jo log Quran Ki Aayaton Aur Nabiyon Ki Mazak Banate hai Aur Unki Ne Hurmati Karte Hai Unke Liye Paigam.
काफ़ीरो को खबरदार करने वाली आयाते
आज कल youtube पर बैठे लोग इस्लाम की, QUR'AN की आयातो का बहुत मज़ाक उड़ा रहे हैं! और NAUZBILLAH! ALLAH को भी और हमारे नबी (S. A. W) को भी गालिया दी जा रही है! और मज़ाक तो बहुत ही उड़ाया जा रहा है!
अब आईए चलते हैं इन आयातो की तरफ़ जिसमे ALLAH ने हँसी मज़ाक करने वालों के लिए कहा है. यह काफ़ीरो का इस्लाम के साथ और नबीइयो के साथ हंसी मज़ाक करना अभी से नहीं बल्कि हर नबी के साथ यह हँसी किया करते थे और इनका बहुत मज़ाक उड़ाया करते थे. NAUZBILLAH!
काफीरो के लिए QUR'AN की यह आयाते खबरदार करने वाली है अगर कफिर अब भी नहीं मानेगा तो उसे क़यामत के दिन सख्त अज़ाब दिया जाएगा और वो अज़ाब कभी भी उस पर से कम नहीं किया जाएगा!
वैसे ALLAH ने QUR'AN मे कहा है कि ( *ALLAH को हिसाब लेने मे देर नहीं लगती*)
अब लेकिन काफ़ीरो को ALLAH ने मुहल्लत भी दे रखी है देखिए वो Ayat
14 : سورة إبراهيم) Surah Ibrahim) 42
وَ لَا تَحۡسَبَنَّ اللّٰہَ غَافِلًا عَمَّا یَعۡمَلُ الظّٰلِمُوۡنَ ۬ ؕ اِنَّمَا یُؤَخِّرُہُمۡ لِیَوۡمٍ تَشۡخَصُ فِیۡہِ الۡاَبۡصَارُ ﴿ۙ۴۲﴾
और आप हरगिज़ यह ख़्याल न करें कि अल्लाह उससे बेख़बर है जो ज़ालिम लोग कर रहे हैं, वे उनको उस दिन के लिए *मुहल्लत* दे रहा है जिस दिन आँखें पथरा जाएंगी।
अब आईए वो आयातो की तरफ़ जिसमे काफ़ीरो को खबरदार करने के लिए वो आयाते हैं 👇🏻👇🏻
2 2 : سورة البقرة 212
Surah Baqarah
زُیِّنَ لِلَّذِیۡنَ کَفَرُوا الۡحَیٰوۃُ الدُّنۡیَا وَ یَسۡخَرُوۡنَ مِنَ الَّذِیۡنَ اٰمَنُوۡا ۘ وَ الَّذِیۡنَ اتَّقَوۡا فَوۡقَہُمۡ یَوۡمَ الۡقِیٰمَۃِ ؕ وَ اللّٰہُ یَرۡزُقُ مَنۡ یَّشَآءُ بِغَیۡرِ حِسَابٍ ﴿۲۱۲﴾
ख़ुशनुमा कर दी गई है दुनिया की ज़िंदगी उन लोगों की नज़र में जो मुनकिर हैं *और वे हँसते हैं ईमान वालों पर* ; हालाँकि जो परहेज़गार हैं वे क़यामत के दिन उनके मुक़ाबले में ऊँचे होंगे, और अल्लाह जिसको चाहता है बेहिसाब रोज़ी दे देता है।
5 : سورة المائدة 58
Surah Maedah
وَ اِذَا نَادَیۡتُمۡ اِلَی الصَّلٰوۃِ اتَّخَذُوۡہَا ہُزُوًا وَّ لَعِبًا ؕ ذٰلِکَ بِاَنَّہُمۡ قَوۡمٌ لَّا یَعۡقِلُوۡنَ ﴿۵۸﴾
और जब तुम नमाज़ के लिए बुलाते हो तो वे लोग उसको मज़ाक और खेल बना लेते हैं, इसकी वजह यह है कि वे अक़्ल नहीं रखते।
9 : سورة التوبة 65
وَ لَئِنۡ سَاَلۡتَہُمۡ لَیَقُوۡلُنَّ اِنَّمَا کُنَّا نَخُوۡضُ وَ نَلۡعَبُ ؕ قُلۡ اَ بِاللّٰہِ وَ اٰیٰتِہٖ وَ رَسُوۡلِہٖ کُنۡتُمۡ تَسۡتَہۡزِءُوۡنَ ﴿۶۵﴾
और अगर आप उनसे पूछो तो वे कहेंगे कि हम तो बस हँसी और दिल्लगी कर रहे थे, कह दीजिएः क्या तुम अल्लाह से और उसकी आयात से और उसके रसूल से हँसी और दिल्लगी कर रहे थे?
11 : سورة هود 8
Surah hood
وَ لَئِنۡ اَخَّرۡنَا عَنۡہُمُ الۡعَذَابَ اِلٰۤی اُمَّۃٍ مَّعۡدُوۡدَۃٍ لَّیَقُوۡلُنَّ مَا یَحۡبِسُہٗ ؕ اَلَا یَوۡمَ یَاۡتِیۡہِمۡ لَیۡسَ مَصۡرُوۡفًا عَنۡہُمۡ وَ حَاقَ بِہِمۡ مَّا کَانُوۡا بِہٖ یَسۡتَہۡزِءُوۡنَ ٪﴿۸﴾ 1
और अगर हम कुछ मुद्दत तक उनकी सज़ा को रोक दें तो कहते हैं कि क्या चीज़ उसको रोके हुए है, सुन लो! जिस दिन वह उन पर आ पड़ेगा तो उन से फेरा न जाएगा *और उनको घेर लेगी वह चीज़ जिसका वे मज़ाक़ उड़ा रहे थे।*
16 : سورة النحل 34
Surah Nahal
فَاَصَابَہُمۡ سَیِّاٰتُ مَا عَمِلُوۡا وَ حَاقَ بِہِمۡ مَّا کَانُوۡا بِہٖ یَسۡتَہۡزِءُوۡنَ ﴿۳۴﴾٪ 10
फिर उनको उनके बुरे काम की सज़ाएं मिलीं और जिस चीज़ का *वे मज़ाक़ उड़ाते थे उसने उनको घेर लिया* ।
21 : سورة الأنبياء 41
Surah Ambiya
وَ لَقَدِ اسۡتُہۡزِئَ بِرُسُلٍ مِّنۡ قَبۡلِکَ فَحَاقَ بِالَّذِیۡنَ سَخِرُوۡا مِنۡہُمۡ مَّا کَانُوۡا بِہٖ یَسۡتَہۡزِءُوۡنَ ﴿٪۴۱﴾ 3
*तुम से पहले भी रसूलों की हँसी उड़ाई जा चुकी है, किन्तु उन में से जिन लोगों ने उन की हँसी उड़ाई थी उन्हें उसी चीज़ ने आ घेरा, जिस की वे हँसी उड़ाते थे*
30 : سورة الروم 10
Surah Room
ثُمَّ کَانَ عَاقِبَۃَ الَّذِیۡنَ اَسَآءُوا السُّوۡٓاٰۤی اَنۡ کَذَّبُوۡا بِاٰیٰتِ اللّٰہِ وَ کَانُوۡا بِہَا یَسۡتَہۡزِءُوۡنَ ﴿۱۰﴾٪ 4
फिर जिन लोगों ने बुरा किया था उन का परिणाम बुरा हुआ, क्योंकि उन्होंने अल्लाह की आयतों को झुठलाया और उन का उपहास करते रहे
31 : سورة لقمان 6
Surah Luqman
وَ مِنَ النَّاسِ مَنۡ یَّشۡتَرِیۡ لَہۡوَ الۡحَدِیۡثِ لِیُضِلَّ عَنۡ سَبِیۡلِ اللّٰہِ بِغَیۡرِ عِلۡمٍ ٭ۖ وَّ یَتَّخِذَہَا ہُزُوًا ؕ اُولٰٓئِکَ لَہُمۡ عَذَابٌ مُّہِیۡنٌ ﴿۶﴾
लोगों में से कोई ऐसा भी है जो दिल को लुभाने वाली बातों का ख़रीदार बनता है, ताकि बिना किसी ज्ञान के अल्लाह के मार्ग से (दूसरों को) भटकाए और उन का परिहास करे। वही है जिन के लिए अपमानजनक यातना है
36 : سورة يس 30
Surah Yaseen
یٰحَسۡرَۃً عَلَی الۡعِبَادِ ۚ ؑ مَا یَاۡتِیۡہِمۡ مِّنۡ رَّسُوۡلٍ اِلَّا کَانُوۡا بِہٖ یَسۡتَہۡزِءُوۡنَ ﴿۳۰﴾
ऐ अफ़सोस बन्दो पर! जो रसूल भी उन के पास आया, वे उस का परिहास ही करते रहे
45 : سورة الجاثية 9
Surah Jasiyah
وَ اِذَا عَلِمَ مِنۡ اٰیٰتِنَا شَیۡئَۨا اتَّخَذَہَا ہُزُوًا ؕ اُولٰٓئِکَ لَہُمۡ عَذَابٌ مُّہِیۡنٌ ؕ﴿۹﴾
जब हमारी आयतों में से कोई बात वह जान लेता है तो वह उन का परिहास करता है, ऐसे लोगों के लिए रुसवा कर देने वाली यातना है
45 : سورة الجاثية 35
Surah Jasiyah
ذٰلِکُمۡ بِاَنَّکُمُ اتَّخَذۡتُمۡ اٰیٰتِ اللّٰہِ ہُزُوًا وَّ غَرَّتۡکُمُ الۡحَیٰوۃُ الدُّنۡیَا ۚ فَالۡیَوۡمَ لَا یُخۡرَجُوۡنَ مِنۡہَا وَ لَا ہُمۡ یُسۡتَعۡتَبُوۡنَ ﴿۳۵﴾
यह इस कारण कि तुम ने अल्लाह की आयतों की हँसी उड़ाई थी और सांसारिक जीवन ने तुम्हें धोखे में डाले रखा।" अतः आज वे न तो उस से निकाले जाएँगे और न उन से यह चाहा जाएगा कि वे किसी उपाय से (अल्लाह के) प्रकोप को दूर कर सकें
83 : سورة المطففين 29
Surah Mutaffifeen
اِنَّ الَّذِیۡنَ اَجۡرَمُوۡا کَانُوۡا مِنَ الَّذِیۡنَ اٰمَنُوۡا یَضۡحَکُوۡنَ ﴿۲۹﴾۫ ۖ
जो अपराधी हैं वे ईमान लाने वालों पर हँसते थे,
_____________________________________
यह है वो आयाते जिस मे कफिरो की हँसी की बात कही गई है वो मोमिनो से हँसी मज़ाक करते थे, वो हर नबी का मज़ाक उड़ाया करते थे यह सिर्फ आज की बात नहीं है बल्कि इनका यह काम हर दौर में था!
ख़ैर!!
ए! काफ़ीरो तुम कब सुधरोगे? अभी भी वक़्त है ईमान ले आओ. तुम जिस चीज़ का मज़ाक उड़ाते हो ALLAH कहता है वो हंसी मजाक की चीज़ नहीं है
86 : سورة الطارق 14
Surah Tariq
وَّ مَا ہُوَ بِالۡہَزۡلِ ﴿ؕ۱۴﴾
यह हँसी की (और बे फायदा) बात
नहीं है!
____________________________________
उम्मीद है अब अकल से काम लोगे और अगर तुम्हें अब भी मज़ाक छूट रही तो फिर 👇🏻
*ALLAH इसका जल्द हिसाब लेने वाला है* (Surah imran Ayat 19)
*और ALLAH जल्द हिसाब लेने वाला है* (SURAH IMRAN AAYAT 199)
*और हिसाब लेने वाला ALLAH ही काफी है* (SURAH NISA Ayat 6)
_____________________________________
No comments:
Post a Comment