Madarse Ke Baccho ko Kya Padhai Jati Hai? Kya unhe Aatankwadi Banaya Jata Hai? Kya unhe Katterwad ki Taleem Di Jati Hai?
मदरसों में क्या सिखाया जाता है? (4)
✍ मदरसों में धर्म के साथ राष्ट्रभक्ति, देशप्रेम, मातृभूमि से वफ़ादारी और वतन की पासबानी का सबक़ भी पढ़ाया जाता है। यहां स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस भी मनाए जाते हैं, तिरंगा भी फहराया जाता है और राष्ट्रीय गान भी गया जाता है। यहां हर हाल में राष्ट्रीय एकता, लोक तंत्र सुरक्षा, संविधान की पासदारी, समाज शांति, और तमाम देशवासियों के साथ सहिष्णुता बरतने की ताकीद की जाती है।
✍ यहां मानव समाज में जन्म, जाति तथा धर्म के आधार पर भेद भाव एवं ऊंच नीच का अंतर सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक रूप समाप्त कर समानता और न्याय सथापित करने का पाठ पढ़ाया जाता है। इसी तरह नारी सम्मान और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने की भी शिक्षा दी जाती है।
✍ यहां संतुलित जीवन बिताने की शिक्षा दी जाती है, रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने का अभ्यास कराया जाता है, पढ़ने लिखने, खेलने कूदने, खाने पीने, सोने जागने और अन्य तमाम काम काज में संतुलन बनाए रखने पर उभारा जाता, तथा हर काम को उसके निर्धारित समय पर तरतीब के साथ सुंदर तरीक़े से अंजाम देने की ताकीद की जाती है।
✍ यहां जीवन को सुरक्षित एवं स्वस्थ रखने के लिए पानी की सुरक्षा एवं स्वच्छता पर ख़ासा ज़ोर दिया जाता है, पर्यावरण प्रदूषन से बचाव के लिए पेड़ पौधे लगाने की ताकीद की जाती है, तथा सार्वजनिक जगहों पर शौच करने और गंदगी फैलाने से मना किया जाता है।
✍ किसी भी शिक्षा केंद्र की तरह यहां भी छात्रों के सामान्य ज्ञान व संस्कृति में वृधि पैदा करने के लिए पुस्तकालय स्थित हैं, बोलने तथा लिखने में माहिर बनाने के लिए साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक सभाएं एवं प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, और जीवन में स्वस्थ एवं सक्रिय रहने के लिए खेल कूद का भी उचित प्रबंध किया जाता है।
✍ यहां दीन तो सिखाया ही जाता है और आख़िरत तो संवारी ही जाती है, साथ साथ दुनिया से भी इस हद तक ज़रुर अवगत करा दिया जाता है कि हलाल तरीक़े से ज़िंदगी की बुनियादी ज़रुरतें पूरी करने की क्षमता प्राप्त हो जाए।
आप का भाई: इफ्तिख़ार आलम मदनी
इसलामिक गाइडेंस सेन्टर जुबैल सऊदी अरब
✍ मदरसों में धर्म के साथ राष्ट्रभक्ति, देशप्रेम, मातृभूमि से वफ़ादारी और वतन की पासबानी का सबक़ भी पढ़ाया जाता है। यहां स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस भी मनाए जाते हैं, तिरंगा भी फहराया जाता है और राष्ट्रीय गान भी गया जाता है। यहां हर हाल में राष्ट्रीय एकता, लोक तंत्र सुरक्षा, संविधान की पासदारी, समाज शांति, और तमाम देशवासियों के साथ सहिष्णुता बरतने की ताकीद की जाती है।
✍ यहां मानव समाज में जन्म, जाति तथा धर्म के आधार पर भेद भाव एवं ऊंच नीच का अंतर सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक रूप समाप्त कर समानता और न्याय सथापित करने का पाठ पढ़ाया जाता है। इसी तरह नारी सम्मान और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने की भी शिक्षा दी जाती है।
✍ यहां संतुलित जीवन बिताने की शिक्षा दी जाती है, रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने का अभ्यास कराया जाता है, पढ़ने लिखने, खेलने कूदने, खाने पीने, सोने जागने और अन्य तमाम काम काज में संतुलन बनाए रखने पर उभारा जाता, तथा हर काम को उसके निर्धारित समय पर तरतीब के साथ सुंदर तरीक़े से अंजाम देने की ताकीद की जाती है।
✍ यहां जीवन को सुरक्षित एवं स्वस्थ रखने के लिए पानी की सुरक्षा एवं स्वच्छता पर ख़ासा ज़ोर दिया जाता है, पर्यावरण प्रदूषन से बचाव के लिए पेड़ पौधे लगाने की ताकीद की जाती है, तथा सार्वजनिक जगहों पर शौच करने और गंदगी फैलाने से मना किया जाता है।
✍ किसी भी शिक्षा केंद्र की तरह यहां भी छात्रों के सामान्य ज्ञान व संस्कृति में वृधि पैदा करने के लिए पुस्तकालय स्थित हैं, बोलने तथा लिखने में माहिर बनाने के लिए साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक सभाएं एवं प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, और जीवन में स्वस्थ एवं सक्रिय रहने के लिए खेल कूद का भी उचित प्रबंध किया जाता है।
✍ यहां दीन तो सिखाया ही जाता है और आख़िरत तो संवारी ही जाती है, साथ साथ दुनिया से भी इस हद तक ज़रुर अवगत करा दिया जाता है कि हलाल तरीक़े से ज़िंदगी की बुनियादी ज़रुरतें पूरी करने की क्षमता प्राप्त हो जाए।
आप का भाई: इफ्तिख़ार आलम मदनी
इसलामिक गाइडेंस सेन्टर जुबैल सऊदी अरब
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