Islam Me Gulamo ke sath kaisa Suluk karne ko kaha gaya hai?
Agar koi Mushrik Jung me pakra jaye to uska kya karna chahiye?
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Agar koi Mushrik Jung me pakra jaye to uska kya karna chahiye?
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Islam Aur Ghulami |
*_❀कुरआन मजीद की इनसाइक्लोपीडिया
भाग-377 तारीख़:19/06/2020
★☆★☆ईमान यानी विश्वास-229★★
*_★गुलाम-3★
*_★गुलाम-3★
अर्थात इस्लाम ने गुलाम आज़ाद करने के बहुत से रास्ते खोल दिये और गुलाम बनाने के सारे रास्ते बंद कर दिए है ! लेकिन सिर्फ एक ही रास्ता बाकी रखा और वह है युद्ध मे पकड़े गए सैनिक !
क्योकि
इनको गुलाम बना कर इनसे सेवा लेने के अतिरिक्त कोई और उचित मार्ग नहीं था ! फिर इस्लाम में उनको भी स्वतंत्र करने के असंख्य उपाय बताए हैं जिनमें से कुछ ये हैं -
क्योकि
इनको गुलाम बना कर इनसे सेवा लेने के अतिरिक्त कोई और उचित मार्ग नहीं था ! फिर इस्लाम में उनको भी स्वतंत्र करने के असंख्य उपाय बताए हैं जिनमें से कुछ ये हैं -
*1.* मुस्लिम कैदी सैनिकों के बदले विधर्मी कैदी सैनिकों को स्वतंत्र करना !
*2.* फिदया (अर्थ दण्ड) लेकर स्वतंत्र करना !
*3.* अगर वे किसी प्रकार की शिक्षा दे सकते हों तो उसके बद्ले स्वतंत्र करना !
*4.* अगर शासक चाहे तो अपनी ओर से क्षमा कर दे !
*5.* अगर कोई स्वयं अपनी इच्छा से इस्लाम क़बूल कर ले तो उसे स्वतंत्र करना ! इसके पश्चात भी अगर कोई गुलाम बना लिया जाए तो उसके साथ उत्तम व्यवहार करने की ताकीद की गई है, जो इस प्रकार है-
*1.* गुलामों और लौंडियों का आपस में विवाह करा दिया जाए ! 【कुरआन, सूरा-24, अन-नूर, आयत-32】
*2. प्राचीन काल की तरह लौडियों को व्यभिचार पर मजबूर न किया जाए ! 【कुरआन, सूरा-24, अन-नूर, आयत-33】
*3.* अगर वे अपनी स्वतंत्रता के लिए लिखा-पढ़ी करना चाहें तो उनसे लिखा-पढ़ी की जाए ! 【कुरआन, सूरा-24, अन-नूर, आयत-33】
*4.* लौंडी और उसके बच्चों में जुदाई न डाली जाए ! अगर किसी ने ऐसा किया तो क़ियामत के दिन अल्लाह उसके और उसके प्यारों में जुदाई डाल देगा ! एक हदीस में आता है कि अली रज़ि० ने दो गुलाम भाइयों में से एक को बेच दिया, नबी को पता चला तो आपने वापस करने का आदेश दिया ! क्योंकि इस तरह दो भाइयों में जुदाई हो गई थी !
*5.* एक और सहीह हदीस में आता है कि अगर कोई गुलाम खाना पकाए तो खाते समय उसको भी उस भोजन में शामिल कर लिया जाए, अगर भोजन बहुत कम है तो दो-चार लुक़मे ही उसे दिए जाएँ !
(देखिए सहीह बुखारी 2557)
(देखिए सहीह बुखारी 2557)
इसी प्रकार के और भी बहुत सारे अधिकार हैं जो इस्लाम में गुलामों को दिए गए हैं जिनका कोई उदाहरण इतिहास में नहीं मिलता !
आगे.........
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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_
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