Islam Me Ek Se Jyada Biwi Rakhne Ki Kyu Ijazat Hai?
اسلام میں ایک سے زیادہ ہیوی رکھنے کی کیوں اجازت ہیں؟
(29-03-19)
एक से ज्यादा बीवियां रखने की इजाज़त क्यो?*************************
Part - 23 सवाल: मुस्लिमों को एक से ज़्यादा बीवियां रखने की इजाज़त क्यों है? यानी इस्लाम एक से ज़्यादा शादी करने की इजाज़त क्यों देता है।?????
03. किसी औरत को अकेलेपन की ज़िन्दगी गुज़ारने के बजाय किसी बा-अख़लाक़ (सुसभ्य) अच्छे आदमी की दूसरी-तीसरी बीवी आर या घिन महसूस नहीं करनी चाहिये।
04. काबिल व दीनदार आदमी की पहली बीवी का चाहिये कि वो अपने पर ऐसी कोई शर्त न थोपे कि अपने जीते-जी वो किसी और को सौकन बनाना पसंद नहीं करेगी।
05. हर औरत अपने नसीब का रिज़्क़ पाती है। इसलिये किसी औरत को यह सोचकर तंगदिल (संकीर्ण) नहीं होना चाहिये कि सौकन के आने से उसका अधिकार कम हो जाएगा।
06. मर्द को बहु-विवाह करने की इजाज़त में औरतों की ही भलाई है। इससे वे नालायक और ना-अह्ल (अयोग्य) मर्दो के हत्थे चढ़ने और उनके जुल्म का शिकार होने से बच जाएंगी।
07. अच्छे आदमी से शादी करने से औरत को जिस्मानी और ज़हनी (मानसिक) सुकून मिलता है। यही नहीं अच्छे आदमी से शादी करके औरत समाज में भी सम्मान पाती है और उसके बच्चों को अच्छी परवरिश मिलती है।
08. दूसरी बीवी बनने का विकल्प चुनने पर औरत को अच्छा और हमउम्र जीवनसाथी मिल सकता है।
09. बगैर शादी किये किसी मर्द के साथ नाजाइज़ ज़िन्दगी गुज़ारना (दूसरे लफ़्ज़ों में रखैल बनकर रहना) औरतों के लिये आखिरकार तकलीफदेह षाबित होता है।
10. औरत भी एक इन्सान है। उसे ज़िन्दगी गुजारने के लिये रोटी-कपड़ा-मकान के साथ-साथ अच्छे जीवनसाथी की भी ज़रूरत होती है जिसके साथ वो अपना दुःख-दर्द बाँट सके।
To be continue
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