Zakat Se Joodi Masail (Part 02)
ज़कात* पार्ट 2*
वह चार प्रकार की चीजें जिन में जकात वाजिब है।*
*(1) खेती किसानी से पैदावार (२) पालतू जानवर (3) सोना-चाँदी (4) तिजारत का माल।*
*इन चारों प्रकार का निसाब निश्चित है। जिससे कम में ज़कात वाजिब नहीं होती। गले और फलों में जकात का हुक्म । गल्ला और फलों का निसाब पाँच वसक हैं। एक "वसक" नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साअ के मुताबिक साठ साअ है। गोया खजूर, गेहूँ, चावल और जौ में ज़कात का निसाब नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साअ के मुताबिक तीन सौ साअ हैं।* *यह बात मालूम रहे कि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ज़माने का एक साअ दरमियानी जिस्म वाले आदमी के दोनों भरे हाथों से चार बार के बराबर होता है।*
*अगर बाग या खेती की जमीन की पैदावार वर्षा से होती है और बिना खर्च:- वर्षा, नदी, नालों, सोतों और इस प्रकार के दूसरे साधनो से सिंचाई होती हो तो उनमें उग्र अर्थात दस प्रतिशत 10% वाजिब है।*
*और अगर सिंचाई के लिये अपने साधनों का सहारा लेना पड़े और पानी निकलवाने की मशीन प्रयोग में लायी जाये तो फिर इस पैदावार पर आधा यानी 5% ज़कात वाजिब होगी, जैसा कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सहीह हदीस से साबित है।*
*ऊँट, गाय और बकरी जैसे जानवरों के निसाब का विस्तार से बयान नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सही अहादीस में मौजूद है जो जानकारी प्राप्त करना चाहते हों वह लोग उलमा से संपर्क करें। अगर मैं ने इस पोस्ट में संक्षिप्त का पहलु न अपनाया होता तो उन की विस्तार से चर्चा करता।*
*चाँदी का निसाब साढ़े बावन तोला है।*
*सोने का निसाब 92 ग्राम है। एक वर्ष की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद हर साहिबे निसाब पर इनमे ढाई परसेंट जकात वाजिब है।*और नफा (लाभ) मूल धन में सम्मिलित होगा, उसकी ज़कात देने के लिये अलग से नये वर्ष की ज़रूरत नहीं होगी।*
*इसी प्रकार पालतू जानवरों की पैदावार भी अपने मूल में सम्मिलित होगी, उनकी ज़कात के लिये भी अलग से नये वर्ष की ज़रूरत नहीं होगी।*
*नकद रूपया जिस के द्वारा लोग लेन-देन करते हैं, सोने-चाँदी के हुक्म में हैं, चाहे वह दिर्हम हों या दीनार और डालर में, या कोई और करंसी हो। अगर उसकी कीमत चाँदी या सोने के निसाब तक पहुँच जाये और उस पर एक वर्ष बीत जाये तो ज़कात वाजिब हो जायेगी।*
*इस पोस्ट को पढ़ने के लिए अल्लाह तआला आपको बेहतरीन अजर दे ओर आपके इल्म में बरकत दे सवाबे जारिया के लिए इसको शेयर करे ताकि हमारे भाइयो के इल्म में भी इज़ाफ़ा हो अल्लाह आपको जज़ाये खैर दे आमीन।*
Next part coming soon इन शा अल्लाह
वह चार प्रकार की चीजें जिन में जकात वाजिब है।*
*(1) खेती किसानी से पैदावार (२) पालतू जानवर (3) सोना-चाँदी (4) तिजारत का माल।*
*इन चारों प्रकार का निसाब निश्चित है। जिससे कम में ज़कात वाजिब नहीं होती। गले और फलों में जकात का हुक्म । गल्ला और फलों का निसाब पाँच वसक हैं। एक "वसक" नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साअ के मुताबिक साठ साअ है। गोया खजूर, गेहूँ, चावल और जौ में ज़कात का निसाब नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साअ के मुताबिक तीन सौ साअ हैं।* *यह बात मालूम रहे कि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ज़माने का एक साअ दरमियानी जिस्म वाले आदमी के दोनों भरे हाथों से चार बार के बराबर होता है।*
*अगर बाग या खेती की जमीन की पैदावार वर्षा से होती है और बिना खर्च:- वर्षा, नदी, नालों, सोतों और इस प्रकार के दूसरे साधनो से सिंचाई होती हो तो उनमें उग्र अर्थात दस प्रतिशत 10% वाजिब है।*
*और अगर सिंचाई के लिये अपने साधनों का सहारा लेना पड़े और पानी निकलवाने की मशीन प्रयोग में लायी जाये तो फिर इस पैदावार पर आधा यानी 5% ज़कात वाजिब होगी, जैसा कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सहीह हदीस से साबित है।*
*ऊँट, गाय और बकरी जैसे जानवरों के निसाब का विस्तार से बयान नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सही अहादीस में मौजूद है जो जानकारी प्राप्त करना चाहते हों वह लोग उलमा से संपर्क करें। अगर मैं ने इस पोस्ट में संक्षिप्त का पहलु न अपनाया होता तो उन की विस्तार से चर्चा करता।*
*चाँदी का निसाब साढ़े बावन तोला है।*
*सोने का निसाब 92 ग्राम है। एक वर्ष की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद हर साहिबे निसाब पर इनमे ढाई परसेंट जकात वाजिब है।*और नफा (लाभ) मूल धन में सम्मिलित होगा, उसकी ज़कात देने के लिये अलग से नये वर्ष की ज़रूरत नहीं होगी।*
*इसी प्रकार पालतू जानवरों की पैदावार भी अपने मूल में सम्मिलित होगी, उनकी ज़कात के लिये भी अलग से नये वर्ष की ज़रूरत नहीं होगी।*
*नकद रूपया जिस के द्वारा लोग लेन-देन करते हैं, सोने-चाँदी के हुक्म में हैं, चाहे वह दिर्हम हों या दीनार और डालर में, या कोई और करंसी हो। अगर उसकी कीमत चाँदी या सोने के निसाब तक पहुँच जाये और उस पर एक वर्ष बीत जाये तो ज़कात वाजिब हो जायेगी।*
*इस पोस्ट को पढ़ने के लिए अल्लाह तआला आपको बेहतरीन अजर दे ओर आपके इल्म में बरकत दे सवाबे जारिया के लिए इसको शेयर करे ताकि हमारे भाइयो के इल्म में भी इज़ाफ़ा हो अल्लाह आपको जज़ाये खैर दे आमीन।*
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