Islam Me Auraton Ko Parde me kyu Rakha Gya Hai? (Part 02)
सवाल: इस्लाम औरतों को पर्दे में रख कर उनका अपमान क्यों करता है?
02. यूनानी सभ्यताः इस सभ्यता को प्राचीन सभ्यताओं में बेहतरीन (अत्यन्त श्रेष्ठ)। माना जाता है। इस (अत्यन्त श्रेष्ठ) व्यवस्था के अनुसार औरतों को सभी अधिकारों से महरूम रखा जाता था और वे नीच वस्तु के रूप में देखी जाती थी। यूनानी देवगाथा (पाडोरा) नाम की एक ख़याली औरत (काल्पनिक स्त्री) पूरी मानव जाति केदुखों की मानी जाती है। यूनानी लोग औरतों को मर्यों के मुक़ाबले में हकीर (तुच्छ) जाति मानते थे।*
*हालांकि उनकी पाकीज़गी अनमोल थी और उनका सम्मान किया जाता था,परन्तु बाद में यूनानी लोग अहंकार और काम -वासना में लिप्त हो गए जिस्मफरोशी (वेश्यावृति) यूनानी समाज के हर वर्ग में एक आम रिवाज़ बन गई।*
*03. रोमन सभ्यता : जब रोमन सभ्यता अपने गौरव की चरम सीमा पर थी, उस समय एक पुरूष को अपनी बीवी का जीवन छीनने का अधिकार था। वेश्यावृति और नंगापन रोम वासियों में आम बात थी।*
04. मिस्र की सभ्यताः प्राचीन मिस्र के लोग औरतों को शैतान का रूप मानते थे।
05. इस्लाम से पहले का अरब: इस्लाम से पहले अरब में औरतों को नीच माना। जाता था और जब किसी के घर में लड़की का जन्म होता तो आम तौर से उसे ज़िन्दा दफन कर दिया जाता था।
इस्लाम ने औरतों के रुतबे को ऊपर उठाया और 1440 साल पहले ही उनके अधिकार उनको दे दिए, उसे इज्ज़त और बराबरी का दर्जा दिया और वह उनसे उम्मीद करता है कि वे अपने स्तर को बनाए रखेंगी।
TO BE CONTINUE Insha'Allah wayOfJannah Institute
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