Musalmano ke Khilaf Salebi aur Sahyuni Ek sath Jung me.
America Ise Islam ke khilaf "Holy War" Samajhta hai, Pura Yahudi o Nasrani ek sath Musalmano ke khilaf Maidan-E-Jung me Khada hai lekin Arab ise Sirf Palestine ka masla aur Musalman ise Arab aur Gza ka Masla Samajh rahe hai.ऐ ईमान वालो तुम यहूदियों और नासराणियो को यार व मददगार न बनाओ, ये दोनो खुद ही एकदूसरे के यार ओ मदद गार है। और तुम मे से जो शख्स उनकी दोस्ती का दम भरेगा तो फिर वह उन्ही मे से होगा। यकिनन अल्लाह जालिम लोगो को हिदायत नही देता।
शहादत है मत़लूब मक़सूद मोमिन
ना माले ग़नीमत ना किश्वर कुशाई।
जब उम्मत ए मुस्लेमा जिहाद से गाफ़िल् हो गयी तो सलेबी व सह्युनि मुसलमानो पर हाकिम बन गए, दुनिया की सारी क़ौमे मुसलमानो के खिलाफ इकट्ठा होने लगी, उनकी हालत शेरो जैसी होने लगी और
मुसलमानो की हालत बिल्कुल लौंडियो जैसी हो गयी।
अगर आप फिलिस्तीन की आज़ादी चाहते है और इजरायली सामान खरीद कर इस्तेमाल भी करते है तो समझ जाए के आप फिलिस्तिनियो का खून बहाने, मस्जिदो पर बॉमबारी करने की फंडिंग कर रहे है। साथ साथ आप झूठ भी बोल रहे है के मै क़ीबला ए अव्वल की हीफाज़त चाहता हूँ। जितना यहूद ओ नसारा और अरबो का फिलिस्तिनियो के खून से हाथ रंगे है उतना ही आप भी शामिल है इसमे।
पढ़ता हूँ तो पूछती है यह खालिक की किताब
बे मिशल यहूदि, यह सऊदी भी अज़ाब,
इस क़ौम के बारे मे क्या लिखू फराज़
काबे की कमाई से जो पीती है शराब्।
आज मुसलमानो और इस्लाम के खिलाफ सलेबी सह्युनि दोनो मैदान ए जंग मे तौनात् है लेकिन मुसलमानो को मस्ज़िद अकसा सिर्फ फिलिस्तीन का मसला दिखाई देता है, अरब इसे सिर्फ ग़ज़ा का मामला समझते है। सह्युनि और सलेबी समझ गए लेकिन मुसलमान नही समझे क्योंके दरबारी मौलवियो, स्क्रिप्टेड इमामो, मुशायरा कव्वाली गाने वाले को अपना रहबर बनाये हुए है।
अरबो के खज़ाने की चाबी सलेबियो के पास है.
अरब बादशाहो का क़ीबला ए अव्वल वाइट हाउस है।
मुसलमानो का नेता और OIC का हेड सऊदी अरब की सियासी सफर, जब उसने मुसलमानो के साथ गद्दारी की।
फिलिस्तीन और मुस्लिम हुकमराँ व अवाम।
अरबी सलेबी भाई भाई - यहूदि सऊदी भाई भाई।
अरब मे खिलाफत किसने खत्म किया और इक़तदार के लिए मुसलमानो के साथ गद्दारी की?
मस्जिद ए अकसा की आज़ादी और जिहाद का वक़्त।
ईसाई फिलिस्तिनियो के नरसंहार को "हॉली वार" कह रहे है और सह्युनियो को हथियार, सियासी,माली मदद कर रहे है।
जितनी रफ्तार से फिलिस्तीन मे दवा और राहत समाग्रि नही पहुँच रही है उससे कही दस गुना रफ्तार से IDF को हथियार पहुँच रहे है, सऊदी यमन के तरफ से, अमेरिका अरब खाडी के तरफ से,जोर्डन इराक किं तरफ से इस्राएल की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी संभाल रहा है। मुसलमानो ने फिलिस्तिनियो को अकेला छोड़कर उन्हे धोका दिया है, फिलिस्तिनियो के साथ गद्दारी किया है।
अमेरिकी सदर जोसेफ बाइडेन ने तमाम मुस्लिम मुमालिक, मुस्लिम संगठन, जंग बंदी, फिलिस्तिनियो के अधिकार, UN और सारी दुनिया को चैलेंज किया है?
उसने एलान किया है के येरुसलम् फिलिस्तीन से छीन लिया जाए, और इसे इस्राएल को दे दिया जाए। क्योंके यह इलाका यहूदियों का है और अमेरिका ईसाई देश है। आज आलम ए इस्लाम और उम्मत ए मुस्लेमा के खिलाफ ईसाई यहूदियों के साथ खड़े है। क्योंके यह दोनो इस्लाम विरोधी है। यह हमेशा मुसलमानो के खिलाफ थे और रहेंगे, बस ज़हिरी तौर पर खुद को सेकुलर का ढोंग करके दुनिया को इंसानियत पर सबक सिखाते है।
अमेरिका और पूरी ईसाई दुनिया का कहना है के हम इस्राएल के साथ उसके मिसाइल हथियार और ग़ज़ा व फिलिस्तीन को खत्म करने के लिए 30 बिलियन डॉलर की मदद, हथियार, राजनीतिक कुत्नीतिज्य और सामरिक मदद के साथ खड़े है।
उसने इसे इस्लाम और मुसलमानो के खिलाफ क्रुशेड् और होली वार का नाम दिया है। यहूदि आलिम ने कहा है "इजरायली फ़ौजों को इस्राएल औरतो को छोड़कर फिलिस्तिनि व मुसलमान औरतों का बलताकार और रेप करना चाहिए।"
जैसा के अमेरिकन, ब्रिटिश, रोमन, बिज़ान्टीन सम्राज्य करते आया है, वह उसी परंपरा को दोहरा रहा है।
मगर अरब हुकमराँ इसे सिर्फ ग़ज़ा का मसला समझकर नाच गाने मे लगे है, अरबो ने उस्मानिया सलतंत् के खिलाफ अंग्रेजो से मिलकर गद्दारी की, वही अंग्रेज़ उस्मानिया सलतनत के ज़मीन पर फिलिस्तिनियो को भगाकर यहूदियों को बसा दिया और इस्राएल नाम का नजाएज़ देश बनाया। जो 1948 से अरबो का क़त्ल ए आम कर रहा है। अरब हुकामराँ और इस्राएल मे समानता यही है। दोनो को ब्रिटिश ने बनाया। ब्रिटिश से पहले इस्राएल नाम का कोई देश नही था बल्कि वह फिलिस्तीन था जो उस्मानिया समराज्य का हिस्सा था और अरब भी। इस्राएल को पैदा किया ब्रिटेन ने और बड़ा किया अमेरिका ने। अरब और इस्राएल दोनो अमेरिका का वफादार दोस्त है। मगर अरबो के ज़मीन पर बसा इस्राएल हमेशा फिलिस्तिनियो का क़त्ल ए आम करता है तो अरब खामोश रहते है और अमेरिका इस्राएल का हर तरह से। मदद करता है।
अरबो ने इस्राएल को तसलिम किया और दूसरे मुस्लिम मुमालिक पर भी दबाओ डाल रहा है के तुमसब् भी इस्राएल के साथ मिल जो और अब्राहम एकार्ड्स अपना लो।
ऐ मुसलमानो जो अपने दिन, अपने भाईयो और अपने मुकद्दस मकामात् से हकीकी मुहब्बत और फिकर करता है। जो वाक़ई अक्सा मस्ज़िद और फिलिस्तीन की आज़ादी चाहता है।
इस्राएल की हिमायत करना और अमेरिका की पॉलिसियो का प्रचार करना बंद करे।
हमसब से क़यामत के दिन यह सवाल किया जायेगा और हमसे हिसाब लिया जायेगा।
ईसाई कंपनी,हुकूमत, देश, नेता, मंत्री, मीडिया, रिपोर्टर, एक्टर, सब के सब इस्राएल को फंडिंग कर रहे है फिलिस्तिनियो का खून बहाने के लिए। अगर आप भी इन नेताओ और कंपनियों के सामान खरीद कर खाते है तो समझिये आप सब अपने फिलिस्तिनि भाई का खून पी रहे है।
स्टारबक्स कॉफि कंपनी के सदर ने कहा के वह अरब आज़ादी पसंदो को मारने के लिए इस्राएल को पहले से अब दोगुना मदद करेगा। वह इस्राएल को सालाना 2 बिलियन डॉलर अदा करने के लिए जाना जाता है स्टारबक्स के मुनाफे से।
फिलिप मोर्स कंपनी ( मार्लबोरो सिग्रेट की प्रोड्यूसर) रोजाना इस्राएल को मदद करती है। इसका मुनाफा का 12% इस्राएल को जाता है।
पूरी मुस्लिम दुनिया मे सिग्रेट नोशी करने वाले ग़ज़ा के लोगो को, मस्ज़िदों को, अस्पतालो को बॉम्ब से तबाह करने मे इस्राएल की मदद करते है।
100 मिलियन डॉलर की क़ीमत के साथ थांबको नोशी करने वाले।
मुसलमान रोज़ इस्राएल को 12 मिलियन डॉलर की मदद कर रहे है फिलिस्तिनियो के क़त्ल ए आम मे, मस्ज़िदों को बॉम्ब से उडाने मे, अस्पतालो मे मरीजों को मारने मे, एंबुलेंस, रेफूजी कैंपस पर मिसाइल मारने मे।
एक F16 विमान की क़ीमत है 50 मिलियन डॉलर। जिसका मतलब है के मुसलमान हर चार दिन मे एक जंगी जहाज़ की क़ीमत अदा कर रहा है इस्राएल को जिससे वह अस्पतालो और मस्ज़िदों पर बॉम्ब की बारिश किये हुए है।
बदक़िस्मती से... वह मुसलमानो पर बमो की बारिश करने के लिए चंदा इकट्ठा कर रहा है और मुसलमान उसके मुहिम को कामयाब बनाने मे हर तरह से मदद कर रहे है।
इससे पहले के हम अपने भाईयो की मदद कर सकें, फिलिस्तिनियो के दुश्मनो की हिमायत करना छोड़ दे।
सऊदी अरब ने कहा है के हम तेल को हथियार नही बनाएंगे। दूसरी तरह सऊदी अरब के रियाद मे मुजिक फेस्टिवल मनाया जा रहा है। नाच गाने हो रहे है।
UAE के बैंक अल फलाह ने फिलिस्तीन की मदद के लिए बनाये गए ट्रस्ट के एकाउंट को बंद कर दिया, ताकी इससे फिलिस्तीन को जो लोग मदद करना चाहते है उसे न पहुँचे।
सऊदी कहता है हम तेल को हथियार नही बनाएंगे, UAE कहता है हम इस्राएल से किसी भी कीमत पर अपना बिजनेस बंद नही करेंगे, उससे अपना राजदूत नही बुलाएँगे, जोर्डन अपना एयरबेस इस्राएल को इस्तेमाल करने के लिए दिया है, सऊदी, UAE का एयरबेस पहले से ही अमेरिका इस्तेमाल करता है अब उसे इस्राएल फिलिस्तिनियो पर बॉम्बारि करने के लिए इस्तेमाल कर रहा है।
स्टारबक्स
कोकाकोला
बर्गर, पिज़्ज़ा
पेप्सी, आमाज़ॉन
फेसबुक, X, इंस्टाग्राम, मेटा, सब आज मुसलमानो के खिलाफ सह्युनियो के साथ मैदान ए जंग मे उतरे है। लेकिन मुसलमान जिसे अपना रहबर समझ कर फखर महसूस करते है उन्होंने फिलिस्तिनियो के सिर्फ निंदा का बलास्टि मिसाइल अभी तक छोड़ा है। अरब हुकमराँ को सिर्फ तख्त चाहिए चाहे वह किसी भी तरह से हो। अरबो को फिलिस्तीन की कोई फिकर नही। फिलिस्तीन के लिए अरबो के तरफ से सिर्फ ब्याबाजी हुई है, हर 3-4 दिन पर एक बयान, स्पीच, स्टेटमेंट्, देकर सो जाते है उसी को लेकर आप खाइये, पीजिये, सोइये और अरबो का एहसान मानिये।
इस्राएल ने हॉस्पिटल पर बॉम्बारि कर के 11000 से ज्यादा लोगो को मारा, कहाँ है वह जो मुसलमानो का नेता बनने को तैयार रहता है?
किधर है वह सुन्नी मुसलमानो का रहनुमा ?
किधर है वह OIC का हेड जो अपनी मन मर्ज़ी से दूसरे मुस्लिम मुमालिक को अलग थलग करने मे लगा रहता है।
कहाँ है वह 40 देश के आर्मी चीप जो UN के कहने पर शांति सेना भेजता है?
कही ये OIC (Orgnization of Israels Co -Opration) तो नही? .
किधर है वह अरब मुमालिक जो अमेरिका की चाकरी करने और मुखबिरी करने मे लगा रहता है, उसका दोस्त अमेरिका और ब्रिटेन किधर है? जिसने उस्मानिया सलतनत से आज़ादी के लिए अंग्रेजो का साथ दिया था?
आप अगर कुछ करना चाहते है तो इजरायली सामान का बॉयकॉट करे।
यह पैगाम दुसरो तक जरूर पहुचाये, दूसरे मुसलमान भाईयो से इस्के बारे मे जरूर बातें करे।
इस्राएल को यह सब करने के लिए कहा से मदद मिल रही है?
नापाक वज़ूद इस्राएल जो आज कर रहा है या 1948 से करता आरहा है... सिर्फ अमेरिका की हिमायत से, ब्रिटेन, फ्रांस की हिमायत से। अगर सलेबी सह्युनि को मदद करना बन्द कर दे तो आज झुक जायेगा। जैसे कुछ होता है अमेरिका हथियार भेजना शुरू कर देता है।
इसमे असल मुज़रिम कौन है? अमेरिका. जिसके बारे मे बात करने से मीडिया, हुकमराँ और माहेरिन डरते है, मीडिया इस पर बात नही करता क्योंके उसे अमेरिका के तरफ से मिले हुए इनाम का भी लाज रखना।
लिहाज़ा आम मुसलमानो को सोचना होगा के अरबो का, तुर्किये का, पाकिस्तान का, मिस्र का सबसे करीबी पार्टनर् कौन है? वह अमेरिका है, इस्राएल को मदद कौन देता है वह अमेरिका है। लिहाज़ा अगर जादूगर की जान तोते मे है तो जादूगर को मारने से नही मरेगा बल्कि तोता को पकड़ना होगा,। तोते की गर्दन जब कटेगी तब ये तागुत् खत्म होगा। इसके लिए आल्मी सतह पर मुस्लिम दुनिया को चीन और रूस के खेमे मे जाना। होगा।
पहले अपने दुश्मन को पहचाने। कौन है जिसकी ताकत पर इस नजाएज़ वज़ूद को नाज़ है?
हर नमाज़ में अपने फिलिस्तीनी भाईयों और मुजाहीदीन के लिए ज़रूर दुआ करें। कम से कम हम इतना तो कर ही सकते है। आप अब फिलिस्तीन के लिए जरूर दुआ करे।
या अल्लाह फिलिस्तीन को आज़ाद कर और मस्ज़िद ए अक्सा की हीफाजत फरमा,फिलिस्तीन की आज़ादी के लिए कोशिस करने वालो की मदद कर और ज़ालिम को उसके ज़ुल्म के साथ बर्बाद कर दे। इस्राएल को मदद करने वाले को मिटा दे। आमीन
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