Madarso Me Kaisa Insaan Banne Ki Taleem Di Jati Hai?
मदरसों में क्या सिखाया जाता है?:(2)
मदरसों में अच्छा इंसान बनने की हिदायत की जाती है और हमेशा यही सिखाया जाता है कि अच्छा इंसान वह है जो लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा पहुंचाए। अच्छा इंसान वह है जो भलाई के दरवाज़े खोलता और बुराई के दरवाज़े बंद करता हो। अच्छा इंसान वह है जो सभ्य, सुशील एवं शिक्षित हो, नेक और ईमानदार हो। अच्छा इंसान वह है जो भलाई की नसीहत करता हो, बुराई से मना करता हो, और रिश्ते नाते को जोड़ता हो। अच्छा इंसान वह है जो फ़ितने व फ़साद से अलग थलग रहता हो।
✍ यहां इंसान तो इंसान कुत्ते और बिल्ली जैसे जानवरों के साथ भी सद्व्यवहार की शिक्षा दी जाती है। अपने तो अपने पराये के साथ भी नरमी बरतने की नसीहत की जाती है। और दोस्त तो दोस्त दुश्मनों के साथ भी इंनसाफ़ करने की ताकीद की जाती है।
✍ यहां अच्छा और पक्का मुसलमान बनने और बने रहने की तालीम दी जाती है और दिन रात यही पढ़ाया जाता है कि अच्छा मुसलमान वह है जिसके व्यवहार अचछे हों, जो अमल में अच्छा हो, जिसके फ़ैसले अच्छे हों। मुसलमान वह है जो मां बाप को ख़ुश रखे। अच्छा मुसलमान वह है जो अपने और अपनी बीवी व बच्चों के हित में अच्छा हो। अच्छा मुसलमान वह है जो सब का भला चाहे। अच्छा मुसलमान वह है जो शांति से रहे और रहने दे। अच्छा मुसलमान वह है जिससे भलाई की उम्मीद हो और बुराई का डर न हो। अच्छा मुसलमान वह है जो सच बोले, दिल को पाक साफ़ रखे, वादा निभाए, अमानत अदा करे, झगड़ा न करे, गाली न बके। अच्छा मुसलमान वह है जो अपने काम से काम रखे, असंबंधित और फ़िज़ूल कामों से दूर रहे। अच्छा मुसलमान वह है जो भूखे को खाना खिलाए, प्यासे को पानी पिलाए, नंगे को कपड़ा पहनाए, पड़ोसी का ख़याल रखे, मुसाफ़िर को राह बताए, बीमार की देख भाल करे, मरने वाले के जनाज़े में भाग ले, ज़रुरतमंद की ज़रुरत पूरी करे, विधवा और अनाथ की किफ़ालत करे।
✍ यहां ईमान का पाठ पढ़ाया जाता है और सुबह शाम यही सिखाया जाता है कि ईमान वाला वह है जो अमन से रहे और रहने दे। ईमान वाला वह है जो ईमानदारी की बात करे, रास्ते से कष्टदायक चीजों को हटाए, शर्म व हया और पाकदामनी को अपना ज़ेवर बनाए। ईमान वाला वह है जो भाई बन कर रहे, किसी पर अत्याचार न करे, किसी को रुसवा न करे, कमतर न समझे, किसी की जान, माल और आबरु पर डाका न डाले। ईमान वाला वह है जो हर कही सुनी बात पर विश्वास नहीं करता, बल्कि पहले उसकी तहक़ीक़ात करता है। ईमान वाला वह है जो दो गुटों में सुलह कराता है। ईमान वाला वह है जो किसी का मज़ाक़ नहीं उड़ाता, किसी पर ऐब नहीं लगाता, किसी को बुरा नाम नहीं देता। ईमान वाला वह है जो बदगुमानी नहीं करता, किसी का भेद नहीं टटोलता, किसी की उसके पीठ पीछे बुराई नहीं करता। ईमान वाला वह है जो अपने जीवन में सत्यधर्म और सत्यकर्म के लिए संघर्ष करता है।
आप का भाई: इफ्तिख़ार आलम मदनी
इसलामिक गाइडेंस सेन्टर जुबैल सऊदी अरब
मदरसों में अच्छा इंसान बनने की हिदायत की जाती है और हमेशा यही सिखाया जाता है कि अच्छा इंसान वह है जो लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा पहुंचाए। अच्छा इंसान वह है जो भलाई के दरवाज़े खोलता और बुराई के दरवाज़े बंद करता हो। अच्छा इंसान वह है जो सभ्य, सुशील एवं शिक्षित हो, नेक और ईमानदार हो। अच्छा इंसान वह है जो भलाई की नसीहत करता हो, बुराई से मना करता हो, और रिश्ते नाते को जोड़ता हो। अच्छा इंसान वह है जो फ़ितने व फ़साद से अलग थलग रहता हो।
✍ यहां इंसान तो इंसान कुत्ते और बिल्ली जैसे जानवरों के साथ भी सद्व्यवहार की शिक्षा दी जाती है। अपने तो अपने पराये के साथ भी नरमी बरतने की नसीहत की जाती है। और दोस्त तो दोस्त दुश्मनों के साथ भी इंनसाफ़ करने की ताकीद की जाती है।
✍ यहां अच्छा और पक्का मुसलमान बनने और बने रहने की तालीम दी जाती है और दिन रात यही पढ़ाया जाता है कि अच्छा मुसलमान वह है जिसके व्यवहार अचछे हों, जो अमल में अच्छा हो, जिसके फ़ैसले अच्छे हों। मुसलमान वह है जो मां बाप को ख़ुश रखे। अच्छा मुसलमान वह है जो अपने और अपनी बीवी व बच्चों के हित में अच्छा हो। अच्छा मुसलमान वह है जो सब का भला चाहे। अच्छा मुसलमान वह है जो शांति से रहे और रहने दे। अच्छा मुसलमान वह है जिससे भलाई की उम्मीद हो और बुराई का डर न हो। अच्छा मुसलमान वह है जो सच बोले, दिल को पाक साफ़ रखे, वादा निभाए, अमानत अदा करे, झगड़ा न करे, गाली न बके। अच्छा मुसलमान वह है जो अपने काम से काम रखे, असंबंधित और फ़िज़ूल कामों से दूर रहे। अच्छा मुसलमान वह है जो भूखे को खाना खिलाए, प्यासे को पानी पिलाए, नंगे को कपड़ा पहनाए, पड़ोसी का ख़याल रखे, मुसाफ़िर को राह बताए, बीमार की देख भाल करे, मरने वाले के जनाज़े में भाग ले, ज़रुरतमंद की ज़रुरत पूरी करे, विधवा और अनाथ की किफ़ालत करे।
✍ यहां ईमान का पाठ पढ़ाया जाता है और सुबह शाम यही सिखाया जाता है कि ईमान वाला वह है जो अमन से रहे और रहने दे। ईमान वाला वह है जो ईमानदारी की बात करे, रास्ते से कष्टदायक चीजों को हटाए, शर्म व हया और पाकदामनी को अपना ज़ेवर बनाए। ईमान वाला वह है जो भाई बन कर रहे, किसी पर अत्याचार न करे, किसी को रुसवा न करे, कमतर न समझे, किसी की जान, माल और आबरु पर डाका न डाले। ईमान वाला वह है जो हर कही सुनी बात पर विश्वास नहीं करता, बल्कि पहले उसकी तहक़ीक़ात करता है। ईमान वाला वह है जो दो गुटों में सुलह कराता है। ईमान वाला वह है जो किसी का मज़ाक़ नहीं उड़ाता, किसी पर ऐब नहीं लगाता, किसी को बुरा नाम नहीं देता। ईमान वाला वह है जो बदगुमानी नहीं करता, किसी का भेद नहीं टटोलता, किसी की उसके पीठ पीछे बुराई नहीं करता। ईमान वाला वह है जो अपने जीवन में सत्यधर्म और सत्यकर्म के लिए संघर्ष करता है।
आप का भाई: इफ्तिख़ार आलम मदनी
इसलामिक गाइडेंस सेन्टर जुबैल सऊदी अरब
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