Kya Islam Me Sirf Auraton Ko Hi Parda Karne Ka Hukm Hai?
मदों के लिये पर्दा. (Part 03)
आमतौर पर लोग यह समझते हैं कि पर्दे का सम्बंध केवल औरतों से है। हालाँकि मुक़द्दस कुरआन में अल्लाह ने औरतों से पहले मर्दो के पर्दे का बयान किया है।
'मोमिन मर्द से कहो कि वह अपनी नज़रें नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफ़ाज़त करें। यह तरीक़ा उन को ज्यादा पाकीज़ा बनाएगा। और अल्लाह खूब जानता है हर उस काम से जो वह करते हैं।'
। (सूरह नूर : 30)
जिस लम्हे किसी शख्स की नज़र किसी औरत पर पड़े तो उसे चाहिये कि वह अपनी नज़रें नीची कर ले। ये अल्लाह के रसूल (सल्लललाहु अलैहि वसल्लम) का हुक्म है।
औरतों के लिये पर्दा :
कुरआन की सूरः नूर में कहा गया है कि -
'और मोमिन औरतों से कहो कि वे भी अपनी निगाहें नीची रखें। और अपनी शर्मगाहों की हिफ़ाज़त करें। और अपनी ज़ीनत ज़ाहिर न करें। सिवाय उसके जो ज़ाहिर हो जाए। और अपने सीनों पर अपनी ओढनियों के आँचल डालें। और अपनी ज़ीनत ज़ाहिर न करें मगर अपने शौहर के सामने या अपने वालिद या शौहर के वालिद या अपने बेटों या शौहर के बेटों या अपने भाइयों या अपने भतीजों या अपने भांजों या अपनी औरतों या अपने गुलामों या उन मातहत मर्दो के सामने जो औरतों की चाहत नहीं रखते हों या उन बच्चों के सामने जो औरतों की पोशीदा बातों से वाकिफ़ न हुए हों। और अपने पाँव ज़मीन पर मारती हुई न चलें कि जो सिंगार उन्होंने छुपा रखा है वो मालूम हो जाए। और ऐ ईमानवालों! तुम सब अल्लाह के आगे तौबा करो ताकि फ़लाह पाओ।'
(सूरह नूर : 31)
TO BE CONTINUE Insha'Allah
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