Allah ke nabi ne Ansar aur Muhajiron ke bich kaisi Madad ka wada Karwaya?
Islami Madad ka wada (Seerat-un-nabi)
أَعـــــــــــــــــــــــوذ بالله من الشيطان الرجيم.
بســــــــــــــــــــــــــــــــــــم الله الرحمن الرحيم.
Teusday, June. 23, 2020._
Islami Madad ka wada (Seerat-un-nabi)
أَعـــــــــــــــــــــــوذ بالله من الشيطان الرجيم.
بســــــــــــــــــــــــــــــــــــم الله الرحمن الرحيم.
Teusday, June. 23, 2020._
पार्ट-264 सीरत ए नबी ﷺ
*_★पहला मरहला-★_
★इस्लामी सहयोग का क़रार★ 01
_उल्लिखित भाईचारे की तरह अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने एक और वायदा-क़रार कराया, जिसके ज़रिए सारे अज्ञानतापूर्ण झगड़ों, क़बीलेवार संघर्षों की बुनियाद ढा दी और अज्ञानतापूर्ण युग के रस्म व रिवाज के लिए कोई गुंजाइश न छोड़ी ! नीचे इस क़ौल व क़रार को उसकी धाराओं सहित थोड़े में पेश किया जा रहा है !_
यह लेख है मुहम्मद नबी सल्ल० की ओर से कुरैशी, यसरिबी और
उनके आधीन होकर उनके साथ जुड़े रहने और जिहाद करने वाले मोमिनों और मुसलमानों के बीच कि-
उनके आधीन होकर उनके साथ जुड़े रहने और जिहाद करने वाले मोमिनों और मुसलमानों के बीच कि-
*1* _ये सब अपने मासिवा इंसानों से अलग एक उम्मत (समुदाय) हैं !_
*2* _मुहाजिर कुरैश अपनी पिछली हालत के मुताबिक़ आपस में दियत अदा करेंगे और ईमान वालों के दर्मियान भले तरीके से और इंसाफ़ की बुनियादों पर अपने कैदी का फ़िदया अदा करेंगे और उनका हर गिरोह भले तरीके पर और ईमान वालों के दर्मियान इंसाफ़ के साथ अपने कैदी का फ़िदया अदा करेगा !_
*3.* _ईमान वाले अपने बीच किसी बेकस को फ़िदया या दियत के मामले में भले तरीके के मुताबिक़ लेन-देन से महरूम न रखेंगे !_
*4.* _सारे सच्चे ईमान वाले उस व्यक्ति के खिलाफ़ होंगे जो उन पर ज़्यादती करेगा, या ईमान वालों के दर्मियान जुल्म और गुनाह और ज़्यादती और फ़साद के रास्ते को खोज रहा होगा !_
*5.* _इन सबके हाथ उस व्यक्ति के खिलाफ़ होंगे, चाहे वह उनमें से किसी का लड़का ही क्यों न हो !_
*6.* _कोई ईमान वाला किसी ईमान वाले को काफ़िर के बदले क़त्ल न करेगा !_
7.* _किसी ईमान वाले के खिलाफ़ किसी काफ़िर की मदद न करेगा !_
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ان شـــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــاء الـــلـــه.
جـــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــزاکـم الــلــه خـــیـرا.
ان شـــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــاء الـــلـــه.
جـــــــــــــــــــــــــــــــــــــــــزاکـم الــلــه خـــیـرا.
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