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Shadi Ki Pahli Raat Larki Ka Kisi Se Kahi Koi Affair To Nahi.

Shadi Ki Pahli Raat Mard Ki Harkatein.

شادی کی پہلی رات میں مرد حضرات کی آدت


शादी की पहली रात को खून नहीं निकले तो क्या आप मार दोगे?
                 अल्लाह ने कुरान मे फरमाया

नापाक औरतें नापाक मर्दों के लिए और नापाक मर्द नापाक औरतों के लिए
और इसी तरह पाक मर्द औरतें एक दूसरे के लिए हैं.

कल रात ट्विटर पर एक ख़बर पढ़ी के एक 16 साला लड़की को महज इसलिए कत्ल कर दिया गया कि वह "कुंवारी" साबित ना हो सकी काफी लोग इस वक्त चौक गए होंगे कि ऐसे भी लोग दुनिया में पाए जाते हैं जो शादी की पहली रात पर हमबिस्तरी के दौरान खून निकलने को ही कुंवारा पन मानते हैं.
मेरा उठना बैठना उन लोगों में रहा है बल्कि अब भी मुझे अक्सर मेरे मुहल्ले के नौजवान मिलते हैं जो इस किस्म की सोच रखते हैं कि शादी की पहली रात खून न निकला तो लड़की चालू है।
इस लेख में आपको उस समूह की सोच दिखाता हूं कि शादी को और बीवी को यह क्या समझते हैं।

1.एक ऐसी किस्म है जो शादी की पहली रात खूंन न निकलने पर अपनी ही बीवी को "चालू" समझना शुरू कर देते हैं हालांकि यह वह नौजवान होते हैं जिनकी सारी उम्र गलत कामो में भी गुजरी है अब शादी हुई है तो उनके नजदीक बीवी Seal Pack होनी चाहिए और उसके लिए उन्होंने जो मायार तय किया है वह है "खून निकलना" इन लोगों को समझाने की जरूरत है कि बचपन या लड़कपन में खेलकूद के दौरान या सीढ़ियों कूदने के द्वारा या रस्सी कूदते हुए या साइकिल चलाते हुए वह बारीक झिल्ली जिसके हटने से खून निकलता है वह झिल्ली फट सकती है लिहाजा अगर पहली रात खून नहीं निकला तो यह लाजमी नहीं कि बीवी बद किरदार है या अगर खुदा ना खवास्ता पहले किसी से ऐसा अमल करवा चुकी है तो वह जाने अल्लाह जाने वह आपको जवाब देह आप के निकाह में आने के बाद की है पहले कि नहीं पहले के बारे में आपको इतना शक था तो तफ्तीश करके शादी करते ना कि अब उसका जीना हराम करो सबसे बड़ी बात क्या तुम खुद कुंवारे हो??

2.दूसरी किस्म के लोग वह है जो शादी की पहली रात बीवी को ज्यादा से ज्यादा तकलीफ देने को मर्दानगी समझते हैं उन के नजदीक अगर पहली रात हमबिस्तरी के दौरान बीवी को तकलीफ की शिद्दत से रोने पर मजबूर ना किया तो उनसे बड़ा ना मर्द कोई नहीं अगर ऐसा हो भी जाए तो अगले दिन दोस्तों को बढ़ा चढ़ाकर किस्से सुनाते पाए जाते हैं अगर आप किसी अस्पताल के इमरजेंसी में काम करते हैं या आपका कोई जानने वाला काम करता है तो आपको इल्म होगा कि हर महीने एक या दो ऐसे केस लाजमी आते हैं कि शादी की पहली रात दर्द की शिद्दत लड़की बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसकी हालत बुरी हो हो गई इन सारे मर्दों को समझाने की जरूरत है कि औरत भी इंसान है आपकी बीवी भी किसी की बहन बेटी है अगर वह इस अमल से अभी आदी नहीं हो पा रही तो उसे कुछ वक्त दो बेशक चंद दिन दे दो लाजमी नहीं पहली रात ही ये एक्जाम लेना ही लेना है बंदा ए खुदा उसे इस अमल के दौरान बिल्कुल वैसा ही दर्द होता होगा जैसे मारपीट का दर्द होता है हर औरत हर लड़की की जिस्मानी बरदाश्त अलग अलग होती है अगर आप ज्यादा तकलीफ में देखें तो रुक जाएं कल सही परसों सही अल्लाह जिंदगी रखे वह आपकी अपनी है आप उसके तमाम हुक़ूक़ रखते हो आपसे किसने कह दिया कि पहली रात यह काम करोगे तो ही वलीमा जायज होगा यह आप मर्द माने जाओगे??

3.तीसरी किसम उन लड़कों की है जो जिंसी अमल(sex) के दौरान ज्यादा टाइमिंग को मर्दानगी जानते हैं उन के नजदीक अगर शादी की पहली रात आपने जिंसी अमल में 1 घंटे से कम वक्त लगाया तो आप मर्द ही नहीं और बदकिस्मती से इस मुकाबले का शिकार पढ़े-लिखे हजरात भी है मेरे एक इंतिहाई करीबी दोस्त सारी उमर ज़िना और गलत कमों में मुलव्विस रहे शादी करीब आई तो उन्हें एहसास ए कमतरी होना शुरू हो गया कि पहली रात में 1 मिनट या उससे कम वक्त में ही इंज़ाल(seminal effusion) का शिकार ना हो जाऊँ इसी प्रेशर में उन्होंने शादी से 1 माह पहले एक हकीम से माजून लेकर खाना शुरू किया हजारों रुपए भी लगाए और शादी की पहली रात मुसलसल 40 मिनट बिन्त ए हव्वा को उसकी मर्जी के खिलाफ रौंदते रहे नतीजा यह हुआ बीवी को रात 3:00 बजे अस्पताल ले जाना पड़ा और सारे जमाने से झूठ बोलना पड़ा कि उसके पेट में दर्द उठा है (तौबा है ऐसे लोगों से अल्लाह बचाए ऐसे जालीम शख्स से)  इन लोगों को यह समझाने की जरूरत है कि लाजिम नहीं लड़की को जिंसी सुकून (last stage) तक पहुंचाने के लिए आपको जिंसी अमल में ज्यादा वक्त लगाना पड़े आप जिंसी अमल से पहले भी बहुत से काम करके उस अमल में मदद ले सकते हो.

4.चौथी किस्म उन लोगों की है जिन के नजदीक शादी की पहली रात कम से कम पांच या छह बार ऐसा अमल करना उम्र भर की भड़ास निकाल देने के बराबर है या उससे उन्हें अगले 23 मार्च पर मर्दानगी का अवार्ड मिलेगा ऐसे लोगों के दोस्त भी फिर उन्हीं की सोच के मालिक होते हैं वलीमे कि सुबह-सुबह दूल्हे को देखते ही उनका सबसे पहला सवाल यही होता है हां भाई कितनी शॉट यानी कितनी बार और दूल्हा भी कमीनगी वाली मुस्कुराहट के साथ उंगलियों से तादात बताएगा और बढ़ा चढ़ाकर बताएगा उसके नजदीक यह इज्जत का पैमाना है जितनी ज्यादा तादात बताएगा सोसाइटी में उसकी उतनी इज्जत शुमार की जाएगी (अल्लाह रहम करे और ऐसे बुराई से बचाए) उसे समझाने की जरूरत है कि आप अपनी बीवी का लिबास हो आपने ऐसे राज शेयर करके भरे बाजार में अपनी बीवी को खुद बेलिबास कर दिया है और अपने ही दोस्तों के जहन में अपनी बीवी के बारे में गंदगी का एक बीज बो दिया है।
5.पांचवी किस्म उन लोगों की है जिनकी सारी उम्र गंदी फिल्में देखते गुजरी है और उनके दिमाग पर गंदी फिल्मों के सीन सवार रहते हैं और उन्हें शादी की पहली रात का शिद्दत से इंतजार होता है कि यह सारे सीन परफॉर्म करके अपने आपको मर्द मनवाया जाए उन लोगों को समझाने की जरूरत है कि इन मूवीस में काम करने वाले सारे के सारे प्रोफेशनल लोग होते हैं जो मुख्तलिफ और महंगी दवाइयों का सहारा लेकर लोगों में गलत सोच और खन्नास भर रहे हैं और नोट छाप रहे हैं इन महंगी दवाइयों के बगैर वह भी आम इंसान ही है कोई बाहुबली नहीं उनका मकसद नोट छापना होता है आप लोगों को तरग़ीब देना नहीं कि आप अपनी बीवी को अखाड़ा बना लो।

बदकिस्मती से हम उस मुआशरे में रहते हैं जहां माऐं अपनी बेटियों और बाप अपने बेटों से इन मामलात पर बात करते शर्माते हैं उन्हें यह बातें मां बाप नहीं समझाते मस्जिद के इमाम नहीं समझाते उम्र में बड़े दोस्त या पढ़े-लिखे दोस्त नहीं समझाते तो फिर गलत सोहबत अपना असर दिखाती है और इंसान चलता फिरता जैसा दरिंदा बन जाता है जो बीवी को बच्चे पैदा करने और सेक्स की मशीन के सिवा कुछ समझने को तैयार ही नहीं होता।(वाजेह रहे के शरीयत में ऐसा नहीं है के आप अपनी बीवी पर इस तरह टूट परे बल्कि दोनों (शौहर बीवी) की राज़ी से आप ताल्लुक कायेम कीजिए और उसपर ज़ुल्म मत कीजिए शौहर बीवी का लिबास है और बीवी शौहर का लिबास है इसलिए आप उसकी इज्जत आपकी इज्जत है और यह तभी बाकी रह सकता है जब आप खुद अपनी इज्जत का ख्याल रखेंगे)

इस उम्मीद पर यह तहरीर लिखी है कि अगर इन पांचों किस्मों में से कोई एक शख्स भी यह पोस्ट पढ़कर अपनी सोच बदल ले तो किसी की बहन बेटी अखाड़ा बनने से बच जाएगी यह बात ध्यान में रखिएगा कल को आपको भी किसी बेटी का बाप बनना है और बेटियां जब किसी की बीवियां बनती है तो वह चाहने और प्यार करने के लिए होती है अखाड़ा बनाने के लिए नहीं बीवियों को यूं प्यार से रखे जैसे कांच के बर्तन रखे जाते हैं।

नोट:  यह पोस्ट मेरी नहीं है बल्कि किसी और साहब की उर्दू में थी मुझे पढ़कर एहसास हुआ की इसे हिंदी में कन्वर्ट किया जाए हालाँकि टाइम भी मेरा बहुत लगा बस गुजारिश है कि आप लोग पढ़ कर इसको शेयर करें हो सकता है किसी की जिंदगी बच जाए।
आप जैसे हो आप को वैसी ही मिलेगी आप छत्तीस के साथ टाईम गुज़ार कर आ रहे हो तो वो भी छत्तीस के साथ टाइम गुज़ार कर आएगी।
कुछ गलत लिखा गया होतो माफ कीजयेगा
नेक बीवी चाहते हो तो नेक शोहर बनो और गुनाह हुए हैं तो तोबा करो।
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