Do Larkiya Ek Hijab Me Aur Ek Mini Skirt Me. (Part 05)
सवाल: इस्लाम औरतों को पर्दे में रख कर उनका अपमान क्यों करता है?
लिबास के ज़रिये पर्दा करने के साथ-साथ आँखों और विचारों का भी पर्दा करना चाहिये। किसी व्यक्ति के चाल-चलन, बातचीत एवं व्यवहार को भी पर्दे के दायरे में लिया जाता है। पर्दा औरत का मुहाफ़िज़ (रक्षक) है।
पर्दे की नसीहत औरतों को ही क्यों की जाती है इसके कारण का मुक़द्दस कुरआन की
सूरह अल अहज़ाब में ज़िक्र किया गया है-
‘ऐ नबी! अपनी बीवियों और अपनी बेटियों और ईमानवालों की औरतों से कह दो कि अपने ऊपर अपनी चादरें डाल लिया करें। यह इस लिहाज़ से ज़्यादा मुनासिब है कि उनकी पहचान हो जाए और सताई न जाएं। और अल्लाह माफ़ करने वाला और रहम करने वाला है
(सूरह अहज़ाब: 59)
मुक़द्दस कुरान में अल्लाह ) फ़र्माता है कि औरतों को पर्दे की नसीहत इसलिये की गई है कि वे पाकदामन शरीफ़ज़ादियों के रूप में देखी जाएं। कुरान में यह भी बताया गया है कि पर्दे की वजह से उनके साथ बुरा बर्ताव नहीं होता।
जुड़वां बहनों की मीसालः
मान लीजिए कि समान रूप से खूबसूरत दो जुड़वा बहनें सड़क पर चल रही हैं। एक बहन पूरी तरह इस्लामी पर्दे में है और दूसरी पश्चिमी कपड़े मसलन् मिनी स्कर्ट (छोटा लहंगा) और टॉपर पहने हुए हो। कोई लफंगा किसी लड़की को छेड़ने के लिए सड़क के किनारे खड़ा हो तो ऐसी स्थिति में वह किससे छेड़-छाड़ करेगा?
उस लड़की से
जो पर्दे में है या उससे जो मिनी स्कर्ट पहने हुए है।
स्वाभाविक रूप से वह दूसरी वाली लड़की से छेड़छाड़ और बुरा बर्ताव करेगा। ऐसे कपडे विपरीत लिंग को अप्रत्यक्ष रूप से छेड़-छाड़ करने और बुरा बर्ताव करने की दावत देते हैं।
कुरआन बिल्कुल सही कहता है कि पर्दा औरतों के साथ छेड़-छाड़ और उत्पीड़न को रोकता है।
TO BE CONTINUE Insha'Allah
way OfJannah Institute
लिबास के ज़रिये पर्दा करने के साथ-साथ आँखों और विचारों का भी पर्दा करना चाहिये। किसी व्यक्ति के चाल-चलन, बातचीत एवं व्यवहार को भी पर्दे के दायरे में लिया जाता है। पर्दा औरत का मुहाफ़िज़ (रक्षक) है।
पर्दे की नसीहत औरतों को ही क्यों की जाती है इसके कारण का मुक़द्दस कुरआन की
सूरह अल अहज़ाब में ज़िक्र किया गया है-
‘ऐ नबी! अपनी बीवियों और अपनी बेटियों और ईमानवालों की औरतों से कह दो कि अपने ऊपर अपनी चादरें डाल लिया करें। यह इस लिहाज़ से ज़्यादा मुनासिब है कि उनकी पहचान हो जाए और सताई न जाएं। और अल्लाह माफ़ करने वाला और रहम करने वाला है
(सूरह अहज़ाब: 59)
मुक़द्दस कुरान में अल्लाह ) फ़र्माता है कि औरतों को पर्दे की नसीहत इसलिये की गई है कि वे पाकदामन शरीफ़ज़ादियों के रूप में देखी जाएं। कुरान में यह भी बताया गया है कि पर्दे की वजह से उनके साथ बुरा बर्ताव नहीं होता।
जुड़वां बहनों की मीसालः
मान लीजिए कि समान रूप से खूबसूरत दो जुड़वा बहनें सड़क पर चल रही हैं। एक बहन पूरी तरह इस्लामी पर्दे में है और दूसरी पश्चिमी कपड़े मसलन् मिनी स्कर्ट (छोटा लहंगा) और टॉपर पहने हुए हो। कोई लफंगा किसी लड़की को छेड़ने के लिए सड़क के किनारे खड़ा हो तो ऐसी स्थिति में वह किससे छेड़-छाड़ करेगा?
उस लड़की से
जो पर्दे में है या उससे जो मिनी स्कर्ट पहने हुए है।
स्वाभाविक रूप से वह दूसरी वाली लड़की से छेड़छाड़ और बुरा बर्ताव करेगा। ऐसे कपडे विपरीत लिंग को अप्रत्यक्ष रूप से छेड़-छाड़ करने और बुरा बर्ताव करने की दावत देते हैं।
कुरआन बिल्कुल सही कहता है कि पर्दा औरतों के साथ छेड़-छाड़ और उत्पीड़न को रोकता है।
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