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Dalal Media aur Musalman, Fake News aur Dalal Media.

Fake News And Dala Media
Dalal Media aur Musalman.
*#दलाल_मीडिया और #मुसलमान*

मैं देख रहा हूं, पढ़ रहा हूं कि कुछ लोग मीडिया को दलाल कह रहे हैं, और दलाल मीडिया मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं। यक़ीनन ये सब मुसलमान कह रहे हैं। बेशक़ मीडिया में बेशूमार कमियां हैं, इस बात से भी कोई इंकार नहीं कर सकता!!!

लेकिन मेरा सवाल आपसे ही है कि आप अपनी तादाद 20,25 और 30 करोड़ तक बताते हैं,
आपके पास जमियत उलेमा ए हिंद भी है,
आपके पास *#जमात ए इस्लामी हिंद* भी है,
आपके पास तो *आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड* भी है,
*दारूल उलूम #देवबंद* भी है, *#नदवतुल उलेमा लखनऊ* भी है,
*#वक्फ़ बोर्ड* भी है,
*बरेली* भी है, *हज़रत #निज़ामुद्दीन* भी है, *#अजमेर शरीफ़* भी है,
आपके पास इमाम *#बुखारी* भी है, *मुफती #मुकर्रम* भी है,
*#अहमद पटेल* भी है, *#आज़म खान* भी है
मुख़्तार अब्बास नक़वी है, शाहनवाज़ हुसैन भी है
*#अज़ीम प्रेमजी* भी है, *असदउद्दीन #औवेसी* भी है,
*बदरूद्दीन #अजमल* भी है,
*#शाहरूख खान, #सलमान खान, #आमिर खान* भी है,
*मोहम्मद #अज़हरूद्दीन* भी है,
आपके पास पुरानी *#दिल्ली भी है, औखला—सीलमपुर* भी है!!!

फिर भी आप अपना *नेशनल न्यूज़ चैनल* नहीं चालू नहीं कर सके!🤔🤔🤔 *ये सोचने वाली बात है*
चैनल तो दूर, आपसे एक ढ़ंग का *राष्ट्रीय अख़बार* तो चलाया नहीं ​गया आजतक!
रेडियो स्टेशन तक तो खोल नहीं सके आपलोग!
और अब जबकि *डिजिटल मीडिया, न्यू मीडिया* का ज़माना आ गया है, बावजूद इसके आप अभी तक एक जानदार या कामचलाऊ वैक्ल्पिक मीडिया ओपन नहीं कर पाऐ हैं।।।

पता है असलियत क्या है...सदियों से *जलसों में, इज्तिमो में, उर्स में ग़रीबों के लाखों-करोडों उड़ाए जाओ और बिरयानी के बाद मीठी सौंफ चबाके, खाट पे पड़ जाओ... अगर इन्हीं पैसों का ढ़ंग का मीडिया हाउस खोला जाता ना, तो आज ये ज़लालत, रूसवाई ना झेलनी पड़ती ...*

*#ताजमहल, #कुतुबमीनार, #लालक़िले को देखकर कब तक इतराते रहोगे...मियां*

हमारे बुजुर्गों ने विरासत के रूप में *वक्फ बोर्ड्स की जो अरबों-खरबों की ज़मीन ...#मस्जिदों, #मदरसों, #क़ब्रिस्तान, #खानकाह, #दरगाह, #मकतब #स्कूल #कालिज के लिए दान की थी उसे कौन डकार* गया...बताऊँ ये भी, या फिर...बात करते हैं ...
क्या कुछ नहीं कर सकते थे, क्या कुछ नहीं हो सकता था, लेकिन जब *ख़ैरात की गई ज़मीन पर कोठियां बनाओगे,* तो होगा क्या, वही होगा, *जो मंज़ूर ऐ ख़ुदा होगा.*...जी हाँ ...

किसे गरिया रहे हैं आप, हां!!!
उस *कॉरपोरेट को, उन बिज़नेसमैन को, जिन्हें सिर्फ मुनाफा चाहिये, जिन्हें जर्नलिज़्म से कोई मतलब नहीं।।।*

*आप अपना मीडिया शुरू करो ना!*
किसने रोका है आपको!
#कांग्रेस ने या #बीजेपी ने या #आरएसएस ने या मोदी ने!!!

अगर बस की बात नहीं हैं तो, आपको ​ज़्यादा फड़फड़ाने की कोई ज़रूरत नहीं है, जैसा वो दिखाऐंगे आपको देखना पड़ेगा, और देख रहे भी हैं आप, पढ़ भी रहे हैं, सुन भी रहे हैं, अगर नहीं देखना है तो नहीं देखिए, आपके हाथ में रिमोट है आप जो चाहें देखे, अपनी नाकामी का जिम्मेदार किसी दूसरो को क्यों बनाते है? एक तो कुछ कर नहीं सकते और उसमे भी इतने अकरपन,..... यह क्या है भाई?

*छोड़ दो ये क़ाहिलपन, दूसरों को दोष देना, दिक्क़त कहां है, उसका हल निकालने की कोशिश कीजिए ❤🙏🙏🙏*

*टेक्नॉलोजी का दौर है, टैक्निकल हो जाओ...*

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