Islam me Mard ko ek se Jyada Biwi Rakhne ki Kyu Ijajat Di Hai? (Part 15)
सवाल: मुस्लिमों को एक से ज़्यादा बीवियां रखने की इजाज़त क्यों है? यानी इस्लाम एक से ज़्यादा शादी करने की इजाज़त क्यों देता है।??
04. औरतों के साथ माफ़ी व दरगुज़र से काम लेनाः*
कुरआन मजीद में अल्लाह तआला इर्शाद फ़र्माता है, ‘ऐ ईमानवालों!
तुम्हारी बीवियों और बच्चों में कुछ तुम्हारे दुश्मन भी हैं, उनसे बचते रहो। अगर तुम माफ़ कर दो और दरगुज़र करो तो अल्लाह भी रहम करने वाला है।'
(सूरह तग़ाबुनः 14)
अल्लाह के रसूल (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने इरशाद फ़र्माया,
औरतों के साथ अच्छा बर्ताव करो। औरत पसली से पैदा की गई। है और पसलियों में सबसे ज़्यादा ऊपर का हिस्सा टेढ़ा है अगर तुम सीधा करने की कोशिश करोगे तो वह टूट जाएगी।'
। (बुख़ारी, मुस्लिम)
ऊपर बयान की गई आयत में बीवी के दुश्मन होने का मतलब यह है कि अगर औरत अपने शौहर की फ़र्माबरदारी (आज्ञापालन) में कोताही करे, दीन के मामलात में उसका सहयोग न करे, शौहर जैसा काम चाहे वह वैसा नहीं करे ।
यानी बीवी शौहर के प्रति असहयोग का रवैया रखे। लेकिन ऐसी सूरत में भी कुरआन के ज़रिये अल्लाह ने मर्दो को यह तालीम दी है कि वो माफ़ी और दरगुज़र (Ignore) करने की कोशिश करे।ये बड़ी हिम्मत का काम है और औरतों के साथ अच्छा बतव वही शख़्स कर सकता है जिस आदमी में बर्दाश्त करने की सलाहियत (सहन-शक्ति) बहुत ज़्यादा हो।
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