Jannat Me Sabse Jyada Kin logo ki tadad hogi?
جنت میں اکثریت کس کی ہوگی؟
جنت میں اکثریت غریبوں کی ہوگی، جیساکہ رسول صادق ومصدوق صلی اللہ علیہ وسلم کا فرمان ہے:
{اطلعت في الجنة فرأيت أكثر أهلها الفقراء...}
(صحيح البخاري:3241 صحيح مسلم:2737}
"میں نے جنت میں جھانکا تو دیکھا کہ اس میں اکثر غریب لوگ ہیں۔"
نوٹ:
اس کا ہرگز یہ مطلب نہیں ہے کہ مالدار لوگ جنت میں نہیں جائیں گے۔
اور نہ یہ مطلب ہے کہ غريب لوگ صرف اس وجہ سے جنت میں جائیں گے کہ وہ غریب ہیں۔
✍ جنت میں داخلے کا معیار امیری وغریبی نہیں بلکہ ایمان وعمل ہے۔
✍ چنانچہ جو شخص بھی کے ایمان وعمل کی دولت سے مالا مال ہوگا اور اس کی یہ دولت کفر وشرک سے محفوظ ہوگی تو وہ چاہے امیر ہو یا غریب اللہ کے فضل ورحمت سے جنت میں ضرور داخل ہوگا۔
✍ البتہ اتنا ضرور ہے کہ جنت میں جانے والوں میں امیروں کی بنسبت غریبوں کی تعداد زیادہ ہوگی۔
کیونکہ:
✍ تاریخ شاہد ہے کہ ایمان وعمل میں ہمیشہ یہی لوگ سبقت حاصل کرتے رہے ہے۔
✍ دینی رنگ وروپ ان ہی لوگوں کی زندگی میں زیادہ نمایاں نظر آتا ہے۔
✍ عام طور پر مسجدیں ان ہی لوگوں سے آباد رہتی ہیں۔
✍ دینی تعلیم اور دعوت وتبلیغ میں عموماً یہی لوگ پیش پیش رہتے ہیں۔
✍ صبر جیسی عظیم دولت بھی ان ہی لوگوں کے حصے میں زیادہ آتی ہے۔
✍ ان لوگوں کے گناہ بھی نسبتاً کم ہوتے ہیں۔
ان لوگوں میں سنگ دلی، ناشکری، تکبر اور سرکشی جیسی بری عادتیں بھی کم پائی جاتی ہیں۔
دنیا میں بھی ہمیشہ ان ہی لوگوں کی تعداد زیادہ رہی ہے۔
اللہ تعالی ہم سب کو جنت میں داخلہ نصیب فرمائے۔
{اطلعت في الجنة فرأيت أكثر أهلها الفقراء...}
(صحيح البخاري:3241 صحيح مسلم:2737}
"میں نے جنت میں جھانکا تو دیکھا کہ اس میں اکثر غریب لوگ ہیں۔"
نوٹ:
اس کا ہرگز یہ مطلب نہیں ہے کہ مالدار لوگ جنت میں نہیں جائیں گے۔
اور نہ یہ مطلب ہے کہ غريب لوگ صرف اس وجہ سے جنت میں جائیں گے کہ وہ غریب ہیں۔
✍ جنت میں داخلے کا معیار امیری وغریبی نہیں بلکہ ایمان وعمل ہے۔
✍ چنانچہ جو شخص بھی کے ایمان وعمل کی دولت سے مالا مال ہوگا اور اس کی یہ دولت کفر وشرک سے محفوظ ہوگی تو وہ چاہے امیر ہو یا غریب اللہ کے فضل ورحمت سے جنت میں ضرور داخل ہوگا۔
✍ البتہ اتنا ضرور ہے کہ جنت میں جانے والوں میں امیروں کی بنسبت غریبوں کی تعداد زیادہ ہوگی۔
کیونکہ:
✍ تاریخ شاہد ہے کہ ایمان وعمل میں ہمیشہ یہی لوگ سبقت حاصل کرتے رہے ہے۔
✍ دینی رنگ وروپ ان ہی لوگوں کی زندگی میں زیادہ نمایاں نظر آتا ہے۔
✍ عام طور پر مسجدیں ان ہی لوگوں سے آباد رہتی ہیں۔
✍ دینی تعلیم اور دعوت وتبلیغ میں عموماً یہی لوگ پیش پیش رہتے ہیں۔
✍ صبر جیسی عظیم دولت بھی ان ہی لوگوں کے حصے میں زیادہ آتی ہے۔
✍ ان لوگوں کے گناہ بھی نسبتاً کم ہوتے ہیں۔
ان لوگوں میں سنگ دلی، ناشکری، تکبر اور سرکشی جیسی بری عادتیں بھی کم پائی جاتی ہیں۔
دنیا میں بھی ہمیشہ ان ہی لوگوں کی تعداد زیادہ رہی ہے۔
اللہ تعالی ہم سب کو جنت میں داخلہ نصیب فرمائے۔
जन्नत में किसकी बहुमत होगी?
जन्नत में ग़रीबों की बहुमत होगी, जैसाकि रसूल सादिक़ व मसदूक़ सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इरशाद फ़रमया कि:
{اطلعت في الجنة فرأيت أكثر أهلها الفقراء...}
(صحيح البخاري:3241 صحيح مسلم:2737}
मैंने जन्नत में झांका तो देखा कि उसमें अधिक्तर ग़रीब लोग हैं۔
नोट:
✍ इसका हरगिज़ यह मतलब नहीं है कि मालदार लोग जन्नत में नहीं जाएंगे।
✍ और न यह मतलब है कि ग़रीब लोग सिर्फ़ इस कारण जन्नत में जाएंगे कि वह ग़रीब हैं।
✍ जन्नत में दाख़िले की कसौटी अमीरी और ग़रीबी नहीं बल्कि ईमान और अमल है।
✍ अत: जो व्यक्ति भी ईमान व अमल की दौलत से मालामाल होगा और उसकी यह दौलत कुफ़्र व शिर्क से सुरक्षित होगी तो वह चाहे अमीर हो या ग़रीब अल्लाह के फ़ज़ल और रहमत से जन्नत में ज़रूर दाख़िल होगा।
✍ परन्तु इतना ज़रूर है कि जन्नत में दाख़िला पाने वालों में अमीरों की तुलना में ग़रीबों की तादाद ज़्यादा होगी।
क्योंकि:
✍ इतिहास गवाह है कि ईमान व अमल में हमेशा यही लोग पहल करते रहे हैं।
✍ धार्मिक रंग व रूप इन ही लोगों की ज़िंदगी में ज़्यादा स्पष्ट नज़र आता है।
✍ मस्जिदें आम तौर पर इन ही लोगों से आबाद रहती हैं।
✍ दीनी तालीम और दावत व तबलीग़ में भी यही लोग आगे आगे रहते हैं।
✍ सब्र जैसी अज़ीम नेमत भी इन ही लोगों के हिस्से में ज़्यादा आती है।
✍ इन लोगों के गुनाह भी अमीरों की तुलना में कम होते हैं।
✍ इन लोगों में नाशुक्री, संगदिली, घमंड और सरकशी जैसी बुरी आदतें भी कम पाई जाती हैं।
✍ दुनिया में भी हमेशा इन ही लोगों की तादाद कम रही है।
अल्लह तआला हम सबको जन्नत में दाख़िला नसीब फ़रमाए।
आप का भाई:इफ़्तेख़ार आलम मदनी
इसलामिक गाइडेंस सेन्टर जुबैल सऊदी अरब
{اطلعت في الجنة فرأيت أكثر أهلها الفقراء...}
(صحيح البخاري:3241 صحيح مسلم:2737}
मैंने जन्नत में झांका तो देखा कि उसमें अधिक्तर ग़रीब लोग हैं۔
नोट:
✍ इसका हरगिज़ यह मतलब नहीं है कि मालदार लोग जन्नत में नहीं जाएंगे।
✍ और न यह मतलब है कि ग़रीब लोग सिर्फ़ इस कारण जन्नत में जाएंगे कि वह ग़रीब हैं।
✍ जन्नत में दाख़िले की कसौटी अमीरी और ग़रीबी नहीं बल्कि ईमान और अमल है।
✍ अत: जो व्यक्ति भी ईमान व अमल की दौलत से मालामाल होगा और उसकी यह दौलत कुफ़्र व शिर्क से सुरक्षित होगी तो वह चाहे अमीर हो या ग़रीब अल्लाह के फ़ज़ल और रहमत से जन्नत में ज़रूर दाख़िल होगा।
✍ परन्तु इतना ज़रूर है कि जन्नत में दाख़िला पाने वालों में अमीरों की तुलना में ग़रीबों की तादाद ज़्यादा होगी।
क्योंकि:
✍ इतिहास गवाह है कि ईमान व अमल में हमेशा यही लोग पहल करते रहे हैं।
✍ धार्मिक रंग व रूप इन ही लोगों की ज़िंदगी में ज़्यादा स्पष्ट नज़र आता है।
✍ मस्जिदें आम तौर पर इन ही लोगों से आबाद रहती हैं।
✍ दीनी तालीम और दावत व तबलीग़ में भी यही लोग आगे आगे रहते हैं।
✍ सब्र जैसी अज़ीम नेमत भी इन ही लोगों के हिस्से में ज़्यादा आती है।
✍ इन लोगों के गुनाह भी अमीरों की तुलना में कम होते हैं।
✍ इन लोगों में नाशुक्री, संगदिली, घमंड और सरकशी जैसी बुरी आदतें भी कम पाई जाती हैं।
✍ दुनिया में भी हमेशा इन ही लोगों की तादाद कम रही है।
अल्लह तआला हम सबको जन्नत में दाख़िला नसीब फ़रमाए।
आप का भाई:इफ़्तेख़ार आलम मदनी
इसलामिक गाइडेंस सेन्टर जुबैल सऊदी अरब
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