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Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain | why Muslim girls are marrying Hindu boys

Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain | why Muslim girls are marrying Hindu boys |

 Muslim Ladkyion Ko Kaise Jaal Me Fansaya Jaa Raha Hai | मुस्लिम लड़कियाँ और लव जिहाद | मुस्लिम लड़कियों को भगवा जाल में कैसे फंसाया जाता है | what are LM and HM

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Muslim ladkiyon ko Paise ke lalach me Shadi ke liye Bhaga le jane ka Trend jodo par hai.

मुस्लिम शहज़ादियों का बचाव करना ही आने वाली नसलों का बचाव है.

मुस्लिम दुनिया मे #फ़हाशि और #बे_पर्दगी का #इतिहास और #यूरोप की साजिशे। 


मुस्लिम लड़कियों होशियार रहो इस साजिश से

Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain
Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain

जो क़ौम अपने रसूल ﷺ की इज़्ज़त और नामूस पर पहरा नहीं देती वो क़ौम रुसवा होती है मार खाती है। उस क़ौम की बहन बेटियों की इज़्ज़त उस क़ौम के मर्दों के सामने नीलाम की जाती है_ आज हमारे साथ यही हो रहा है।

आज मुस्लिम शहज़ादियों का ग़ैर मुस्लिम लड़को के साथ शादी करने और भागने के जो वाक़ियात सामने आ रहे हैं सैकड़ों और हज़ारों की तादाद में लेकिन हमारी क़ौम का हर छोटा बड़ा तबका बड़ी आसानी से तमाशा देख रहा है, किसी को इस बात से कोई मतलब नहीं के हमारी घर की लड़कियां स्कूलों और कॉलेजों में किस से मिल रही है , किस के साथ आती जाती है, उसकी सहेलियां कौन कौन है, वह कैसे लोग है, उनका ईमान वा अकीदा कैसा है, किस मजहब की है?
इसकी कोई परवाह नहीं बस हमे अपनी बेटियो पे भरोसा है।

सोशल मीडिया पर इधर उधर की ख़बर उठाकर चिपकाकर कुछ नहीं होगा , मोबाईल की स्क्रीन पर उंगलियां बहुत घिस लीं अब ज़मीन पर उतरकर  थोड़ी चप्पलें भी घिसिए! जिस घर में कम उम्र के लड़के लड़कियों को स्मार्टफोन हाथो में हो वहा दीवारें ऊंची करने का कोई फायदा नही।

आज मुस्लिम क़यादतें भी इस मसले पर कुछ नहीं बोल रही हैं और ना ही  मुस्लिम शहज़ादियों को बचाने के लिए हमारे पास कोई प्लान है , हमारी कौम की हमदर्दी में  बड़े बड़े लेक्चर और बयान देने वाले कुछ नहीं बोल रहे हैं उन्हें इस मसले पर बोलते हुए डर लगा रहा है। देसी लिबरल्स से आज हर कोई खौफ खा रहा है, के कही हमे कट्टरपंथ और दकियानूसी सोच वाला ना कह दिया जाए, आज मुस्लिम रहनुमा भी इस मसले पर खामोश है, क्योंकि यहां उनको चुप्पी साधने के अलावा कोई रास्ता भी नही है।

जितने छोटे कपड़े उतनी ही ज्यादा मॉडर्न और लिबरल

आज के दौर में नंगे रहने से ज्यादा इज्जत मिलती है।

मुस्लिम खवातीन और यूरोप की साजिशें (मगरिबी तहजीब)
मुस्लिम औरतों को असल मकसद से गुमराह करने की साजिश।

लेकिन हम बेग़ैरत नहीं हैं, हमारा दीन हमें ग़ैरत का दर्स देता है, हम अपनी हिम्मत और हैसियत के मुताबिक कुछ तो कर ही सकते हैं, हमारे अंदर अभी भी शर्म वा हया बाकी है और इन शा अल्लाह कयामत तक रहेगी। हम किसी लिब्रांडू टोला वाले से नही डरते, हमे अपनी तहजीब और रिवायत से मुहब्बत है , हम इससे कभी समझौता नहीं कर सकते।

Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain
Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain

#करना_क्या_है?

 बेबाक आइम्म्मा ए मसाजिद हर जगह इस मसले पर बयान दें और मुस्लिम शहज़ादियों के मां बाप को तंबीह करें की वो अपनी बेटियों पर नज़र रखें!

 मुस्लिम वालेदैन अपनी बेटियों को कोचिंग के नाम पर , एक्स्ट्रा क्लासेस के नाम पर , फ्रेंड की बर्थडे पार्टी के नाम पर घर से रात के 12-12 बजे बाहर जाने पर रोक लगाएं, उनसे नरमी से पेश आए।

 मुस्लिम लड़कियों के भाईयों से गुज़ारिश है कि अपनी बहनों की ज़रूरत घर बैठे पूरा करें और अगर घर से बाहर जाने की ज़रुरत पड़े तो उनके साथ जायें उनको साथ लेकर जायें, अपनी बहन के ज़रूरी कामों को ना टालें, मुस्लिम भाईयो से भी गुजारिश है के घरों का निजाम एक दीनदार घराने के जैसा बनाए, फिल्म, सीरियल , फहश विडियोज - तसावीर से परहेज करे और बच्चो को अम्बिया के वाकयात सुनाएं।

 कॉलेज में पढ़ने वाली गैरतमंद और बहिम्मत मुस्लिम शहज़ादियों से गुज़ारिश है कि आप अपने  स्कूल , कॉलेज और यूनिवर्सिटी या कोचिंग में ऐसी मुस्लिम शहज़ादियों को समझाने की कोशिश करें जो गलत रिलेशनशिप में मुब्तिला हैं, उनकी इसलाह करें , उन्हें दीन की बातें बताए और जरूरत पड़ने पर उनके वालदैन तक इसकी खबर दें।

 बा  सलाहियत और दीनदार मुस्लिम बहनों से गुज़ारिश है कि वो अपनी सहेलियों का ग्रुप बनाकर जैसे मुम्किन हो जगह जगह जाकर अपनी उन बहनों को समझाकर महफूज़ करे जो गलत रिलेशनशिप में मुब्तिला हैं, जितना बेहतर तरीक़े से लड़की लड़की को तबलीग कर सकती है मर्द नहीं कर सकते। इसलिए इन कामों में दिनदार बहनें अपना फर्ज अदा करें, वह एक अहम किरदार अदा कर सकती हैं लिहाजा इस्लाम की शहजादियों से बे इंतेहा शराफत के साथ यह गुजारिश की जाती है के आप सब ऐसे मुस्लिम लड़कियों को जहन्नुम की आग से बचाए जो जोश में होश खोकर या ला इल्मी के सबब , दीन की दूरी की वजह से आग के शोला में जलने जा रही है।

 नौजवान मुस्लिम भाईयों से गुज़ारिश है कि अपने दोस्तों के ग्रुप को फुज़ूल कामो में ना लगाकर अपने दीन और अपनी कौम की शहज़ादियों को महफूज़ करने में लगाएं। मुस्लिम लडको से गुजारिश है के खुद एक बा हया  भाई बने तभी आपकी बहने बा हया और बा इज्जत रहेंगी, अगर खुद की बहन प्यारी है और अपनी बहन को दूसरो की नजर से महफूज रखना चाहते है तो आप अपनी नजरें संभाल लें, दूसरो की बेटियो और बहनों को छुप छुप कर , इधर उधर से देखना बंद कर दें, अगर ऐसा नहीं कर सकते है तो फिर आपकी बहन भी महफूज नहीं रहेंगी, वह भी किसी की  गर्ल फ्रेंड जैसे घटिया और नापाक रिलेशनशिप में रहेगी। आपकी बहन भी किसी की गर्ल फ्रेंड, महबूबा या रखैल कह लाएगी। इसलिए सिर्फ अपनी बहनों को ही नहीं समझाइए बल्कि खुद भी समझिए और अगर निकाह के काबिल है तो निकाह कीजिए।

आज की मुस्लिम नौजवान नस्ल कल यूरोप की गुलामी करेगी।
गर्ल फ्रेंड और बॉय फ्रेंड मुसलमानों का कल्चर नही है।

 हमारी क़ौम का जो अमीर और प्रोफेशनल तबका है उससे मेरी गुज़ारिश है खुदा के वास्ते अपनी कौम के हाल पर रहम खाईए और अपनी कौम के हर छोटे बड़े खानदान की बेटी की इज़्ज़त और आबरू के मुहाफिज़ बन जाईए , अपने इलाक़े में मुस्लिम शहज़ादियों के लिए गर्ल्स स्कूल और कॉलेज बनाएं ताकि हमारी कौम की  शहज़ादियां तालीम हासिल करने सके और मॉडर्न तालीम और को एजुकेशन के नाम पर इज़्ज़त और आबरू को बर्बाद होने से बचा सकें।

ये सब कुछ करना इतना आसान नहीं है मगर ना मुमकिन भी नहीं है जो ग़ैरत मंद मुसलमान होगा वो हाथ पर हाथ रख कर तमाशा नहीं देखेगा वो ज़रूर अपनी मिल्लत की बेटियों के लिए उठ खड़ा होगा और ज़रूर कुछ ना कुछ करेगा।

_*नोट:* मुस्लिम नौजवानों से गुज़ारिश है कि पहले तुम अपने आपको हराम रिलेशनशिप से दूर रखो तब तुम अपनी बहन बेटियों को हराम रिलेशनशिप से बचा पाओगे अगर तुम्हारे किरदार पर हराम रिलेशनशिप का दाग होगा तो तुम कैसे अपनी क़ौम की बेटियों और बहनों को तबलीग करोगे?......दिल दुखता है मेरे भाई बहुत दिल दुखता है.... अगर तुम आज खड़े ना हुए तो कौन तुम्हारी बहनों की इज़्ज़त आबरू के लिए खड़ा होगा जैसे मुमकिन हो लिखकर ,बोलकर और चलकर अपनी बहनों तक मैसेज पहुंचाइए कुछ तो हो ही सकता है कुछ तो कर ही सकते हैं।

निकाह और " लिव इन रिलेशनशिप " में क्या फर्क है?

*मुस्लिम बच्चियाँ घर से क्यों भागती है।?*

मुस्लिम औरतें घर से भागकर गैर मुस्लिम लड़कों से शादीयां कर रही हैं और हम मुसलमान गफलत में पड़े हुए है।

*चेन्नई- 5,180*
*कोयंबटूर 1,224* *तिरुचि- 1,470*
*मदुरै- 2,430*
*सलेम- 740*
*हैदराबाद- 3500*
*गुजरात-2500*
*महाराष्ट-6000*
*और बी स्टेट जहा 500से जयादा*

*कुल 20,000 से अधिक* मुस्लिम लड़कियों ने पिछले 3 सालों में गैर मुस्लिम मर्दो से शादी की है !

Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain
Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain

यह सिलसिला दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है ! इसके चंद सबब ये है।

1- अपने बच्चे की गैर इस्लामी तरीके से परवरिश करना,

2- उनको हमारी तहज़ीब - रिवायत, शर्म व हया न सिखाना, एजुकेशन के नाम पर ईसाई मिशनरी में भेजना जहां उनका ब्रेनवाश करके नास्तिक बना दिया जाता है जो आगे चलकर इस्लाम के खिलाफ एक हथियार के जैसा काम करने लगती है।

3- दीनी तालीम से कोसो दूर रखना या रहना।

पैसे, शोहरत और मॉडर्न कहलाने के लिए सिर्फ दुनियावी तालीम देना जहां बच्चियों को बहला फुसला दूसरे मजहब के लड़के से शादी करने की नसीहत की जाती है।

4- अपने बच्चे को बहुत लाड़ प्यार देना हर खाहिश पूरी करना, उनकी हर बातो पर विश्वाश करना यानी अंधविश्वासी बन जाना। उनको जायज नजायेज और हराम हलाल के बारे में नही बताना।

5- उन्हें बहुत महंगे महंगे मोबाइल बगैर किसी शर्त के देना, और आंख बंद करके यह भरोसा करना है हमारी बच्ची ऐसा कुछ नहीं करेगी।

6- उन्हें बिगैर निगरानी के दूर शहरों के कॉलेजों में भेजना या उन्हें को एजूकेशन जहां लड़का लड़की एक साथ पढ़ते है ऐसे कॉलेजों में भेजना !
Co-Education सिस्टम में ही ज्यादातर ऐसे वाकयात पेश  आते है, गैर मुस्लिम लडको को उनके मजहबी तंजीम की तरफ से "घर वापसी" और "LM नही HM" के लिए पैसे दिए जाते है। मुस्लिम लड़कियों को मुताशीर करने के लिए उन्हें महंगे बाइक, कार और हर तरह की सहूलियतें फराहम की जाती है ताकि आसानी से उसे दाना डालकर जाल में फंसाया जा सके।

मुस्लिम लड़कियों को फंसाने के लिए LM aur HM एक नया तरीका।

7- बेटी की शादी में बिला वजह देरी करना!*

8- बेटी की दोस्त की मालूमात न करना के वह कहां जा रही है किस से मिल रही है ।

9-अपनी जवान बेटी पर बहुत अधिक विश्वास कि वे ऐसा नहीं करेंगी ! याद रखें जिन्होंने किया वो भी अपने माता-पिता के भरोसे मंद बच्चे थे।

10-कहीं आने जाने पर कोई रोक टोक न होना ओर ये कहना के हम नए ज़माने के लोग है हमने अपनी लड़की को खुली आज़ादी दी है , वह अपने फैसले खुद कर सकती है और फिर एक दिन वो आता है के किसी के साथ भागने का फैसला भी वो खुद करती है।

11 -फिल्में ड्रामे टीवी, शो, ऑनलाइन, फेसबुक, चेटिंग मैसेंजर ने भी हमारी नस्लों को बेहयाई में ढकेल दिया है।

इस तरह दिन के दुश्मनों का काम आसान हो जाता है और हमारी बहनें उनके जाल में फंस जाती है।

मुस्लिम लड़कियों के लिए खास पैगाम।

मॉडर्न और फैशन के नाम पर गैरो की गुलामी न करे।

अपने इस्लामी वकार को कायम रखें, सादगी को अपनाएं , सादगी ईमान का हिस्सा है।
फैशन से इज्जत नहीं मिलती, इज्जत किसी दुकान पर भी नही बिकती जिसे खरीद सके, अल्लाह इज्जत देता है वही सरबुलंदी अता करता है।
अपनी नियतों को ठीक कर लें, ढीले ढाले नकाब और हिजाब इस्तेमाल करे। अल्लाह की रजा वा खुशनुदी को पेश नजर रखें, अल्लाह का हुक्म पूरा करने के लिए पर्दा करें,  दीन के आहकमात का मजाक न बनाए।

मुसलमान वालदैन से गुजारिश

*अपनी लड़की का निकाह जल्द से जल्द हर हाल मे कर देना चाहिए*। जब वह बालिग हो जाए तो दीनदार लड़के से उसकी शादी कर देनी चाहिए।
क्या इस्लाम में जबरदस्ती निकाह जायज है?

इस्लाम में औरतों के अधिकार और आज का कानून।

निकाह करना किसी मुसलमान के लिए क्यू जरूरी है?

*निकाह को आसान बनाएं ताकि जीना ( नजायेज़ ताल्लुकात ) मुश्किल हो जाएं।

Why muslim girls are marrying Hindu boys
Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain

Why muslim girls are marrying Hindu boys
Why muslim girls are marrying Hindu boys

Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain
Muslim Ladkiyan Hindu Ladkon Se Shadi Kyun Kar Rahi Hain

What are LM and HM
What are LM and HM

मुस्लिम लडको को खास नसीहत।

मुस्लिम लड़के इश्कबाजी में डिप्लोमा किए होते है फिर जब उनसे ही उनके घर की लड़कियां सिख जाती है तो गलत है...।
उलेमा को लड़कियों के जरिए ब्लैकमेल करने की साजिश।

मतलब लड़का करे तो कोई बात नही और लड़की करे तो मुस्लिम समाज खतरे में...। यह कैसी सोच है हमारी?

इस्लाम ने यह तो नहीं कहा के लड़का छिछोरे वाला काम करे तो सही है और लड़की के लिए गलत है।

इस्लाम ने तो मर्दों को अपनी निगाहें नीची रखने का हुक्म दिया ताकि फितने का अंदेशा ना हो, खवातीन को पर्दा करने का हुक्म दिया है ताकि दोनो एक - दूसरे की कशिश से बच सके ।

इस्लाम ने निकाह करने को कहा है ना के गली , मुहल्ले में चौराहे पड़ खड़े होकर आती जाती औरतों को देख कर लतीफे कसना, कमेंट डालना।
यह सब तरीका गैर शरई है और यह एक बहुत बड़ी बुराई है जिसे हमसब को मिलकर खतम करना होगा।

यह सब रोकने के लिए पहले हमारे ही कौम के मजनूओं को अपनी आदत बदलनी होगी।
खवातीन इं शा अल्लाह खुद बा हया और बा पर्दा हो जाएंगी।

भाई मिर्जा गालिब की शेर गुनगुनाएगा तो बहनें अलामा एकबाल की मिशरे थोड़ी न पढ़ेगी।

भाई आधी रात तक फोन से चिपक कर चैटिंग करेगा तो बहनें थोड़ी ना कुरान मजीद की तिलावत करेंगी।

लड़का सारी रात मोबाइल फोन में फिल्में और ड्रामे देखेगा , फोन पर लड़कियों की नंगी तस्वीरें देखेगा और सुबह 10 बजे सोकर उठेगा तो लड़कियां रात में तहज्जुद की नमाज थोड़े ही अदा करेगी बल्कि उसको तो फंसाने वाले हमारे ही लोग है।

आपकी बहन बेटी भी किसी दूसरे की गर्ल फ्रेंड बनने के लिए बड़ी हो रही है।

पहले हम खुद गलत है , हमे सुधरना होगा वरना मुस्लिम लड़कियां भी इश्कबाज़ी में पीएचडी से फारिग होने लगेगी फिर उस वक्त हाथ पे हाथ रख कर तमाशा देखते रह जायेंगे।

इस्लाम ने यह नही कहा है के मर्द नजरें नीची न रखे तो खवातीन के लिए पर्दा जरूरी नहीं, यह भी नही कहा के खवातीन पर्दा न करे तो मर्द अपनी निगाहें नीची रखना छोड़ दे।

हमे अपनी बच्चियों को ना मेहरम और मेहरम के बारे में बताना होगा, सिर्फ शोर शराबा करने से नही होगा।

अल्लाह मुसलमानों को सीरत ए मुस्तकीम पे चला, मुस्लिम लड़कियों को सही समझ अता कर, उनके दिलों में दीन की मुहब्बत रौशन कर, उन्हें हमेशा दुश्मनों , फाजिर वा फाशिको के शर से महफूज रख। आमीन सुम्मा आमीन

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Hindu Mazhab me ling ki Pooja | Ling worship in Hinduism

Hindu Mazhab Me Ling Ki Pooja | hindu dharm Ki Haqeeqat

आर्य पशुओं से भी सम्भोग करते थे. दाम ने हिरनी से और सूर्य ने घोड़ी से सम्भोग किया. अश्वमेध यज्ञ में औरत का मृत घोड़े से सम्भोग कराया जाता था.”


(देखें, महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रकाशित, डॉ.बाबासाहब आंबेडकर राइटिंग्स एंड स्पीचेज़ खंड ३ के पृष्ठ १५३-१५७)


स्वामी दयानंद ने, यजुर्वेद भाष्य (पृष्ठ ७८८) में लिखा है: अश्विम्याँ छागेन सरस्वत्यै मेशेगेन्द्रय ऋषमें (यजुर्वेद २१/६०)

अर्थात: प्राण और अपान के लिए दु:ख विनाश करने वाले छेरी आदि पशु से, वाणी के लिए मेढ़ा से, परम ऐश्वर्य के लिए बैल से-भोग करें.


वेदों में दर्ज कुछ और नमूने अश्लील नमूने :-


इन्द्राणी कहती है :- न सेशे ……………..उत्तर: (ऋगवेद १०.८६.१६)

अर्थ :- हे इन्द्र, वह मनुष्य सम्भोग करने में समर्थ नहीं हो सकता, जिसका पुरुषांग (लिंग) दोनों जंघाओं के बीच लम्बायमान है वही समर्थ हो सकता है, जिस के बैठने पर रोमयुक्त पुरुषांग बल का प्रकाश करता है अर्थात इन्द्र सब से श्रेष्ठ है. इस पर इन्द्र कहता है. 


न सेशे………..उत्तर. (ऋग्वेद १०-८६-१७)

अर्थ :- वह मनुष्य सम्भोग करने में समर्थ नहीं हो सकता, जिसके बैठने पर रोम-युक्त पुरुषांग बल का प्रकाश करता है. वही समर्थ हो सकता है, जिसका पुरुषांग दोनों जंघाओं के बीच लंबायमान है।


न मत्स्त्री………………………..उत्तर: (ऋग्वेद १०-८६-६)

अर्थ :- मुझ से बढ़कर कोई स्त्री सौभाग्यवती नहीं है. मुझ से बढ़कर कोई भी स्त्री पुरुष के पास शरीर को प्रफुल्लित नहीं कर सकती और न मेरे समान कोई दूसरी स्त्री सम्भोग के दौरान दोनों जाँघों को उठा सकती है.


 ताम…………………….शेमम. (ऋग्वेद १०-८५-३७)

अर्थ :- हे पूषा देवता, जिस नारी के गर्भ में पुरुष बीज बोता है, उसे तुम कल्याणी बनाकर भेजो, काम के वश में होकर वह अपनी दोनों जंघाओं को फैलाएगी और हम कामवश उसमें अपने लिंग से प्रहार करेंगे.

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BSEB 10th Hindi Question answer (Class 08, Lesson 2) Eidgah

BSEB Matric Hindi Question answer Bihar Board Class 10 Urdu Sawal Jawab
Class 08      किसलय    हिंदी
          ईदगाह  प्रेमचंद्र       पाठ 2
बिहार मैट्रिक हिंदी प्रश्न उत्तर , कक्षा 08

B. S. E. B. 10th Hindi chapter 2 Eidgah Paremchand | बिहार बोर्ड हिंदी अध्याय 02 ईदगाह सवाल जवाब

1 ईद के दिन अमीना क्यों उदास थी?
उत्तर -    ईद के दिन अमीना के घर में खान पीेने के लिए कुछ भी नहीं था। इसी वजह से ईद के दिन अमीना उदास थी।

2 हामिद मिठाई या खिलौने  के बदलें चिमटे का चयन करता है। क्यों   ?
उत्तर - हामिद अभावग्रस्त बच्चों की तरह सोचता है यदि वह मिठाई लेगा तो जीभ पर थोड़ी देर के लिए जीभ में स्वाद आजाएगा। खिलौने लेगा अगर कही पानी पर गया तो सारा रंग धूल जायगा। ठोकरें लगते ही टूट फुट जायगा, तवे से रोटियां उतरते समय दादी की उंगलियां जल जाती हैं , क्यों न चिमटा खरीद लिया जाय।

3  मेला जाने से पहले हामिद दादी से क्या कहता है  ?
हामिद मेला जाने से पहले अपनी दादी से कहता है "तुम डरना नहीं अम्मा मैं सबसे पहले आऊंगा बिल्कुल न डरना   

4  मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामिद के मन में कौन कौन से विचार आए ? वर्णन करें
उत्तर -  मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामिद वयस्क की तरह विचार करने लगता  है। सभी खिलौने अच्छे हैं किसे लें हरेक का दाम दो पैसे हैं। इतने महंगे खिलौने वो कैसे लें। सभी खिलौने मिट्टी के बने हुए हैं। अगर हाथ से छुट गया तो चूर चूर हो जायेगा ,पानी परा तो सारा रंग धूल जायगा ऐसे खिलौने लेकर वह क्या करेगा? इसके बाद लोहे की दुकान पर जाते ही उसे याद आता है की तवे से रोटियां उतारते समय दादी की उंगलियां जल जाती है । खिलौने लेने से व्यर्थ में पैसे खर्च हो जायेंगे  ।

5 हामिद ने चिमटे को किन किन रूपो में उपोयग करने की बात कही है ?
उत्तर  हामिद चिमटे को बंदूक, फकीरों के चिमटे, मंजीरे और खिलौने का जान निकाल ने वाला हथियार के रूप में उपयोग करने के बात कही है ।

(6) ईदगाह कहानी आपको कैसी लगती है? इसकी मुख्य विशेषता बताइए।
उत्तर - ईदगाह कहानी मुझे बेहद दिलचस्प लगी।
इसकी मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित है।

(i) कहानी बाल मनोविज्ञान पर आधारित है
(ii) जिम्मेदारियां बच्चे को बड़ो के जैसा सोचने के लिए मजबूर कर देती है।
(iii) अभावग्रस्त बच्चे व्यस्क की तरह सोचते है।
(iv) कहानी मुहावरे के जरिए रोचक बनाया गया है।
(v) कहानी में जटिल शब्दो का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
(vi) कहानी सुखांत है।

(7) चिमटा देख कर अमीना के मन  में कैसा भाव जगा?
उत्तर - चिमटा देख अमीना के मन में दो तरह का भाव जगा।
(i) लड़का कितना ना समझ है, न कुछ खाया न पिया और न कोई खेलने का खिलौना लाया , यह चिमटा क्यू  ले आया? लेकिन जब हामिद ने कहा " तुम्हारी उंगलियां तवे से जल जाती थी" इसीलिए मैंने इसे ले लिया तो दादी के भाव बदल गए।
(ii) दूसरे भाव में दादी सोची - हामिद में कितना त्याग, सद्भाव और विवेक है । बच्चे को मिठाई खाते देख जरूर ललचाया होगा , लेकिन बुढिया दादी का ख्याल बना रहा।

पाठ से आगे
(1) महमूद , मोहसिन, नूर और हामिद में किसका चरित्र अच्छा लगा? कारण बताइए।
उत्तर - हमें हामिद का चरित्र अच्छा लगा। क्योंकि हामिद बच्चा होते हुए भी व्यस्क की तरह सोच समझ कर सामान खरीदता है।

(2) क्या हामिद बच्चो की सामान्य छवि से अलग हटकर एक नई छवि प्रस्तुत करता है? कैसे ?
उत्तर - हां ,  हामिद बच्चो की सामान्य छवि से अलग हटकर एक नई छवि प्रस्तुत करता है। क्योंकि बच्चे खिलौने और मिठाइयों पर ज्यादा आकर्षित होते हैं जो बाल सुलभ है। इसलिए तो महमूद , मोहसिन और नूर ने अलग अलग पसंद के खिलौने ही खरीदें। लेकिन हामिद बच्चा होते हुए भी एक व्यस्क की तरह सोच - विचार कर अधिक उपयोगी चिमटा खरीदकर नई छवि प्रस्तुत करता है।

(3) " चुनौती बच्चे को परिपक्व बना देती है " इस उक्ति की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर - हामिद के पास दूसरे बच्चो की तुलना में कम पैसे है । सामान भी खरीदना है। कम पैसे में सभी बच्चो से अच्छा सामान खरीदना उसके लिए एक चुनौती है ।
यह चुनौती हामिद को व्यस्क की तरह परिपक्व सोच वाला बना देता है । जिसके कारण वह अपनी बूढ़ी दादी का ख्याल रखते हुए मजबूत और उपयोगी चिमटा खरीदता है।

(4) त्योहार हमारे जीवन के अभिन्न अंग है। ' इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर - त्योहार हमारे जीवन के अभिन्न अंग है क्योंकि त्योहार हमारे जीवन में उत्साह, नई उमंग और आनंद प्रदान करता है। त्योहार के बगैर हमारी जिंदगी बेकार है।

व्याकरण
वाक्य में प्रयोग कीजिए।
(i) रंग जमाना - हामिद ने चिमटा खरीदकर सबों पर रंग जमा लिया।

(ii) गदगद होना - चिमटा खरीदने का कारण सुनकर अमीना का ह्रदय गदगद हो गया।

(iii) भेंट चढ़ना - हामिद के पिता हैजे की भेंट चढ़ गए।

(iv) बाल बांका न होना - सभी खिलौने मिलकर भी हामिद के चिमटे का बाल - बांका नहीं कर सकते।

(v) पैरों में पर लगना - ईद के दिन बच्चो के पैरो में पर लग जाते है।

(vi) कुबेर का धन मिल जाना - बच्चो के हाथ में पैसे मिलते ही ऐसे खर्च करने लग जाते है मानो वह कुबेर का धन पा लिया हो।

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Qurbani ki Haisiyat Rakhte hue bhi Qurbani nahi karne wale log?

Waise Log jo Qurbani ki ista'at rakhte hue bhi Qurbani nahi karte hai.

Kisi Dusre Janwar me Qurbani ke liye hissa rahna kaisa hai?

Jinko Qurbani karne ki Taaqat nahi wah kya kare?

Qurbani ke Ahkaam o Masail.

دل کی آنکھیں کھول کے ایک مرتبہ ضرور پڑہیں۔

ام المومنین حضرت عائشہؓ سے روایت ہے کہ رسول اللہ ﷺ نے فرمایا: ابن آدم کا یوم نحر (یعنی قربانی کے دن) ایسا کوئی عمل نہیں جو اللہ تعالٰی کے نزدیک خون بہانے (یعنی قربانی کرنے) سے زیادہ محبوب ہو, اور قربانی کا جانور قیامت کے دن سنگھوں, بالوں اور کھروں کے ساتھ (زندہ ہوکر) آئے گا اور قربانی کا خون زمین پہ گرنے سے پہلے اللہ تعالٰی کی رضا اور قبولیت کے مقام پر پہنچ جاتا ہے, بس اے اللہ کے بندوں دل کی پوری خوشی سے قربانی کیا کرو۔
سنن ابن ماجہ

☆ ہر وہ مسلمان جو صاحب نصاب ہو یعنی جس کے پاس عید الاضحی کے تین دن میں 80,933 روپے یا اس کے برابر مالیت ہو اس پر قربانی لازم ہے

☆ اگر کوئی گھر کا سربراہ اپنے بیوی/بچوں کو مہینے کا خرچہ 80,933 روپے دیتا ہے یا اس کی بیوی/بچوں کے پاس عیدالاضحی کے تین دن 80,933 روپے یا اس کے برابر مالیت ہو تو اس کی (بیوی/بچوں) پہ قربانی لازم ہے
حضرت ابو ہریرہؓ سے روایت ہے کہ نبی کریم ﷺ نے فرمایا: جس شخص میں قربانی کرنے کی وسعت ہو اور پھر بھی وہ قربانی نہ کرے تو ایسا شخص ہماری عیدگاہ میں حاضر نہ ہو۔
ابن ماجہ

☆ یہاں ایک بات اور سمجھنے کی ہے کہ اکثر حضرات اپنی قربانی کی سنت کسی دوسرے کے جانور میں حصہ لیکر ادا کرتے ہیں تو اگر اس جانور میں کسی بھی بندے کا ایک پیسہ بھی حرام/نا جائز لگا ہوا ہو تو سب کی قربانی ضائع ہوجاتی ہے تو اس بات کا خیال رکھنا بہت ضروری ہے, حصہ کا حقدار بننے سے قبل معلومات لے لینا بہتر رہتا ہے۔

☆اسی طرح جانور کے گلے یا پائوں میں پایل/گھنگروہ/ گھنٹی پہنانا بھی مکروہ ہے۔

حضرت حوط بِن عبدالعُزّٰیؓ سے روایت ہے کہ مصر سے ایک قافلہ حضور اکرم ﷺ کے پاس آیا ان کے جانوروں پر گھنٹیاں بندی ہوئی تھیں، آپ ﷺ نے انہیں حکم دیا کہ گھنٹیاں کاٹ دیں، اسی وجہ سے آپ نے گھنتی کو مکروہ قرار دیا ہے اور فرمایا ہے کہ فرشتے ایسی جماعت کے ساتھ نہیں رہتے جس میں گھنٹی ہو۔
(رواه مسدد)

✍ ابن خالد

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Jab Naw (Boat) dubne se bachane ke liye Nakhuda Ne Ek Saudagar ko pani me fenk diya.

Har waqya ke Pichhe koi na koi Wajah jarur hoti hai.
Kabhi bhi Allah ke faislo par Sawal na uthayen ke yah kyu hua? kaise hua ? wagairah

*ہر واقعہ کے پیچھے کوئی وجہ ضرور ہوتی ہے*

__کبهی اللہ کے فیصلوں پر سوال نہ اٹھائیں کہ یہ کیوں ہوا ؟ وہ کیوں ہوا ؟ میں ہی کیوں؟ میرے ساتھ کیوں؟ کبھی اسکی حکمتوں کو شک کی نگاه سے نہ دیکهیں کیونکہ اسکی حکمتیں آپ کی سوچ سے کہیں زیادہ وسیع ہیں اور آپ کے انتخاب سے کہیں زیاده بہتر بهی ...! _,*
                 _عربی_سے_ترجمہ_

ایک بحری جہاز میں کافی بوجھ تھا سفر کے دوران طوفان کی وجہ سے ہچکولے کھانے لگا جہاز ڈوبنے کے قریب تھا ، لہذا اس کے کپتان نے تجویز پیش کی کہ جہاز پر بوجھ ہلکا کرنے اور زندہ رہنے کے لئے کچھ سامان کو سمندر میں پھینک دیا جائے۔
تو انہوں نے متفقہ طور پر اس بات پر اتفاق کیا کہ ایک سوداگر کا سارا سامان چھوڑ دیا جائے کیونکہ یہ ڈوبنے سے بچنے کے لیے بہت ہوگا ،
جس تاجر کا سامان پھینکا جانا تھا اس نے اعتراض کیا کہ کیوں اسکا ہی سارا سامان پھینکا جائے اور تجویز پیش کی کہ سارے تاجروں کے سامان میں سے تھوڑا تھوڑا پھینکا جائے تا کہ نقصان تمام لوگوں میں تقسیم ہو اور نہ صرف ایک شخص متاثر ہو۔
تب باقی سارے تاجروں نے اس کے خلاف بغاوت کی ، اور چونکہ وہ ایک نیا اور کمزور سوداگر تھا ، اس لئے انہوں نے اس کے سامان کے ساتھ اسے سمندر میں پھینک دیا اور اپنا سفر جاری رکھا۔
لہروں نے سوداگر کے ساتھ لڑائی کی یہاں تک کہ وہ بے ہوش ہوگیا۔
جب وہ بیدار ہوا تو اسے معلوم ہوا کہ لہروں نے اسے کسی نامعلوم اور ویران جزیرے کے کنارے پھینک دیا ہے۔
سوداگر بہت مشکل سے اٹھا اور سانس لیا یہاں تک کہ وہ گھٹنوں کے بل گر گیا اور خدا سے مدد کی درخواست کی اور کہا کہ وہ اسے اس تکلیف دہ صورتحال سے بچائے ..

کئی دن گزرے ، اس دوران تاجر نے درختوں کے پھل اور خرگوش کا شکار کر کے گزارا کیا
اور پانی قریبی ندی سے پیتا ... اور رات کی سردی اور دن کی گرمی سے اپنے آپ کو بچانے کے لئے درخت کی لکڑی سے بنی ایک چھوٹی جھونپڑی میں سوتا۔
ایک دن ، جب تاجر اپنا کھانا بنا رہا تھا ، تیز آندھی چل رہی تھی اور اس کے ساتھ لکڑی کی جلتی ہوئی لاٹھی اٹھ جاتی ہے ، اور اس کی لاپرواہی میں اس کی جھونپڑی میں آگ لگ جاتی تھی ، لہذا اس نے آگ بجھانے کی کوشش کی۔
لیکن وہ ایسا نہ کر سکا ، کیوں کہ آگ نے پوری جھونپڑی کو اس کے ساتھ ہی بھسم کردیا
یہاں سوداگر چیخنے لگا:
"کیوں ، رب ..؟
مجھے غلط طریقے سے سمندر میں پھینک دیا گیا اور میرا سامان ضائع ہوگیا۔
اور اب تو یہ جھونپڑی بھی جو میرے گھر ہے جل گئی ہے
اور میرے پاس اس دنیا میں کچھ نہیں بچا ہے
اور میں اس جگہ پر اجنبی ہوں ..
یاﷲ یہ ساری آفتیں مجھ پر کیوں آتی ہیں ..

اور سوداگر غم سے بھوکا ہی رات کو سو گیا۔
لیکن صبح ایک "حیرت انگیز واقعہ"اس کا انتظار کر رہا تھا ... جب اسے جزیرے کے قریب پہنچنے والا ایک جہاز ملا اسے بچانے کے لئے ایک چھوٹی کشتی سے اتر رہا تھا ...
اور جب سوداگر جہاز پر سوار ہوا تو خوشی کی شدت سے یقین نہیں کر پا رہا تھا ، اور اس نے ان سے پوچھا کہ انہوں نے اسے کیسے ڈھونڈا اور اس کا ٹھکانہ کیسے جانا؟
انہوں نے اس کا جواب دیا:
"ہم نے دھواں دیکھا ، لہذا ہمیں معلوم ہوا کہ کوئی شخص مدد کے لئے پکاررہا ہے ، لہذا ہم دیکھنے آئے"

اور جب اس نے اُن کو اپنی کہانی سنائی کہ کس طرح اسے ناجائز طریقے سے سوداگروں کے جہاز سے پھینک دیا گیا
انہوں نے اسے بتایا "کہ سوداگروں کا جہاز منزل تک نہیں پہنچا
ڈاکوں نے اس پر چھاپہ مارا ، سب کو لوٹ لیا اور لوگوں کو مار ڈالا "۔
تو سوداگر روتے ہوئے سجدہ کرتا ہے اور کہتا ہے ، یاﷲ یاﷲ ، تمہارے سب کام اچھے ہیں۔
پاک ہے وہ رب " جس نے قتل سے بچایا اور اس کے لیے بالائی کا انتخاب کیا"۔

اگر آپ کے حالات بگڑ جاتے ہیں تو خوفزدہ نہ ہوں ..
بس اتنا بھروسہ کریں کہ خدا ہر چیز میں حکمت رکھتا ہے
یہ آپ کے ساتھ ہوتا ہے اور اس کا بہترین ...
اور جب آپ کی جھونپڑی جل جائے گی ...
جان لو کہ خدا آپ کے امور کا انتظام کر رہا ہے اور آپ کو بچانے کی کوشش کر رہا ہے.


آخر میں ایک بات ارض کروں گا کہ تحریر کو صرف خود ہی مطالعہ کر کے آگے نہ بڑھ جایا کریں۔اگر کوئی تحریر، واقعہ پسند آئے اور آپ کے دل کو چھو جائے تو زرہ سی زحمت کر کے دوسروں تک بھی شیئر کر دیا کریں تا کہ آپ بھی اس کار خیر میں شامل ہو سکیں۔
لوگوں کی بھلائی اور مفاد عامہ کے لیے بھی تحریر کو شیئر کریں۔

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Jab Badshah ko Uske Wazir ne Use takht se Hatane ki Sajish ki.

Kisi ke sath Burai karne ka Anjam kya hoga?
Agar aap kisi ke sath bura Suluk karenge to kal aap ke sath bhi Waisa hi hoga.
Jab wazir ne Badshah ko uske Takht se hatane ki nakam koshish ki.

__کبهی اللہ کے فیصلوں پر سوال نہ اٹھائیں کہ یہ کیوں ہوا ؟ وہ کیوں ہوا ؟ میں ہی کیوں؟ میرے ساتھ کیوں؟
کبھی اسکی حکمتوں کو شک کی نگاه سے نہ دیکهیں کیونکہ اسکی حکمتیں آپ کی سوچ سے کہیں زیادہ وسیع ہیں اور آپ کے انتخاب سے کہیں زیاده بہتر بهی ...!

وزیر نے سوچا کہ اب بادشاہ کو راستہ سے ہٹانے کا وقت آ گیا ہے ایک بادشاہ بہت ظالم اور جابر تھا۔ اسکی ہیبت کے قصے سارے ملک میں مشہور تھے، لوگ اس سے نفرت کرتے تھے اور اس کا نام آتے ہی لوگ کانپتے تھے۔ ایک دن جانے کیا ہوا بادشاہ نے سارے شہر کو مدعو کیا کہ ایک اہم اعلان کرنا ہے۔ جب سب لوگ جمع ہو گئے تو بادشاہ نے اعلان کیا کہ میں آپ کا شہنشاہ آج آپ ساری رعایا کی موجودگی میں وعدہ کرتا ہوں کہ آج کے بعد کبھی کسی کے ساتھ نا انصافی اور سختی نہیں کروں گا اور میرا وطیرہ صرف شفقت اور نرمی ہوں گے اور تاریخ کے پنوں میں میرا نام سب سے نرم دل بادشاہوں میں شمار کیا جائے گا۔ سب لوگ بہت حیران ہوئے کہ شاید بادشاہ سٹھیا گیا ہے، اس کو کیا ہو چلا ہے۔ خیر سب نے سوچا کہ بس ایسے ہی بول رہا ہے۔ وقت بتائے گا کہ یہ بدلا ہے کہ نہیں۔ بادشاہ دراصل بلکل بدل گیا تھا اور ساری عوام اس سے نہایت خوش اور مطمئن تھی۔ کئی مہینے بادشاہ اسی طرح رہا، وزیر سے صبر نہ ہوا اور ایک دن ہمت کر کے بادشاہ سے پوچھا کہ ذل الہی آخر کس وجہ سے آپ کا دل بدل گیا؟ بادشاہ بولا: کچھ دن پہلے کی بات ہے کہ میں جنگل میں جا رہا تھا کہ میری نظر ایک لومڑی پر پڑی، وہ بیچاری بھاگ رہی تھی اس کے پیچھے ایک بڑا سا کتا لگا ہوا تھا۔ لومڑی کو اپنا بل نظر آگیا اور وہ اس میں چھلانگ لگا رہی تھی کہ کتے نے اس کی ٹانگ پکڑ لی اور زور سے اس پر چک مارا۔ لومڑی نے پوری جان لگائی اور اپنی معزور ٹانگ گھسیٹ کر بل میں گھس گئی۔ اس کتے نے بیچاری لومڑی کو معزور کردیا تھا۔کچھ دیر بعد میں گاؤں میں پہنچا تو دیکھا کہ وہی خنخوار کتا ایک آدمی پر بھونکے جا رہا تھا۔ اس آدمی کو غصہ آیا اور اس نے کھینچ کر ایک بھاری سا پتھر بیچارے کو دے مارا ۔ کتا خود بھی اسی طرح ٹانگ سے معزور ہو گیا۔ میں ابھی سوچ ہی رہا تھا کہ اوپر والے کی لاٹھی بے آواز ہے کہ اسی آدمی کو ایک گھوڑے نے دولتی ماری اور اس کی بھی ایک ٹانگ فارغ ہو گئی۔ گھوڑا بھاگ رہا تھا اور آگے جا کر ایک گڑھے میں گر گیا۔ اتنا دیکھ کر ہی میری حالت غیر ہو گئی اور میں نے سوچا کہ میں اتنا ظالم ہوں، ہر ایک پر حکم چلاتا ہوں۔ کسی کی پرواہ نہیں کرتا تو میرا خالق میرے ساتھ بھی وہی کرے گا جو میں اس کی مخلوق کے ساتھ کرتا ہوں تو ایک ہی ترکیب سجھائی دی کہ کیوں نہ میں اپنی رعایا کے ساتھ اچھا ہو جاؤں تاکہ میرے ساتھ بھی اچھا ہو۔ بس اتنی سی بات تھی۔ وزیر ایک عیار اور مکار آدمی تھا۔ بادشاہ کی کہانی سن کر بھی اس کا دل نا پسیجا۔ بے حس آدمی ادھر سے اٹھا اور دل میں سوچا کہ بادشاہ فارغ ہو گیا ہے، یہی وقت ہے کہ میں اس کا تخت ہتھیا لوں۔ ایسی غلیظ سوچ ابھی اس کے دماغ کی دہلیز پر ہی تھی کہ خالق کا نظام کم میں جت گیا اور گھٹیا وزیر دھڑام سے سیڑھیوں سے گرا اور اس کی گردن دو ٹکڑے ہو گئی۔ جیسی کرنی ویسی بھرنی۔ کسی کے ساتھ برا کر کے یہ مت سمجھو کہ کسی نے نہیں دیکھا میں بچ گیا، جو دیکھ رہا ہے جب وہ پکڑ کرتا ہے تو بڑے سے بڑا سلطان گھٹنے ٹیک دیتا ہے۔ اچھا کرو اور صلے کی امید لوگوں سے مت رکھو اور برا کرو تو یاد رکھو کہ اب کہیں زمین پناہ نہیں دے گی اور پھر چپ کر کے اپنے گناہوں کا خمیازہ بھگتو۔ بہترین حکمت عملی : برا مت کرو۔۔!!

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BSEB 10th Urdu Darakshan Questions answer Lesson 8 | Bihar Board Class 10 Urdu Sawal Jawab

BSEB 10h Urdu Darakshan Questions answers.| Bihar Board Class 10 Urdu Sawal Jawab
अदब की पहचान   डॉक्टर अब्दुल मुगन्नी
Lesson 8 Urdu 10th

میٹرک درخشاں اردو سوال و جواب
ادب کی پہچان   ڈاکٹر عبدالمغنی
مختصر ترین سوالات

(1) نصاب میں شامل مضمون " ادب کی پہچان " کے مضمون نگار کون ہے؟
جواب - ڈاکٹر عبدالمغنی

(2) ڈاکٹر عبدالمغنی کب اور کہاں پیدا ہوئے؟
جواب - ڈاکٹر عبدالمغنی کی پیدائش 1934 میں اورنگ آباد میں ہوئی تھی۔

(3) ڈاکٹر عبدالمغنی کے دو کتابوں کے نام لکھیئے۔
جواب - نقطہ نظر
          تشکیل جدید

(4) ڈاکٹر عبدالمغنی نے کس مدرسے سے کہاں تک تعلیم حاصل کی ؟
جواب - مدرسہ شمس الہدیٰ سے عالم تک تعلیم حاصل کی۔

(5) ڈاکٹر عبدالمغنی نے اپنے ملازمت کا آغاز کس کالج سے کیا ؟
جواب - پٹنہ یونیورسٹی کے پٹنہ کالج سے

مختصر سوالات

(1) ڈاکٹر عبدالمغنی کی تنقید نگاری پر پانچ جملہ لکھیے۔
جواب - ڈاکٹر عبدالمغنی بہار کے دانشوروں اور تنقید نگاروں میں ممتاز ہے۔ عہدے حاضر میں شعر و ادب و مخصوص تنقیدی اصول کو مقبول بنانے میں ڈاکٹر عبدالمغنی کی خدمات کو فراموش نہیں کیا جا سکتا. انھونے شعر و ادب کی متعدد اصناف کے بارے میں اپنے مطالعات  پیش کیے ہے۔ آپ تقریباً 20 کتابوں کے مصنف و مولف ہے ۔ زندگی اور ادب کے حوالے سے وہ ایک مخصوص تعمیری نقطہ نظر کے حامل تھے اور انہوںنے اسے کامیابی کے ساتھ اپنے تحریروں میں پیش کیا ہے-

(3) " ادب کی پہچان " کے حوالے سے ادب کے مختصر تعریف لکھیے۔
جواب - ڈاکٹر عبدالمغنی ریاست بہار کے دنیشورو اور تنقید نگاروں میں ممتاز ہے۔ انہوںنے ادب کے مختصر تعریف پیش کی ہے یعنی مکمل اور کامل " ادب "  وہ ہے جس میں بہترین فن کا اظہار بہترین فکر کے ساتھ کیا گیا ہو، جس میں اُسلوب کی نفاست کے ساتھ ساتھ موضوع کی متانت بھی ہو ، جس میں مواد کی ثقاہت اور بیت کی لطافت دونوں موجود ہو۔ ادب کے دو اجزاے ترکیبی ہے۔ ایک فکر ، دوسرے فن اور ایک مکمل ادبی تخلیق اس وقت بروئے کار آئےگی جب فکر اور فن جب دونوں ہی اعلیٰ درجے کے ہوں اور ان کے درمیان کامل ہم آہنگی بھی پیدا ہو جائیں۔

(1) تشکیل جدید کس ادیب کی تخلیق ہے؟
جواب ڈاکٹر عبدالمغنی

(2) ڈاکٹر عبدالمغنی کی " ادب کی پہچان " کیا ہے؟
جواب - تنقیدی مضمون

(3) ڈاکٹر عبدالمغنی کس چیز کے پروفیسر تھے؟
جواب - انگریزی

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Social Media pe Ulema Ko Blackmail karne ki Sajish.

Muslim Ulema Alert rahe: Social Media Blackmailing apne Urooj pe hai.


मुस्लिम उलेमा अलर्ट रहे: सोशल मीडिया ब्लैक मेलिंग जोरो पड़ है।

जो भी उलेमा, हाफिज ए कुरान फेसबुक या दूसरे सोशल मीडिया पर एक्टिव है उन के लिए एक खास पैगाम।

जिस तरह यहूद वा नसारा हमेशा इस्लामी सिपाहियो को अपनी लड़कियां देकर फंसाने की नाकाम कोशिश करते है, उसी तरह आज भी मुखालिफ हमारे उलेमा को लड़कियों के जरिए गैर मुहज्जब चैट या बरहना वीडियो कॉल करके फंसाने की कोशिश कर रहे है।

कई दिनों से इस तरह की खबरें आ रही थी और अब कई उलेमा ए किराम ने यह बात बताई के उनके पास इस तरह के कॉल्स आई है और उनसे चैट करने की कोशिश की गई।

कई इस्लामिक पेज के एडिटर, एडमिनिस्ट्रेटर के पास भी  पिछले कई रोज से फेसबुक मैसेंजर पर एक खातून चैट करने की कोशिश कर रही थी और साथ ही बार बार वीडियो कॉल भी आ रही थी जिनको कई मर्तबा नजरंदाज ( इग्नोर ) करने के बाद कल एक कॉल को रिसीव किया तो मामला वही था जो लोगो से सुनते आए थे।
मैंने उसी वक्त फोन डिस्कनेक्ट कर दी क्योंकि इन मामलात की संगीन का इल्म मुझे था और दोस्तो से उसी तरह की कॉल्स और चैट्स की जानकारी भी मिल रही थी। एक साहब ने यहां तक बताया था के कुछ लोगो को इसी चैट और कॉल्स के बिना पर ब्लैक मेल भी किया जा रहा है।

इन कॉल करने वाली लड़कियों में कुछ आईडी मुस्लिम नामो से है तो कुछ गैर मुस्लिम नामो से।

एक बात याद रखें के इस तरह की कॉल्स अटेंड करना या चैट में शिरकत करना आप के लिए परेशानी का बाइस बन सकता है साथ ही आप की कौम वा मिल्लत के लिए भी।

जरूरी बात

मुझे जिस id से कॉल आई थी जब मैंने उसका स्क्रीनशॉट लेना चाहा तो वह id इतनी सिक्योर थी के उसका स्क्रीनशॉट भी नही लिया जा सका।

यह बात इस ओर इशारा करती है के यह दौर टेक्नोलॉजी का है , जो दिखाया जायेगा वही आप देख सकेंगे। आपको आपके फोन पर स्क्रीनशॉट लेने से रोका जा सकता है तो समझ लें के आपकी चैट या आप की वीडियो कॉल / वाइस sms को भी एडिट करना कोई मुश्किल नहीं।
हो सकता है के कॉल उधर से आई और शो करे के कॉल आपने की है। आपके चेहरे के एक्सप्रेशन से छेड़ छाड़ कर दी जाए या आपके बॉडी को बदलकर उसके जगह पर कोई दूसरा शख्स खड़ा करना तो बच्चो का खेल है।

जब तक आप साबित करेंगे के वह आप नही है तब तक बेड़ा गर्क हो चुका होगा।
आज का दौर सोशल मीडिया और इंटरनेट का दौर है।
आज के दौर में झूट को सच बनाने की मशीन मौजूद है।
मीडिया से लेकर सोशल मीडिया, आवाम से लेकर अदालत तक आपको कुसुरवार और गुनहगार साबित कर देंगे भले ही आपको इस साजिश के बारे में कुछ भी मालूम न हो।

कोई और मसला हो तो उसे हैंडल करना आसान होता है मगर किसी औरत के ताल्लुक से इल्जाम लगाया जाए के आपने उसे ब्लैकमेल किया, फोन किया वगैरह तो फिर बहुत मुश्किल हो जाता है खुद को सही साबित करने के लिए, अदालत का फैसला पांच साल बाद आता है जब तक मीडिया और उसके सरपरस्त फैसला कर देते है।
इन सारे मामले में एक मासूम को बली का बकरा बना दिया जायेगा इसलिए तमाम मुस्लिम भाईयो से गुजारिश है के वह बड़े ही एहतियात से कम लें खास कर जब आप ऑनलाइन हो तो।

इस हरकत की बहुत सारी वजहें हो सकती है।

एक यह भी हो सकता है के जिस तरह दूसरे मजाहिब के रहनुमा इस मामलात में रंगे हाथो पकड़े गए और उसकी वजह से उनकी पूरी कौम को रुसवा होना पड़ा है , इसी तरह हमारे उलेमा को भी इस मामले में ब्लैकमेल,  किसी तरह फंसा करके सबूत के तौर पर वीडियो, स्क्रीनशॉट लेकर के बदनाम करना चाहते है या यह भी मुमकिन है के इस तरह के मामलात को Love Jihad के साथ जोड़कर न सिर्फ आपकी जिंदगी तबाह वा बर्बाद कर दी जाए बल्कि आपके पूरे कुनबे को इसकी भेंट चढ़ा दिया जाए।

या पहले आपको ब्लैकमेल करके आपके माल़ वा दौलत को लूटा जायेगा, बलात्कार, रेप, यौन शौषण, महिला उत्पीड़न का झूठा इल्जाम लगाकर metoo कैंपेन चलाया जाएगा फिर मीडिया के हवाले करके राष्ट्रीय स्तर पर फायदा उठाने की नापाक कोशिश की जाएगी उसके बाद महिला सम्मान के खातिर बली का बकरा बना दिया जायेगा।

याद रहें आपकी एक अंजाने में हुई गलती या नादानी आपको , आपके खानदान _ रिश्तेदार और आपकी पूरी कौम को रुसवा कर सकती है। लिहाजा होशियार रहे और इस तरह की कोई पेशकश कभी कुबूल न करें।

तवज्जो फरमाए।

खास बात यह है के इस मामले में टारगेट अक्सर आलिम ए दीन , दाढ़ी टोपी वाले, उर्दू अरबी नाम वाले ही है।
यह तो वह दौर है जिस में खुद कौम ए मुस्लिम की बेटियां दाढ़ी टोपी वालो को पसंद नही करती, ऐसे वक्त में किसी का दाढ़ी टोपी वालो पर टूट पड़ना और बगैर किसी बातचीत के सीधे बरहना वीडियो पैगाम से बातचीत की शुरुवात करना कोई आम बात नही यह किसी बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा है।

शायद यह Love Jihad, Corona Jihad के बाद अब नया अभियान  Rape Jihad के नाम से शुरू होने वाला हो।

लव जिहाद के लिए कानून बना ही दिया गया, कोरोनावायरस की पहली लहर में तबलीगी जमात वालो को कोरोना जिहाद के लिए बदनाम किया ही गया अब यह उसी कंडीशन का नया वर्जन है रेप जिहाद।

जिसके जरिए मौलवी मौलाना, हाफिज ए कुरान, मदरसे में पढ़ने वाले तलबा  और दीन की दावत देने वाले बा शय्यूर लोगो का शिकार करना है। यह वाला आइडिया बहुत कारगर साबित हो सकता है, क्युकी इस मामले में बगैर सही गलत की तहकीक किए हुए बहुत ही आसानी से लोग किसी भी मर्द को कसूरवार और गुनहगार ठहरा ही देते है और अगर कोई दाढ़ी टोपी वाला हो तो सोने पे सुहागा। आमतौर पर  ऐसे मामलात में सीधे सीधे उसे गुनाहगार साबित कर ही दिया जाता है, मीडिया से लेकर सोशल मीडिया और आवाम से लेकर अदालत तक हर जगह ऐसे मामलो में आंख बंद करके दोषी साबित कर दिया जाता है और जब वीडियो , स्क्रीनशॉट मौजूद हो तो फिर काम और आसान हो जाता है।

इसीलिए कुफ्फार की ऐसी तमाम साजिशो का शिकार होने से खुद भी बचें और अपने दोस्त वा अहबाब  को भी बचाएं।

ऐसे में आप सब से गुजारिश है के अगर कोई किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर या फोन कॉल पर इस तरह की चैट करे या वीडियो कॉल करे तो आप लोग बिलकुल भी उस चैट या कॉल ( ऑडियो या वीडियो कॉल ) में शामिल न हो और इस तरह के नंबर्स या प्रोफाइल्स को फौरन ब्लॉक करे।
ताकि आप और आपकी कौम दोनो बदनामी की आग से बच सकें।

इस तहरीर को पढ़ें और अमल करें, खुद भी महफूज रहें और अपने दीन को भी कुफ्फार का निशाना बनने से  महफूज रखे।

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Gair Muslim (Non Muslim) Ke bache Kahan jayenge Jannat me Ya Jahannum?

Gair Muslimon ke Wafat pane Wale Bache kaha jayenge?
Gair Muslimon ke bache jo Inteqal kar chuke hai wah kahan jayenge Jannat me ya jahannum?

لسَّــــلاَم عَلَيــْــــكُم وَرَحْمَــــــــةُاللهِ وَبَرَكـَـــــــــاتُه

غیر مسلموں کے وفات پانے والے بچے کہاں جائیں گے؟
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تحریر : الشیخ محمدصالح المنجد حفظہ اللہ تعالیٰ
مترجم ( مختصرًا ): محترم بھائی رضا میاں
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کفار کے بچوں کے متعلق علماء میں درج ذیل اقوال میں اختلاف پایا جاتا ہے :

❶پہلا قول:
یہ ہے کہ کفار کے بچے بھی جنت میں جائیں گے، جبکہ بعض علماء نے کہا ہے کہ وہ اعراف کے مقام پر رہیں گے (جو جنت اور جہنم کے درمیان کی جگہ ہے) اور ان کے اس قول کا مطلب بھی یہی ہے کہ وہ جنت میں جائیں گے کیونکہ اہل اعراف کا آخری مقام جنت ہی ہو گا۔ یہ اکثر اہل علم کی رائے ہے جیسا کہ ابن عبد البر نے التمہید (18:96) میں نقل کیا ہے۔

⇇اس قول کی دلیل:
ان کے اس قول کی دلیل حضرت سمرۃ رضی اللہ عنہ کی یہ حدیث ہے کہ: نبی علیہ السلام نے معراج پر حضرت ابراہیم علیہ السلام کے ساتھ مسلمانوں اور مشرکین کے بچوں کو دیکھا (صحیح البخاری: 6640)۔

دوسری دلیل حسناء بنت معاویہ کی حدیث ہے وہ جو اپنے عم سے روایت کرتی ہیں کہ انہوں نے رسول اللہ ﷺ سے پوچھا کہ جنت میں کون ہو گا؟
تو نبی ﷺ نے فرمایا: جنت میں انبیاء ہوں گے، شہداء ہوں گے، نومولود بچے ہوں گے، اور وہ لڑکیاں ہوں گی جو بچپن میں دفنا دی جاتی تھیں۔
(مسند احمد 5:409)۔ اس حدیث کو شیخ البانی نے ضعیف الجامع میں ضعیف قرار دیا ہے۔

❷دوسرا قول:
یہ ہے کہ وہ بچے بھی اپنے والدین کے ساتھ جہنم میں ہوں گے۔ اس قول کو قاضی ابو یعلی نے امام احمد کی طرف منسوب کیا ہے، لیکن شیخ الاسلام نے ان کی اس پر شدید تردید کی ہے۔ دیکھیں حاشیہ ابن القیم علی سنن ابی داود (7:87)

⇇اس قول کی دلیل:
سلمہ بن قیس کی حدیث ہے وہ کہتے ہیں کہ میں اپنے بھائی کے ہمراہ نبی ﷺ کے پاس آیا اور کہا کہ ہماری والدہ دورِ جاہلیہ میں فوت ہو گئ تھیں اور وہ ایک مہمان نواز اور رشتوں کا پاس رکھنے والی عورت تھیں لیکن انہوں نے ہماری ایک نا بالغ بہن کو دورِ جاہلیہ میں زندہ دفنا دیا تھا، تو نبی ﷺ نے فرمایا: "جس کو دفن کیا گیا اور جس نے اسے دفن کیا دونوں جہنم میں ہیں الا یہ کہ جس نے دفن کیا اس نے اسلام کو پا لیا اور مسلمان ہو گئی۔"
اس حدیث کو ابن کثیر نے اپنی تفسیر میں حسن قرار دیا ہے اور ابن عبد البر نے اسے صحیح کہا ہے۔
اس کے علاوہ اس پر دیگر احادیث بھی ہیں لیکن وہ سب ضعیف ہیں۔

❸تیسرا قول:
یہ ہے کہ اس پر کوئی رائے نہ دی جائے اور اس معاملے کو اللہ کے سپرد کر دیا جائے۔  یہ قول حماد بن زید، حماد بن سلمہ، عبد اللہ بن مبارک، اور اسحاق بن راہویہ کا ہے۔

⇇اس قول کی دلیل:
ابن عباس رضی اللہ عنہ روایت کرتے ہیں کہ نبی اکرم ﷺ سے مشرکین کے بچوں کے متعلق پوچھا گیا تو انہوں نے فرمایا:
"الله أعلم بما كانوا عاملين" اللہ خوب جانتا ہے کہ وہ کیا عمل کرتے۔
(البخاری: 1383، ومسلم: 2660) وغیرہ

❹چوتھا قول:
یہ ہے کہ وہ بچے اہل جنت کے خادم ہوں گے۔
شیخ الاسلام کہتے ہیں: "اس قول کی کوئی اصل نہیں ہے" (مجموع الفتاوی 4:279)
میں (شیخ المنجد) کہتا ہوں کہ اس کے اوپر بھی ایک حدیث مروی ہے جسے طبرانی اور بزار نے نقل کیا ہے لیکن اسے ائمہ نے ضعیف قرار دیا ہے جن میں ابن حجر بھی شامل ہیں۔

❺پانچواں قول:
یہ ہے کہ آخرت میں وہ آزمائے جائیں گے پس جس نے اس وقت اللہ کی اطاعت کی وہ جنت میں جائیں گے اور جس نے نافرمانی کی وہ جہنم میں جائیں گے۔ یہ قول جمہور ائمہ اہل السنہ الجماعت کا ہے جسے ابو الحسن الاشعری نے نقل کیا ہے، اور یہی قول امام بیہقی و دیگر محققین کا ہے۔ اور شیخ الاسلام ابن تیمیہ نے بھی اسی قول کو ترجیح دی ہے۔ انہوں نے کہا ہے کہ امام احمد سے نصوص کا یہی مطلب نکلتا ہے اور ابن کثیر نے بھی اسی قول کو سب سے صحیح قرار دیا ہے۔
ابن کثیر کہتے ہیں کہ اس قول سے تمام احادیث میں تطبیق بھی ہو جاتی ہے اور اوپر بیان کردہ تمام احادیث ایک دوسرے کی شاہد ہیں۔

⇇اس قول کی دلیل:
رسول اللہ ﷺ نے فرمایا:
"يؤتى بأربعة يوم القيامة : بالمولود ، والمعتوه ، ومن مات في الفترة ، والشيخ الفاني ، كلهم يتكلم بحجته ، فيقول الرب تبارك وتعالى لعُنُق من النار : أُبْرزْ ، ويقول لهم : إني كنت أبعث إلى عبادي رسلا من أنفسهم ، وإني رسول نفسي إليكم ، اُدخلوا هذه ( أي النار ) ، قال : فيقول من كتب عليه الشقاء : يا رب أنى ندخلها ومنها كنا نفرّ ، قال : ومن كتب عليه السعادة يمضي فيقتحم فيها مسرعاً ، قال : فيقول الله تعالى أنتم لرسلي أشد تكذيبا ومعصية ، فيدخل هؤلاء الجنة وهؤلاء النار"
قیامت والے دن چار (قسم کے) لوگوں کو لایا جائے گا: نومولد بچہ، پاغل انسان، وہ شخص جو دورِ فترۃ میں فوت ہو گیا (یعنی دو نبیوں کے درمیان کا وقت)،

اور اوپر بیان کردہ تمام احادیث ایک دوسرے کی شاہد ہیں۔

⇇اس قول کی دلیل:
رسول اللہ ﷺ نے فرمایا:
"يؤتى بأربعة يوم القيامة : بالمولود ، والمعتوه ، ومن مات في الفترة ، والشيخ الفاني ، كلهم يتكلم بحجته ، فيقول الرب تبارك وتعالى لعُنُق من النار : أُبْرزْ ، ويقول لهم : إني كنت أبعث إلى عبادي رسلا من أنفسهم ، وإني رسول نفسي إليكم ، اُدخلوا هذه ( أي النار ) ، قال : فيقول من كتب عليه الشقاء : يا رب أنى ندخلها ومنها كنا نفرّ ، قال : ومن كتب عليه السعادة يمضي فيقتحم فيها مسرعاً ، قال : فيقول الله تعالى أنتم لرسلي أشد تكذيبا ومعصية ، فيدخل هؤلاء الجنة وهؤلاء النار"

قیامت والے دن چار (قسم کے) لوگوں کو لایا جائے گا: نومولد بچہ، پاغل انسان، وہ شخص جو دورِ فترۃ میں فوت ہو گیا (یعنی دو نبیوں کے درمیان کا وقت)، اور بہت بوڑھا شخص۔ سب اپنے دفاع میں بولیں گے۔ تو رب تبارک وتعالیٰ جہنم کی گردن کو حکم دیں گے کہ قریب آ جا اور ان لوگوں سے کہیں گے، "میں لوگوں میں اپنے بندوں میں سے رسول بھیجا کرتا تھا اور آج میں خود تمہاری طرف رسول ہوں پس اس جہنم کی آگ میں داخل ہو جاؤ۔" پس جن پر بدبختی لکھی جا چکی ہے وہ کہیں گے: "اے رب ہم اس میں کیسے داخل ہو جائیں جب کہ ہم اس سے چھٹکارا چاہتے ہیں۔" جبکہ وہ لوگ جن پر خوش بختی لکھی جا چکی ہے وہ اس میں داخل ہونے میں ذرا دیر نہیں لگائیں گے۔ اور اللہ تعالیٰ کہے گا: تم میرے رسولوں کے تو پھر اس سے زیادہ نافرمان اور جھٹلانے والے ہوتے، چنانچہ وہ لوگ جنت میں داخل کردیے جائیں گے اور یہ لوگ جہنم میں۔
(مسند ابی یعلی: 4224) اس حدیث کے کئی شواہد ہیں جنہیں ابن کثیر نے اپنی تفسیر میں ذکر کیا ہے۔

تمام اقوال میں تطبیق:

امام ابن القیم رحمہ اللہ فرماتے ہیں:
"وهذا أعدل الأقوال وبه يجتمع شمل الأدلة وتتفق الأحاديث في هذا الباب . وعلى هذا فيكون بعضهم في الجنة كما في حديث سمرة ، وبعضهم في النار كما دل عليه حديث عائشة ، وجواب النبي صلى الله عليه وسلم يدل على هذا ؛ فإنه قال : "الله أعلم بما كانوا عاملين إذْ خلقهم" ، ومعلوم أن الله لا يعذبهم بعلمه فيهم ما لم يقع معلومه ، فهو إنما يعذب من يستحق العذاب على معلومه وهو متعلق علمه السابق فيه لا على علمه المجدد وهذا العلم يظهر معلومه في الدار الآخرة.
وفي قوله : "الله أعلم بما كانوا عاملين" : إشارة إلى أنه سبحانه كان يعلم ما كانوا عاملين لو عاشوا ، وأن من يطيعه وقت الامتحان كان ممن يطيعه لو عاش في الدنيا ، ومن يعصيه حينئذ كان ممن يعصيه لو عاش في الدنيا فهو دليل على تعلق علمه بما لم يكن لو كان كيف كان يكون ."

"اور یہ سب سے معقول قول ہے جس سے تمام احادیث میں تطبیق ہو جاتی ہے اور اس باب کی تمام احادیث متفق ہو جاتی ہیں۔ پس اس طرح ان میں سے بعض جنت میں جائیں گے جیسا کہ سمرۃ کی حدیث میں ہے، اور بعض جہنم میں جائیں گے جیسا کہ عائشہ کی حدیث میں ہے۔ اور نبی ﷺ کا جواب کہ 'اللہ ہی بہتر جانتا ہے کہ وہ کیا عمل کرتے' بھی اس پر دلالت کرتا ہے۔ اور یہ معلوم ہے کہ اللہ کسی کو اپنے علم کی بنا پر سزا نہیں دیتا جب تک جو وہ جانتا ہے وہ واقع نہ ہو جائے۔ پس ۔۔۔" باقی ترجمہ کرتے ہوئے مجھے سستی لاحق ہو گئی، ابتسامہ!
(حاشية ابن القيم على سنن أبي داود " ( 7/87 ))
بقیہ حصہ:
وما جاء في بعض الأحاديث السابقة أنهم في الجنة أو النار لا يشكل على ما رجحناه ، قال ابن كثير رحمه الله : أحاديث الامتحان أخص منه فمن علم الله منه أنه يطيع جعل روحه في البرزخ مع إبراهيم وأولاد المسلمين الذين ماتوا على الفطرة ومن علم منه أنه لا يجيب فأمره إلى الله تعالى ويوم القيامة يكون في النار كما دلت عليه أحاديث الامتحان ونقله الأشعري عن أهل السنة . أ.هـ " التفسير " ( 3 / 33 ) .
= وما جاء من قوله صلى الله عليه وسلم " الله أعلم بما كانوا عاملين " : لا يدل على التوقف فيهم .
قال ابن القيم رحمه الله : وفيما استدلت به هذه الطائفة نظر والنبي صلى الله عليه وسلم لم يُجِب فيهم بالوقف وإنما وكل علم ما كانوا يعملونه لو عاشوا إلى الله وهذا جواب عن سؤالهم كيف يكونون مع آبائهم بغير عمل وهو طرف من الحديث …. والنبي صلى الله عليه وسلم وَكَل العلم بعملهم إلى الله ، ولم يقل الله أعلم حيث يستقرون أو أين يكونون ، فالدليل غير مطابق لمذهب هذه الطائفة. أ.هـ " حاشية ابن القيم على سنن أبي داود " ( 7/ 85 )
والله تعالیٰ أعلم بالصواب

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