास्ते की ज़रूरत नहीं है क्योंकि बादशाह अपने वज़ीरों और अफ़सरों का मोहताज और एहसानमंद होता है लेकिन अल्लाह अपने नबियों और वलियों का मोहताज है न एहसानमंद है |
आप का भाई: इफ़्तेख़ार आलम मदनी
इस्लामिक गाइडेंस सेंटर जुबैल सऊदी अरब
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