find all Islamic posts in English Roman urdu and Hindi related to Quran,Namz,Hadith,Ramadan,Haz,Zakat,Tauhid,Iman,Shirk,daily hadith,Islamic fatwa on various topics,Ramzan ke masail,namaz ka sahi tareeqa

Showing posts with label syria ke logo ki halaat aur unki mara karne walo ki kami. Show all posts
Showing posts with label syria ke logo ki halaat aur unki mara karne walo ki kami. Show all posts

Aah Bilad-E-SHAAM (Syria)

आह! बिलादे शाम

"जिसे अहादीस  नबविया में 'शाम' कहा गया है,दीने इस्लाम की तालीमात के मुताबिक़ एक बाबरकत और मुक़द्दस सरज़मीन है।
शाम (syria)1946 में फ़्रांस के कब्जे से आज़ाद हुआ। लेकिन इस से पहले शाम के नाम से मौजूदा सीरिया में फिलिस्तीन,इस्राईल,उर्दून,लेबनान और तुर्की का एक सूबा शामिल था।

  क़ुरआन और अहादीस में बिलादे शाम की फ़ज़ीलत वाज़ेह है फ़रमाया

अल-अंबिया (Al-'Anbya'):71 - "और हमने इब्राहिम और लूत अलये. को उसी सरज़मीन में पनाह दी के जिसे हमने दुनिया वालो के लिये बाबरकत बनाया है।

_इस आयत से मुराद सरज़मीन शाम ही हे।_

अल्हम्दुलिल्लाह
हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने
शाम और यमन में बरकत की दुआ मांगी है,लेकिन ये भी फ़रमाया की जब एहले शाम में फसाद होगा,तो फिर इस उम्मत में कोई खेर बाकी नही रहैगा।

हुज़ूर का वाज़ेह फरमान है, क़यामत उस वक़्त तक कायम ना होगी,जबतक के इराक़ के बेहतरीन लोग शाम,और शाम के बदतरीन लोग इराक में जमा ना हो जाए।(मुसनद अहमद)

खैर और शर का आखरी मुआरका सरज़मीन बिलादे शाम होगा।

दुनिया को है,फिर मुआरका ओ रूह ओ बदन पेश,
तहज़ीब ने,फिर अपने दरिन्दों को उभारा,
अल्लाह को पा मर्दो मोमिन पे भरोसा,
इब्लीस को यूरूप की मशीनों का सहारा

आज जो क़हर दुनिया वाले,
(दुनिया इस लिये की वो भी खामोश देखने के मुजरिम हैं)
शाम पर बरसा रहे हैं, वो माफियां मांगेंगे.....
ये लहू लौटेगा ज़रूर....
ह्लब,अलेप्पो आहों और सिसकियों में डूबा हुआ है....
खूंखार दरिंदे,इज़्ज़तें और जवानियाँ नोच रहे हैं....
रूस आसमान से आग बरस रहा है तोै ज़मीन से ईरानी, लेबनानी शिया एहले शाम पर ज़िन्दगी तंग कर रही हैं।
ऐसे ही लोगो के लिये अल्लाह का फरमान है
अन-निसा (An-Nisa'):93 - और जो व्यक्ति जान-बूझकर किसी मोमिन की हत्या करे, तो उसका बदला जहन्नम है, जिसमें वह सदा रहेगा; उसपर अल्लाह का प्रकोप और उसकी फिटकार है और उसके लिए अल्लाह ने बड़ी यातना तैयार कर रखी है

और इधर मुस्लमान मुल्कों ने एहले शाम को बेयारो-मददगार छोड़ दिया है।
याद रहे वो शाम ही है,जहाँ हज़रत महदी का हेडकुवाटर बनेगा!

वो शाम ही है, जहाँ से आलमी जंग की सफें लगेंगी!

वो शाम ही है, जहां हज़रत ईसा* का नुज़ुल होगा!

जी हां वो शाम ही है, जहां आखरी हिसाब-किताब होगा!मैदाने महशर होगा!

द्ज्जाली ताक़तों की शाम भी.....इस ही शाम में होगी!

(( _इसकी खुशखबरी अल्लाह के रसूल ने सुनाई है_))

आज एहले शाम की लाशें,दुनिया को दिखाई नही दे रही,उनकी चीखें सूनाई नही दे रही। उस दिन भी यही होना हे।ये लिखा जा चुका।

Share:

Translate

youtube

Recent Posts

Labels

Please share these articles for Sadqa E Jaria
Jazak Allah Shukran

Most Readable

POPULAR POSTS