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Quran Majeed Tarjuma Hindi (Para 24)

Firaun Ke Anjam Se ibarat Hasil karo.
Quran Majeed Tarjuma Hindi Para 24
पारा – 24, ख़ुलासा क़ुरआन

क़ुरआन-ए-मजीद का पैग़ामे अमल
डॉ. मुहिउद्दीन ग़ाज़ी

अगर
तुम ज़िन्दगी भर गुनाह करते रहे
और अपनी जानों पर ज़्यादती करते रहे,
तब भी
अपने रब की रहमत से मायूस न हो,
अल्लाह तो सारे गुनाह माफ़ कर देता है।

अब से
अल्लाह की तरफ़ लौट आओ
और उसके फ़रमाँबरदार बन जाओ।

तुम्हारे रब ने  तुम्हारे पास
बेहतरीन किताब भेजी है उसे अपना लो।
अब देर न करो
वरना
जब अल्लाह का अज़ाब आ जाएगा
तो तुम्हारा पछताना काम नहीं आएगा।

तुम अल्लाह की शान में बड़ी कोताहियाँ कर चुके
उसकी आयतों का बहुत मज़ाक़ उड़ा चुके,
इसके बावजूद
तौबा के दरवाज़े खुले हुए हैं।
घमंड और इनकार का रास्ता छोड़ दो,
सही रास्ता इख़्तियार करो।
अल्लाह की नाराज़गी से बचो
और ज़िन्दगी को अच्छे कामों से सजाओ।
अल्लाह को पहचानो।

अल्लाह के दुश्मन
तुम्हें बहुत उकसायेंगे कि
अल्लाह को छोड़कर
दूसरों की बंदगी करो।
तुम उनके चक्कर में न आओ।
सिर्फ़ अल्लाह की इबादत
और उसके शुक्रगुज़ार बनो।

शिर्क करोगे
तो तुम्हारे सारे काम
अकारत हो जाएंगे
और तुम घाटे में रहोगे।

उस दिन से डरो
जब घमंड और इनकार करने वालों को
जहन्नम की तरफ़ भेजा जाएगा,
और जो अल्लाह की नाराज़गी से बचते रहे
और अच्छे काम करते रहे,
उन्हें इज़्ज़त व इकराम के साथ,
जन्नत की तरफ ले जाया जाएगा।

ईमान लाओ,
तौबा करो,
अल्लाह के बताए हुए रास्ते पर चलो,
फ़रिश्ते
तुम्हारे लिए मग़फ़िरत की दुआ करेंगे।
वे दुआ करेंगे कि
ऐ रब्बे करीम (पालनहार)!
उन्हें जहन्नम के अज़ाब से बचा ले
और उन्हें जन्नत में जगह दे।
और
इस बात की कोशिश करो कि
तुम्हारी बीवियाँ,
तुम्हारे जोड़े
और तुम्हारी औलाद भी नेक बन जाएँ।

वे नेक होंगे
तो फ़रिश्ते उनके लिए भी दुआ करेंगे कि
वे जन्नत में तुम्हारे साथ रहें।

फ़िरऔन के अंजाम से
इबरत हासिल करो।

फ़िरऔन ख़ुद गुमराह हुआ
और अपनी पूरी क़ौम को गुमराह किया
और यह कह कर गुमराह किया कि
मैं तुम्हें सीधी राह दिखा रहा हूँ।

क़यामत के दिन
जहन्नम में फ़िरऔनों को भी डाला जाएगा
और फ़िरऔनों के पीछे चलने वालों को भी डाला जाएगा।

उस दिन
बड़े-बड़े लीडर
अपने पीछे चलने वालों के
कुछ काम नहीं आएंगे।

जिसे
उस दिन के पछतावे से बचना हो
वह आज ही होश में आ जाए।
वह आज ही से
रसूलों के रास्ते पर चल निकले
और अल्लाह की रौशन आयतों के उजाले में ज़िन्दगी गुज़ारे।

फ़िरऔन के दरबार में
मर्द-ए-मोमिन ने हक़ का ऐलान किया।

उसकी जुर्रत व हिम्मत में
उनके लिए बड़ा सबक़ है,
जो अपने निजी फ़ायदों को
हक़ पर तरजीह देते हैं।

वह फ़िरऔन के ख़ानदान का था
लेकिन
उसने न अपने ख़ानदान का ख़याल किया
और न अपनी जान की परवाह की।
पूरी बेखौफ़ी के साथ
हक़ की हिमायत की
और फ़िरऔन की मुख़ालिफ़त की।

उसके एक-एक जुमले से
अपनी क़ौम के लिए,
बेपनाह मुहब्बत,
बेइंतिहा ख़ैरख़्वाही
और बेहद फ़िक्रमंदी टपकती है।

दीन की दावत देने वालों के लिए
उस मर्द-ए-मोमिन की गुफ़्तगू में बेहतरीन रहनुमाई है।

पिछली क़ौमों के अंजाम से
सबक़ हासिल करो।
दुनिया में उनका जो अंजाम हुआ
उससे भी डरो
और उस अंजाम से भी डरो
जो आख़िरत में
सामने आने वाला है।

जब तुम्हारे पास
कोई दलील नहीं है
तो अल्लाह की रौशन आयतों के साथ
बेजा बहस न करो।
घमंड का रास्ता न इख़्तियार करो,
वरना दिल पर
गुमराही की मुहर लग जाएगी।

यह दुनिया की ज़िन्दगी
चंद दिनों की है,
आख़िरत की ज़िन्दगी
हमेशा-हमेश है।

आख़िरत की तैयारी करो,
बुरे कामों से दूर रहो,
अल्लाह पर ईमान लाओ
और अच्छे काम करो।

अल्लाह जन्नत में दाख़िल करेगा
और बेहिसाब नेमतों से नवाज़ेगा।

तुम
उन चीजों की बंदगी क्यों करते हो
जिनसे फ़रियाद करने का
न दुनिया में कोई हासिल है
और न आख़िरत में।

तुम तो उसकी बंदगी करो
जो सारी कायनात का रब है।

दीन पर साबित'क़दम रहो,
यकीन रखो
अल्लाह का वादा
पूरा होकर रहेगा।

अपने गुनाहों की माफ़ी मांगो
और सुबह-शाम
अपने रब की हम्द व तसबीह (महिमागान) करो।

जो लोग,
तुम से अल्लाह की आयतों के बारे में फिज़ूल बहस करते हैं,
उनके दिलों में घमंड समाया हुआ है।

तुम अल्लाह की पनाह मांगते रहो
कि
वह उनके शर से महफ़ूज़ रखे।
अल्लाह को पुकारो,
वह तुम्हारी पुकार ज़रूर सुनेगा।

घमंड में आकर
उसकी इबादत से मुँह न मोड़ो,
अल्लाह ने तुम्हें बड़ी नेमतों से नवाज़ा है,
उसका शुक्र अदा करो।
उसकी निशानियों से
उसकी अज़मत (महानता) का अंदाज़ा करो,
उसी को पुकारो,
ख़ालिस उसी की इबादत करो,
उसी की हम्द करो।

तुम्हारे पास
अल्लाह की निशानियाँ आ गई हैं,
तुम उसे छोड़कर
किसी और को न पुकारो।
बस उसके फ़रमाँबरदार बन जाओ
जो सारे इन्सानों का रब है।

तुम्हारा  माबूद बस एक ही है,
उसी की तरफ़ अपना रुख़ रखो
और उसी से अपने गुनाहों की माफ़ी माँगो।

शिर्क से बहुत दूर रहो,
जो लोग शिर्क करते हैं,
ज़कात नहीं देते
और आख़िरत का इन्कार करते हैं,
उनके लिए तबाही है।

ईमान पर क़ायम रहो
और अच्छे काम करते रहो,
अल्लाह तुम्हें ऐसी नेमतों से नवाज़ेगा
जो कभी ख़त्म नहीं होगी।

ताक़त के घमंड में आकर
अल्लाह का इन्कार न करो,
वह तो आसमानों
और ज़मीन का बनाने वाला है।

आद और समूद (आद व समूद की क़ौम) को
अपनी ताक़त का घमंड हो गया था।
वे भूल गए कि
जिसने उन्हें पैदा किया
वह उनसे ज़्यादा ताक़त वाला है।

आख़िरकार
अल्लाह के अज़ाब ने
उन सब को मिटा दिया,
सिर्फ वे लोग बचे
जो ईमान रखते थे
और अल्लाह की नाराज़गी से
बचते थे।
कुछ करने से पहले
उसका अंजाम ज़रूर सोच लो।

उस दिन से डरो
जब
तुम्हारे कान,
तुम्हारी आँखें
और तुम्हारी खालें
सब तुम्हारे कामों की गवाही देंगी।

आज तुम्हारे बुरे साथी
तुम्हारे हर काम को ख़ुशनुमा बनाकर दिखा रहे हैं,
उनसे धोखा मत खाओ।

कहो
हमारा रब अल्लाह है
और फिर साबित'क़दम रहो।

तुम्हें
जन्नत की ख़ुशख़बरी देने के लिए
आसमान से फ़रिश्ते उतरेंगे,
तुम हर ग़म
और खौफ़ से
महफूज रहोगे।

दुनिया में
लोग तुम्हारे दुश्मन हो जाएँ
तो परवाह न करो।
फ़रिश्ते
दुनिया में भी तुम्हारे साथी हैं
आख़िरत में भी तुम्हारे साथी रहेंगे।

अल्लाह की तरफ़ बुलाते रहो,
अच्छे काम करो
और रब के फ़रमाँबरदार रहो,
यही सबसे अच्छी बात है।

बुराई का इलाज
अच्छाई से करो,
इस तरह
तुम दुश्मनों के दिल जीत लोगे।
यह बड़ी बुलंदी का मक़ाम है,
हर कोई यहाँ तक नहीं पहुँच पाता।
इस मक़ाम तक पहुँचने का हौसला हो
तो सब्र का सहारा लो
और अल्लाह से दुआ करो कि
वह तुम्हारा नसीब बुलंद करे।

अगर
शैतान तुम्हारे दिल में
कोई उकसाहट पैदा करे
तो अल्लाह की पनाह माँगो।
शैतान कभी नहीं चाहेगा कि
तुम उस ऊँचे मक़ाम तक पहुँचो।

सूरज और चाँद
माबूद (उपास्य) नहीं हैं,
यह तो अल्लाह की निशानियाँ हैं।

सूरज और चाँद को सजदा न करो
बल्कि
सूरज और चाँद को देखकर
उनके ख़ालिक़ (सृष्टिकर्ता एवं रचयिता) की अज़मत (महानता) को समझो।
अल्लाह को सजदा करो
जो तुम्हारा भी पैदा करने वाला है
और सूरज-चाँद का भी पैदा करने वाला है।

बंदगी
सिर्फ़ अल्लाह की करो
और अगर तुम पर घमंड सवार है
अपने नसीब का मातम करो।

जो लोग अल्लाह के पास हैं
वे तो सुबह-शाम उसकी तसबीह (महिमागान) करते हैं
और ज़रा भी नहीं उकताते।

यह क़ुरआन
ईमान रखने वालों के लिए
हिदायत और शिफ़ा है।

अब जो अच्छे काम करेगा
वह अपने लिए करेगा
और जो बुरे काम करेगा
वह उसका नतीजा ख़ुद भुगतेगा।

अल्लाह बंदों पर
ज़रा भी ज़ुल्म करने वाला नहीं है।

अनुवाद : Taiyyab Ahmad

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