Muslim Auratein Hijab Kyu Rakhti Hai?
इस्लाम ने औरत के लिये पर्दे की शर्त क्यों रखी है? आइये इस तथ्य पर भी विचार करें।
सड़क पर अगर कोई कीमती चीज़ खुली पड़ी हो तो हर राहगीर की नीयत खराब होती है और वो उसे उठाने की फिराक में रहता है। सड़क पर गिरी-पड़ी चीज़ को उठाने की कोई कड़ी सज़ा नहीं है। लेकिन यही कीमती चीज़ किसी मकान या दुकान में रखी हो, उसके दरवाजे पर ताला लगा हुआ हो और कोई शख्स ताला तोड़कर वो चीज उड़ा ले तो उसे नकबजनी डकैती कहा जाता है और उसके लिये कड़ी सजा दी जाती है।
ठीक इसी तरह औरत की अस्मत व पाकदामनी इस्लाम धर्म के मुताबिक़ बेशकीमती चीज़ है उसे पर्दे के ताले में रखने की ताक़ीद इसलिये है ताकि हर कोई मनचला उसके साथ बदतमीज़ीन करे। पर्दे में होने के बावजूद अगर औरत के साथ कोई आदमी बदकारी जैसा गुनाह करता है या उस पर झूठा इल्ज़ाम लगाता है तो फिर इस्लाम कड़ी सज़ा देकर औरत को इंन्साफ़ दिलाता है।
पर्दे के बारे में जानकारी: कुछ लोग यह इल्ज़ाम लगाते हैं कि इस्लाम ने पर्दे के ज़रिये औरतों की आजादी छीन ली, उसपर जुल्म किया है और उसे दूसरे दर्जे का इन्सान बनाकर रख दिया, उन लोगों से गुज़ारिश है कि वे कुरआन की इन आयतों को गौर से पढ़ें.
‘और मोमिन औरतों से कहो कि वे भी अपनी निगाहें नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफाज़त करें। और अपनी जीनत जाहिर न करें सिवाय उसके जो ज़ाहिर हो जाए। और अपने सीनों पर अपनी ओढनियों के आँचल डालें। और अपनी जीनत ज़ाहिर न करें मगर अपने शौहर के सामने या अपने वालिद या शौहर के वालिद या अपने बेटों या शौहर के बेटों या अपने भाइयों या अपने भतीजों या अपने भांजों या अपनी औरतों या अपने गुलामों या उन मातहत मर्दो के सामने जो औरतों की चाहत नहीं रखते हों या उन बच्चों के सामने जो औरतों की पोशीदा बातों से वाकिफ़ न हुए हों। और अपने पाँव जमीन पर मारती हुई न चलें कि जो सिंगार उन्होंने छुपा रखा है वो मालूम हो जाए। और ऐ ईमानवालों! तुम सब अल्लाह के आगे तौबा करो ताकि तुम फलाह पाओ।'. (सूरह नूर : 31)
TO BE CONTINUE Insha'Allah
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