Muslim Auratein Parda Kyu Karti Hai? (Part 11)
सवाल: इस्लाम औरतों को पर्दे में रख कर उनका अपमान क्यों करता है?
8 फरवरी 2011 मीडिया में दिल्ली यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में हुए सैक्स स्केण्डल के उजागर होने से काफी बवाल मचा। उस स्केण्डल का वीडियो बाज़ार में बिका और इण्टरनेट पर भी दिखाया गया।
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने उस छात्र को कॉलेज से निकाल दिया, लड़की नोयडा के प्रतिष्ठित कॉलेज से एम.बी.ए. की छात्रा थी। शर्मनाक बात यह है कि उस वीडियो को खुद उसी छात्र ने बेचा था जिसने उसे अपने रूम में अपना ही वीडियो शूट किया था। उससे भी ज़्यादा घिनौनी बात यह है कि जब वेब कैमरे द्वारा यह वीडियो रिकॉर्ड किया जा रहा था तब कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिख रहे नज़ारे को वो छात्रा खुद भी देख रही थी।
अब आप खुद जवाब दीजिये पर्दा अच्छा है या बुरा? एक कहावत है, ‘हाथ कंगन को आरसी क्या?' या'नी हाथ में पहने हुए कंगन को देखने के लिये आइने की ज़रूरत नहीं होती। ऊपर बयान की गई ये चुनिन्दा मिषालें सरेआम टीवी पर दिखाई गईं।
आए दिन अख़बारों में ये ख़बरें होती है कि फ़लां-फ़लां लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ। लड़कियों को छेड़े जाने की वारदातें तो अब आम हो चुकी है। आज के इस नामनिहाद आधुनिक दौर में औरत की इज़्ज़त की जैसे कोई अहमियत ही नहीं है। फैशनेबल कपड़े और ब्यूटी प्रॉडक्ट्स का कारोबार : आप कोई भी टीवी चैनल देख लें।
हर एक में ब्यूटी प्रॉडक्ट्स (सौन्दर्य प्रसाधनों) के विज्ञापनों की भरमार मिलेगी। कोई क्रीम गोरा बनाने का, तो कोई क्रीम सूरज की तेज धूप में भी गोरापन को सलामत रखने दावा करती है।सभी हेयर ऑयल चिपचिपाहट रहित लहराते बालों का दर्शन कराते हैं। यहाँ तक कि अनचाहे बाल हटाने की क्रीम के विज्ञापन में यह बताया जाता है कि इसके इस्तेमाल से औरत इतनी आकर्षक हो जाती है कि हर मर्द उसे छूना चाहेगा।
इसके अलावा इतने नये फैशन के कपड़े बाज़ार में आ रहे हैं जिनमें तन छुपता कम और उभरता ज़्यादा है। लाखों करोड़ रुपयों का ये कारोबार तभी चल सकता है जब औरत पर्दा करना ' छोड़कर बेपदर्गी से बाहर निकलना अपनी शान समझे। पर्दा औरत की इज्ज़त का ज़मानती (गारण्टर) है।
आगे जारी है TO BE CONTINUE
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