Islam me Gussa karna kaisa gunah hai?
Quran Majeed ki Encyclopedia Part 380
Iman yani Vishwas quran wikipedia
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कुरआन मजीद की इनसाइक्लोपीडिया
भाग-380 तारीख़:22/06/2020
ईमान यानी विश्वास-232
*_★गुस्सा★_*
कुरआन में इसके लिए 'ग़ज़ब' शब्द का प्रयोग हुआ है ! इसका अर्थ कोप, प्रकोप, क्रोध, फटकार इत्यादि होता है ! इसमें अल्लाह का 'ग़ज़ब' भी शामिल है और मनुष्यों का भी ! अल्लाह का 'गज़ब मनुष्यों के सुधार के लिए प्रयुक्त हुआ है !
【देखिए : सूरा-48, अल-फतह, आयत-60; सूरा-6, अल-मुम्तहिना, आयत-13; सूरा-24, अन-नूर, आयत-9】
परन्तु मनुष्यों में 'ग़ज़ब' का होना शिष्टाचार के विरुद्ध है !
इसलिए ऐसे मनुष्य की प्रशंसा की गई है,जो गुस्सा पी जाता हो ! 【सूरा-3 आले इमरान- आयत-134】
सही हदीसो में बलवान उस व्यक्ति को कहा गया है जो गुस्से की दशा में अपने आप को संभाले तथा अपने ऊपर पूरा नियंत्रण रखें !
(देखिए:बुखारी,6114 तथा मुस्लिम,2609)
_इसी प्रकार एक सही हदीस में आया है कि एक व्यक्ति नबी सल्ल० से निवेदन किया कि मुझे कोई उपदेश दे ! आप सल्ल० ने कहा, "गुस्सा मत किया करो !" उस व्यक्ति ने दोबारा निवेदन किया ! आप सल्ल० ने उसे वही उपदेश दिया ! इस प्रकार उसने कई बार निवेदन किया और आप सल्ल० उसको यही कहते रहे कि गुस्सा मत किया करो !_ [देखिए:सहीह बुखारी,6116]
आगे.........
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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_
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