Aap Sallahu Alaihe Wasallam Ne Ansar aur Muhajiron ko kaise Bhai Bhai Bana Diya?
Seerat-un-Nabi part 261 Hindi
أَعـــــــــــــــــــــــوذ بالله من الشيطان الرجيم.
بســــــــــــــــــــــــــــــــــــم الله الرحمن الرحيم.
Seerat-un-Nabi part 261 Hindi
أَعـــــــــــــــــــــــوذ بالله من الشيطان الرجيم.
بســــــــــــــــــــــــــــــــــــم الله الرحمن الرحيم.
Satarday, June. 20, 2020._
पार्ट-261 सीरत ए नबी ﷺ
Seerat Un Nabi |
_★पहला मरहला★_
नए समाज का गठन-3
नए समाज का गठन-3
_इन सबके साथ-साथ यह मस्जिद ही उन ग़रीब मुहाजिरों की एक अच्छी भली तायदाद का ठिकाना थी, जिनका वहां पर न कोई मकान था, न माल, न बीवी-बच्चे !_
फिर हिजरत के शुरू के दिनों ही में अज़ान भी शुरू हुई ! यह एक
लाहूती नरमा (अलौकिक गीत) था जो हर दिन पांच बार फ़िज़ा में गूंजता था और जिससे पूरी दुनिया कांप उठती थी ! इस सिलसिले में हज़रत अब्दुल्लाह बिन ज़ैद बिन अब्दे रब्बह रज़ियल्लाहु अन्हु के सपने की घटना काफ़ी मशहूर है ! (विस्तार के लिए जामेअ तिर्मिज़ी, सुनने अबू दाऊद,मुस्नद अहमद और सहीह इब्ने खुज़ैमा देखी जा सकती है ! )
लाहूती नरमा (अलौकिक गीत) था जो हर दिन पांच बार फ़िज़ा में गूंजता था और जिससे पूरी दुनिया कांप उठती थी ! इस सिलसिले में हज़रत अब्दुल्लाह बिन ज़ैद बिन अब्दे रब्बह रज़ियल्लाहु अन्हु के सपने की घटना काफ़ी मशहूर है ! (विस्तार के लिए जामेअ तिर्मिज़ी, सुनने अबू दाऊद,मुस्नद अहमद और सहीह इब्ने खुज़ैमा देखी जा सकती है ! )
★मुसलमानों को भाई-भाई बनाया गया★
_जिस तरह अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने मस्जिदे नबवी की तामीर का एहतिमाम फ़रमा कर आपसी जोड़ और मेल-मुहब्बत के एक सेंटर को वजूद बख़्शा, उसी तरह आपने इंसानी तारीख का एक और अति उज्ज्वल कारनामा अंजाम दिया, जिसे मुहाजिरों और अंसार के बीच मुवाखात (भाई-भाई बनाना) और भाईचारे का नाम दिया जाता है ! इब्ने कय्यिम लिखते हैं-: फिर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत अनस बिन मालिक रजि० के मकान में मुहाजिरों और अंसार के बीच भाईचारा कराया था ! कुल नब्बे आदमी थे, आधे मुहाजिर और आधे अंसार भाईचारे की बुनियाद थी कि ये एक दूसरे के ग़म में शरीक होंगे और मौत के बाद नसबी रिश्तेदारों के बजाए यही एक दूसरे के वारिस होंगे ! विरासत का यह हुक्म बद्र की लड़ाई तक चला, फिर यह आयत आई कि- *'नसबी रिश्तेदार एक दूसरे के ज़्यादा हक़दार हैं !*_ 【06:331】
_तो अंसार और मुहाजिरों में आपसी विरासत का हुक्म ख़त्म कर दिया था लेकिन भाईचारे का क़ौल व करार बाक़ी रहा ! कहा जाता है कि आपने एक और भाईचारा कराया था,जो मुहाजिरों के बीच था, लेकिन पहली बात ही साबित है ! यों ही मुहाजिर अपने आपसी इस्लामी भाईचारा, वतनी भाईचारा और रिश्ते और नातेदारी के भाईचारे की बुनियाद पर आपस में अब किसी भाईचारे के मुहताज न थे, जबकि मुहाजिर और अंसार का मामला इससे अलग था !
जादुल मआद 2/56
जादुल मआद 2/56
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ان شـــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــاء الـــلـــه.
جـــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــزاکـم الــلــه خـــیـرا.
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