Deen-E-Islam Kya Talwar Ki Taqat Se Failaya Gya Hai?
सवाल : इस्लाम को शान्ति का धर्म कैसे कहा जा सकता है जबकि यह तलवार से फैला है? (Part 09)
'इस दुनिया में राजा राजा के न होने पर ताक़तवर लोगों के फसाद(उपद्रव) से ख़ौफ़ज़दा (भयाक्रान्त) होकर लोग इधर उधर भागते हैं। यही कारण है कि भगवान ने राजा को पैदा किया। (मनुस्मृति: 7/3)
आग उसी शख्स को भस्म करती है जो उसकी अवज्ञा (नाफ़र्मानी) करता है लेकिन राजा के गुस्से की आग उसकी नाफ़र्मानी करनेवाले शख्स को, उसके खानदान को, उसके जानवरों को, दौलत व जायदाद का ख़त्म कर देती है।' (मनुस्मृतिः 7/9)
'देश, काल, विद्या एवं अन्याय में डूबे अपराधियों की ताक़त को देखते हुए राजा को उन्हें उचित दण्ड (सज़ा) देनी चाहिये। (मनुस्मृतिः 7/16)
'अगर गुनाहगारों को सज़ा देने में राजा सावधानी से काम नहीं लेता तो ताक़तवर लोग, कमज़ोर लोगों को उसी तरह बर्बाद कर देते हैं। जिस तरह बड़ी मछली, छोटी मछली को खा जाती है।' (मनुस्मृति:7/20)
'सारे वर्गों के लोग सज़ा का डर न होने पर गैर-क़ानूनी कामों में मुलव्विस (लिप्त) हो सकते हैं, नियम-पालन (उसूल-कायदों) के तमाम बंधन टूट सकते हैं और पूरी दुनिया में फ़साद (उपद्रव) फैल सकता है। अकेला दण्ड ही निवारक और नियमों का पालन करने वाला है।'. (मनुस्मृति: 7/24)
राजा लड़ाई में दुश्मनों केरथ, घोड़े, हाथी, छत्र (ताज), धन-दौलत, जानवर, औरतें और घी तेल जो भी जीतता है, वह सब राजा को दुश्मनों के योद्धाओं को ही दे देना चाहिये, क्योंकि जीत हासिल करने के बाद राज्य पर उसी का अधिकार हो जाता है।'
(मनुस्मृति : 7/96)
'ऐसे राजा से सारी दुनिया डरती है जो हमेशा ताक़त का इस्तेमाल पर आमादा रहता है। लिहाज़ा राजा को ताक़त के ज़रिये ही सबको सही रास्ते पर चलाना है।'
(मनुस्मृतिः 7/103)
TO BE CONTINUE In sha'Allah
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