ताकत के बावजूद हज नही करना
नबी अकरम सल्ल, का इरशाद है, इस्लाम के बुनियाद पांच चीजों पर है इस बात कि गवाही देना कि अल्लाह के सिवा कोई माअबूदे बरहक नहीं है मोहम्मद सल्ल. अल्लाह के रसूल है, नमाज़ कायम करना, ज़कात अदा करना, बैतुल्लाह का हज करना, और रमज़ान के रोजे रखना.
(इमाम बुखारी ने रिबायत किया है, फतहुल बारी 5491)
क्योंकि हज़ भी इस्लाम के पांच अरकान में से एक अहम रुक्न है, और इस्तिताअत रखते हुए उसको अदा न करना गुनाहे कबीरह है।
❁इल्म हासिल करना हर एक मुसलमान मर्द-और-औरत पर फर्ज़ हैं
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