Palestinian ke Qatl E Aam me Salebi aur Arabi Dono Shamil hai.
Jab America Arabo ko apne ishare par nacha sakta to Arabo ke Zariye Sare Muslim Duniya ko Gulam Kyu nahi bana Sakta?From the River to the Sea
Palestine will be Free.
अगर आप फिलिस्तीन की आज़ादी चाहते है और इजरायली सामान खरीद कर इस्तेमाल भी करते है तो समझ जाए के आप फिलिस्तिनियो का खून बहाने, मस्जिदो पर बॉमबारी करने की फंडिंग कर रहे है। साथ साथ आप झूठ भी बोल रहे है के मै क़ीबला ए अव्वल की हीफाज़त चाहता हूँ। जितना यहूद ओ नसारा और अरबो का फिलिस्तिनियो के खून से हाथ रंगे है उतना ही आप भी शामिल है इसमे।फिलिस्तीन से जुड़े नई खबर के लिए।
फिलिस्तिनियो के क़तल ए आम मे इस्राएल का मददगार कौन?
फिलिस्तिनियो के क़त्ल ए आम पर अरब मे जश्न क्यो मनाया जा रहा है? सऊदी यहूदि भाई भाई तो नही।
खिलाफत से बादशाहत कैसे हुई? इस्लामी हुकूमत कैसे काम करती है?
अरब मे इस्राएल के बनने के बाद और पहले क्या क्या बदला?
हमास के मुजाहिदो ने साबित कर दिया है के इस्लाम को मुरिदो के नज़रानो पर अय्याशिया करने वाले जाहिल पिरो, गद्दी नशिनो, जिहाद का न ज़िक्र करने वाले मौलवियो, जिहाद छोड़कर इक्तदार हासिल करने वाले, दरबारी और रीवायति इमामो, मुशायरा और कव्वाली गाने वाले, ठुमके लगाने वाले और फैशनबल नात गाने वाले से ज्यादा अल्लाह की राह मे जान क़ुरबान करने वाले सरफरोश मुज़हिदो की जरूरत है।
फिलिस्तिनियो पर इस्राएल, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और दूसरे ईसाई यूरोपियन मुमालिक बहादुरी और बेशर्मी से जो क़यामत ढा रहे है इस मौका पर इन तागुती कुव्वतो के खिलाफ मैदान मे खड़े होने के बजाए अरब हुक्मरानो का कल्बो मे जश्न मनाने का वाहिद मकसद अपने मगरीबी आकाओ को अपनी हिमायत का यकीन दिलाना है, के आप फिलिस्तीन मे जो कुछ भी करे मै आपके साथ हूँ यहाँ तक के इस्राएल से बंद दरवाजे के पीछे बातचित् जारी रहेगी और उससे बेहतर ताल्लुक़त बनाया जायेगा, यह सब अब फोटो खिंचवाना और खुलेआम मिलना जुलना नही होगा लेकिन बैक चैनल से बात चित जारी रहेगी।
हमसब ने किताबो मे पढ़ा है, जब रोम जल रहा था तब उसके सहयोगियों ने बांसुरी बजाई थी।
आज आँखो से देखा।
फिलिस्तीन और ग़ज़ा के लोगो को खून मे नहलाया जा रहा था तब पड़ोसी सऊदी अरब मे मुजरे का मजा लिया जा रहा था, शकीरा टुन्स पर ठुमके लगा रहे थे । इस्लाम अमल की बुनियाद पर किसी को नेक और बद कहता है नाकि नस्ल के बुनियाद पर। इस्लाम ने कुरान ओ सुन्नत पर चलने को कहा है नाकि अरबो की पैरवी और हिमायत करने का, जिससे कोई सच्चा मुसलमान हो जायेगा।
''जब अरब दुनिया नजाएज़ इसराइल के साथ रिश्ते मजबूत कर रहा है उस वक़्त इस्राएल फिलिस्तिनियो का जनसंहार कर रहा है।
. I2U2 ग्रुप, इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर, अब्राहम एकार्ड्स। ये सब वह गुरुप है जिसमे इस्राएल को तस्लिम करने, उसके साथ बिजनेस बढ़ाने और मजबूत रिश्ते बनाने की शर्त है।
इतिहास गवाह है के जब जब अरबो ने नापाक इस्राएल से करीबी बढ़ाया तब तब फिलिस्तिनियो को इसकी कीमत जान, माल, ज़मीन और सबकुछ गंवा कर चुकाना पड़ा।
जब जब मुनाफ़िक़ अरब हुकमरा ने इस्राएल से दोस्ती का हाथ बढ़ाया और फिलिस्तीन को नज़रंदाज कर दिया तब तब इस्राएल फिलिस्तिनियो का ज़मीन कब्ज़ा किया है। अमेरिका यही चाहता है के फिलिस्तीन का मसला सिर्फ कमज़ोर फिलिस्तिनियो तक रह जाए, ताकि जब चाहे जैसे चाहे उसके ज़मीन को कब्ज़ा कर ले और उसे वहाँ से शरणार्थी बना कर, बॉमबारी करके, खाना पानी दवा सबकुछ बंद करके, हॉस्पिटल पर बॉम्ब की बारिश करे, मस्ज़िदों,हॉस्पिटल, एंबुलेंस, रेफूजी कैंपस, पर बॉम्ब गिराकर फिलिस्तिनियो को खून से लहुलाहान करे।
''इसराइल के दहशत गर्द पर मगरीब को उसके पाखंड और दोहरे मानदंड के लिया घेरा जा सकता है लेकिन क्या अरब इस मामले में दूध का धुला है?
क्या फ़लस्तीनियों को किनारे करने के लिए अरब के देश ज़िम्मेदार नहीं हैं?
क्या अरब हुकम्रानो ने फिलिस्तिनियो के लाश पर इस्राएल से रिश्ते नही बनाये है।
UAE ने तो साफ कर दिया के "चाहे कुछ भी हो मै इस्राएल से अपना ट्रेड खतम नही करूँगा"
क्या सुन्नियो का नेता और गुलाम OIC का हेड बनने वाला सऊदी अरब फिलिस्तिनियो के क़त्ल ए आम मे शामिल नही है?
इसराइल से रिश्ते मजबूत करने की होड़ में अरब के देश फ़लस्तीनियों के मुद्दे पर बात करते हुए कहते हैं कि इसराइल अब फ़लस्तीन के किसी और इलाक़े को अपने में नहीं मिलाने पर सहमत हो गया है. हालांकि इसराइल ठीक इसके उलट करता रहा है.''
क्या यह कहना काफी हो जायेगा के इस्राएल अब फिलिस्तिनियो के ज़मीन को कब्ज़ा नही करेगा?
ग्ज़ा मे अब तक क्या हुआ?
8 ओक्टोबर से 4 नोवेम्बर 2023 तक इजरायली दहशत गर्द IDF ने 9488 लोगो का जनसंहार किया, जिसमे 3900 बच्चे और 2500 औरतें है
पिछले एक घंटे मे 10 बड़े धमाके हुए जिसमे 231 फिलिस्तिनियो का क़त्ल ए आम हुआ।
2200 लोग के मलबे मे दबे होने या न मिलने की खबर है जिसमे। 1250 बच्चे शामिल है।
आतंकी इस्राएल ने पिछले 24 घंटे मे तीन हॉस्पिटल कई एंबुलेंस को निशाना बनाया।
अल शिफा हॉस्पिटल
अल क़ुदस् हॉस्पिटल
इंडोनेशियन हॉस्पिटल शामिल है।
31 रिपोर्टर इजरायली बॉम्बारि मे ममारे गए।
इतना कुछ होने के बाद अरब हुकमराँ एक दूसरे को फोन कर रहे है, मीटिंग कर रहे है और निंदा का बैलेस्टिक मिसाइल दाग रहे। वह हर 3 - 4 दिन पर एक बयान इसलिए जारी कर रहे है ताकि अवाम को लगे के बादशाह कुछ जरूर कर रहा है। अवाम के गुस्से को शांत करने के लिए ये सलेबी कठपुतली हुकमराँ निंदा कर रहे है।
सऊदी अरब इसी मे म्यूजिक फेस्टिवल की मेजबानी कर रहा है।
फुटबॉल क्लब और खिलाडी खरीद रहा है।
फीफा की मेजबानी मे लगा है।
UAE का क्या कहना... वह तो इस्राएल का दीवाना है और अमेरिका का माशुका। उसने अबतक इस्राएल के आतंक पर कुछ नही बोला, फिलिस्तिनियो के नरसंहार पर कुछ नही बोला है बल्कि अमेरिकी हथियारो का जहाज़ UAE के बन्दरगाह के जरिये इस्राएल पहुँच रहा है। इससे UAE को पैसे मिलता है उसके पोर्ट से होकर जाने का और उसी हथियार से फिलिस्तिनियो का क़त्ल ए आम हो रहा है। यानी UAE ने फिलिस्तिनियो के जान का सौदा कर लिया है।
तुर्किये जो उस्मानिया सलतन्त् का वारिस है और एरदोगन उसका सुल्तान बना है उसने अभी तक बयाँबाजि के अलावा न कुछ किया है और न करेगा।
इसी तुर्किये के जरिये आज़रबैजन् इस्राएल को तेल भेज रहा है।
जोर्डन भी अमेरिकी हथियारो और तेल को अपने पोर्ट के जरिये इस्राएल भेज रहा है।
तुर्किये अपने 100 साल पूरे होने पर नाच गाना करके जश्न मना रहा है।
सारी दुनिया के मुसलमान इस्राएल और उसके समर्थको का सामान का बॉयकॉट कर रहे है लेकिन सऊदी अरब मे इजरायली कंपनी के सामान को प्रोमोट कर रहे है।
अरबो को सलेबी और सह्युनियो ने यह समझा रखा है के आपको की डर नही है लिहाज़ा अरबो ने यूरोप को अपना मुहाफिज बना रखा है। असल मे वे अरबो के मुहफ़िज़ नही है बल्कि इस्राएल का मुहफ़िज है।
इसी बीच फिलिस्तिनि नेता मेहमुद् अब्बास गायब है।
कई लोग उसके उर्दू नाम से उसे मुसलमान समझते है लेकिन वह मुसलमान नही है बहाई है, सलेबी सह्युनियो का कठपुतली है जिसे इस्राएल अपने हितो को पुरा करने के लिए बैठाया है। जिसका इस्लाम से कोई लेना देना नही है। इसलिए महमूद अब्बास को या यासिर अरफात जो हमजिंसीयत मे सारी ज़िंदगी गुजार दिया। फिलिस्तिनियो का खैरखवाह और नुमाइंदा समझने की गलती न करे। फिलिस्तिनियो का वाहिद खैरख्वाह और नुमाइंदा जमात हमास है जो महाज़ पर सह्युनियो, सलेबी और सलेबी कठपुतली अरबी से मुकाबला कर रहा है।
अरब हुकमरा चाहते है के दूसरे मुस्लिम मुमालिक भी उनकी तरह इस्राएल को तसलिम कर ले, वे उन मुस्लिम देशो पर दबाओ डालते है जो उनसे तेल और गैस खरीदते है, अरब अफ़ग़ानिस्तान मे तालीबान हुकूमत को तसलिम नही किये क्योंके उनपर अमेरिका का दबाओ है और अरबो ने इस्राएल को इसलिए तसलिम किया के अमेरिका ने UAE, जोर्डन वगैरह देश को ऐसा करने के लिए धमकी दिया।
इस तरह अरबी सलेबियो का कठपुतली है और सलेबी अरबो के जरिये बाकी मुस्लिम दुनिया से भी वही करवाना चाहता है। अरब बादशाह अरबो के मीर जाफर और मीर सादिक है। अरब बादशाहो के सलतंत् के ऐन बीच मे इस्राएल फिलिस्तिनियो का क़त्ल ए आम कर रहा है। जिसपर दुनिया का हर बाज़मीर चींख उठा लेकिन अरब रश्क, म्यूजिक और मुजरा का लुत्फ़ उठा रहे है। ग़ज़ा के मजलुमो के आवाज़ को भी दबा रहे है, मुज़ाहिरे पर पाबंदी है। ये अरब हुकमराँ उम्मत के रहनुमा नही उम्मत के खून के प्यासे है जिसने सलेबियो से अपने बिजनेस के लिए फिलिस्तिनियो के जान का सौदा किया है। ऐसे अरब जो एक मुसलमान के खून बहाने को जाएज़ ठहरा दे, या किसी मुसलमान बस्ती के खातमे का सोचें ऐसा हुकमराँ न हमारा रहनुमा है और न रहनुमा बन सकता है। इन अरब बादशाहो का ज़वाल भी इस्राएल को तसलिम (मान्यता) करने की वज़ह से ही होगा। अरब मे इस्लामी इंकलाब की जरूरत है। दुनिया की जिंदगी सिर्फ खेल तमाशे के अलावा कुछ भी नही है बस इंतेजार करे क़यामत खुद बताएगी क़यामत क्यो जरूरी थी?
एक अमेरिकी ऑफिसर ने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा है।
"इस्राएल हमास को शिकसत् देने के मकसद मे अकेला नही है। मैंने खित्ते के अरब रहनुमाओ से बात की जिसे मै काफी अरसे से जानता हूँ। सब ने एकसाथ कहा के ग़ज़ा मे हमास को तबाह होना चाहिए , उन्होंने मुझे निजी तौर पर बताया। जबकि उनके अवाम की राय अलग थी, वे ज़मीनी हकीकत से वाक़िफ़ नही थे"
अमेरिकी एलचि डैनिश राइस
अब आप समझ सकते है के इस घर को आग लगी है तो घर के ही चिराग से। अरब देश अमेरिका के कहने पर हमास को एक दहशत गर्द तंजीम मानता है।
अमेरिका ने जब जिसे तसलिम करने को कहा तो अरबो ने उस तसलिम किया, जिसका बॉयकॉट करने को कहा उसका बॉयकॉट किया है।
सऊदी यहूदि भाई भाई
सलेबी अरबी भाई भाई
बैतुल मुकद्दस को मुसलमानो ने अबतक तीन बार आज़ाद कराया है।
637 मे उमर रजि अल्लाहु अनहु
1187 मे सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी
1516 मे याउज् सुल्तान सलीम।
Israel murdabad
ReplyDeleteYa Allah Amerika,UK,France, Germany ko tabah o barbad kr de uske bad Israel ko nest o nabud kar de. Aei Allah israel ko mitane se pahle Israel ke supporters ka nam o nishan mitana.
ReplyDeleteYa Allah Tere Mahbub ke waste Palestinian ki hifazat frma, Ya Allah Israel Ko mita de, use is zamin se hamesha ke liye khatam kar de
ReplyDeleteMasha Allah
ReplyDeleteAllah Arabo ko hidayat de, Arab hukmrano ko Salebi w sahyuniyo se hifazat kar aur Yahud o nsara ke fitne se mahfuz rakh
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