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Islam Me Ek Se Jyada Biwi Rakhne Ki Ijazat Kyu Hai? (Part 19)

Muslim Ek Se Jyada Biwi kyu Rakh Sakta Hai?
Part - 19
सवाल: मुस्लिमों को एक से ज़्यादा बीवियां रखने की इजाज़त क्यों है? यानी इस्लाम एक से ज़्यादा शादी करने की इजाज़त क्यों देता है????
औरत ही औरत की दुश्मन
इस्लाम ने औरत को किसी क़ाबिल मर्द की दूसरी-तीसरी या चौथी बीवी बनने का विकल्प दिया है लेकिन इसके बावजूद दक्षिण एशियाई (भारत-पाकिस्तान- बांग्लादेश के)मुस्लिम समाज में अमलन (प्रायोगिक) रूप से यह व्यवस्था प्रचलन में नहीं है।
इसकी दो वजहें हैं:
01.कुछ औरतें वो हैं जो अकेले रहनापसंदकर लेती है लेकिन किसी काबिल व दीनदार मर्द की दूसरी-तीसरी बीवी बनना पसंद नहीं करती हैं।
02. कुछ औरतें वो हैं जो अकेलेपन की ज़िन्दगी गुज़ारने के बजाय दूसरी या तीसरी बीवी बनने पर भी तैयार हो जाती हैं लेकिन ज्यादातर औरतें ऐसी हैं जो किसी दूसरी औरत को अपनी सौकन बनाना पसंद नहीं करती। राजस्थान में एक कहावत प्रचलित है सौक तो माटी री भी भूण्डी होवेे
यानी सौतन अगर मिट्टी की मूर्ति हो तो भी बुरी होती है।'
पहली सूरत तब पेश आती है जब कोई औरत हक़ीक़त (यथार्थ) से मुँह मोड़ती है। पिछले पन्नों पर आप पढ़ चुके हैं कि हेमा मालिनी और जया प्रदा जैसी नामी-गिरामी हीरोइनों (जो बाद में सांसद बनी) ने दूसरी बीवी बनने के विकल्पको मंजूर किया।
इसी दर्जे में श्रीदेवी (बोनी कपूर की दूसरी बीवी) और सोनी राजदान (महेश भट्ट की दूसरी बीवी) का भी नाम लिया जा सकता है। ये वे औरतें हैं जो आधुनिकता का प्रतीक थीं, लेकिन सीमित विकल्प पाकर और गैर-बराबरी के रिश्तों में बंधने के बजाय उन्होंने दूसरी बीवी बनना कुबूल किया।
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To be continued
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