Muslim Larkiyo ke liye Chalayi Ja rahi yah Saazish kya hai?
Muslim Larkiyo ko Fansane ke liye LM aur HM Nam ka Code word kya hai?Yah kaise Kam karti hai, iske Buniyadi Usool kya hai?
Love Jihad ke Nam Par Kis Tarah Islam ko Aur Musalman Ko Badnam Kiya Gya?
Love Jihad Ka afwah bnaker Kis Tarah Muslim Larkiyo Ko HM (Hindu Marriage) kiya Ja raha hai Aur isme Paise Ki lalach di ja rahi hai?
Kya hm apne Bacho ka Itna bhi Khyal nahi rakh sakte Ke Aaj Wah kafir Ke sath Shadi kar rahi hai?
Iski Sabse Bari wajah hmari Laparwahi hai aur Deen se Doori hai Jo Modern Education ke nam pe ya College universities me anjam Diya Ja raha hai.
*Ye un ladkiyo ki list hai jisne Hinduo se bhagkar shadi ki hai.*
love Jihad ek Propganda HM ek Muhim.
भारतीय मुसलमानों के नाम एक अहम पैगाम
यह पैगाम इस वक्त का बहुत ही अहम पैगाम है इसको हर मुसलमान तक पहुंचा दें !!
मुल्क के अलग-अलग इलाको से यह खबर लगातार सामने आ रही हैं , कि मुसलमान लडकियां गैर-मुस्लिम लडकों से शादियां कर रही हैं !!
और अपना दीन व ईमान और शर्म व हया बेच कर अपने खानदान और अपने समाज पर बदनामी का दाग लगा रही हैं !!
पहले तो इस तरह का कोई एक आद ही मामला सामने आता था लेकिन अब एक साजिश और पलानिंग के तहत मुसलमान लडकियों को जाल में फंसाया जा रहा है !!
और एक मुस्लिम लडकी को हिंदू बनाने पर हिंदू नोजवानों काे 2 लाख रूपये का इनाम भी दिया जा रहा है !!
मुसलमानों मज़हब-ए-इस्लाम के दुश्मन की यह खासियत है कि वह जो जुर्म करने का इरादा करता है, पहले उसका इल्ज़ाम इस्लाम और मुसलमानों पर ही थोप देता है ताकि इस जुर्म का लेबल सिर्फ इस्लाम और मुसलमानों पर लगा दिया जाए !!
और फिर खुद इस काम को करना शुरू कर देता है !!
जिसका बहाना बना कर मज़हब इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम किया जा चुका होता है !!
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बिल्कुल यही साजिश लव जिहाद के नाम पर की गई है !!
पहले मुसलमानों को बदनाम किया गया कि मुसलमान लव जिहाद कर के हिन्दू लड़कियों को मुसलमान बनाते हैं और फिर उनको बर्बाद कर देते हैं !!
हालांकि लव जिहाद सिर्फ एक साजिश थी जिसका लेबल इसलाम और मुसलमानों पर लगा दिया गया !!
हालां कि इस्लाम के अन्दर लव जिहाद नाम की कोई भी चीज नहीं है !!
दुनिया के अन्दर कोई ऐसा शख्स नहीं जो यह साबित करे कि इस्लाम लव जिहाद की दावत देता है !!
क्यों कि लव जिहाद सिर्फ और सिर्फ एक साजिश है जो इस्लाम दुश्मन ताकतों की तरफ से मुसलमानों के उपर जबरदस्ती थोपा गया है !!
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एक वक्त वह था जब इस्लाम के दुश्मनों ने यह शोर मचाया कि मुसलमान लव जिहाद कर रहे हैं बहर-हाल लव जिहाद सिर्फ एक लेबल था जो मुसलमानों पर लगा दिया गया !!
और फिर बहु लाओ बेटी बचाओ के अभियान के तहत मुस्लिम लड़कियों को हिन्दू बनाने की मुहिम शुरू कर दी गई !!
और फिर पूरे मुल्क में मुस्लिम लड़कियों को हिन्दू बनाने के एलानात किए गए !!
एक मुस्लिम लड़की को हिन्दू बनाने पर लाखों ईनाम देने के एलानात किए गए !!
अफसोस कि जिस चीज़ का मज़हब ए इस्लाम में कोई वजूद ही नहीं उसका बहाना बना कर इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम कर दिया गया !!
और फिर मुस्लिम लड़कियों को हिन्दू बनाने के एलानात कर दिए गए !!
हालांकि मुसलमान यह कहते रहे कि लव जिहाद है ही नहीं और न ही किसी मुसलमान ने हिन्दू लड़की को मुसलमान बनाने पर लाखों रुपए के ईनाम का एलान किया !!
फिर भी कसूरवार मुसलमानों को ठहरा दिया गया !!
और मुस्लिम लड़कियों को हिन्दू बनाने पर लाखों रुपए देने की बात करने वालों को बे-गुनाह समझा जा रहा है !!
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याद रहे कि मुसलमान लड़कियों को हिन्दू बनाने के लिए हिन्दू तन्जीमो की ओर से हिन्दू लड़कों की एक टीम बनाई गई है जो मुस्लिम लड़कियों को अपने झूठे प्यार व मुहब्बत में फंसा कर उनको हिन्दू बनाने की मुहिम का हिस्सा है !!
और बहुत सारी मुस्लिम लड़कियों को हिन्दू बनाया जा चुका है !!
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*हालात का जायज़ा*
यह सारी बातें अपनी जगह सही हैं !!
लेकिन आर एस एस का एजेंट उन लड़कियों तक कैसे पहुंचा ?
उन लड़कियों ने ऐसा क़दम क्यों उठाया ?
और ऐसे ज़ालिमाना रस्म व रिवाज को मुआशरा ने वजूब की हैसियत क्यों दी ?
जानबूझकर या नादानिसता सारे लोग उन वजूबात से चश्मपोशी करते नज़र आ रहे हैं !!
लिहाजा ज़रूरी है कि क़ौम के बहादुर और समझदार हज़रात असल वजह को तलाश करें !!
आर एस एस के बजाय असली मुजरिम कौन है इसकी निशानदेही करें !!
और लड़कियों के ऐसे ग़लत क़दम उठाने पर क्या शरई एहकाम लागू होते हैं उसे ज़ाहिर करें !!
ताकि मर्ज़ का सही इलाज किया जा सके !!
मेरी नाकिस़ मालूमात में इस बुराई का असल वजह दीन की कमी और मुस्लिम घरानों में दीनी माहौल का न होना है !!
आज हमारे बच्चे यह नहीं जानते कि उनके मुसलमान होने का मतलब क्या है ?
हम मुसलमान क्यों हैं ?
हम में और काफ़िर में क्या बुनियादी और हक़ीक़ी फर्क है ?
उन्हें मालूम नहीं है कि एक मुसलमान बशर्त इस्लाम अल्लाह का वली होता है !!
अल्लाह ने कुरआन करीम में फ़रमाया है कि" यक़ीन मानो ! काफ़िर तुम्हारे खुले दुश्मन हैं" ( सूर: निसाअ 101)
"ऐ ईमान वालो ! मेरे और अपने दुश्मनों को दोस्त न बनाओ" (सूर: मुम्तह़नह 1)
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फिर यह कैसे मुमकिन है कि अल्लाह का वली अल्लाह तआला के दुश्मन को अपना दोस्त बनाए और एक कुरआन व रसूल पर ईमान लाने वाली औरत या मर्द अपने अल्लाह के दुश्मन और खुद अपने दुश्मन के साथ ज़िन्दगी गुज़ारने का वादा व पैमान करे ?
एक इस्लामी वाक्या
हज़रत उम्मे सलीम रज़ि० जब बेवा हुईं तो तो मदीना के एक अमीर शख्स अबु तलहा ने शादी का पैगाम भेजा,
(उस वक्त तक अबु तलहा मुसलमान नहीं हुए थे और उम्मे सलीम रज़ि० मुसलमान हो चुकी थी)
लिहाजा उम्मे सलीम ने यह दो टूक जवाब देकर उनके पैग़ाम को रद्द कर दिया कि ऐ अबु तलहा ! अल्लाह की कसम आप की वह हैसियत है कि आपका पैग़ाम रद्द न क्या जाए !!
लेकिन मुश्किल यह है कि आप काफ़िर हैं और मैं मुसलमान हूं, और किसी मुसलमान औरत के लिए मुनासिब नहीं है कि किसी काफ़िर के साथ शादी करे !!( मसनद अहमद, सुन्न निसाई)
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क्या आप को मालूम है कि मुसलमान लड़कियों के हिन्दू बनने पर असली मुजरिम कौन है ?
मेरे तजुर्बे के मुताबिक लड़कियों की इस ग़लत राह एख्तियार करने का असली मुजरिम उनके मां बाप हैं !!
क्यों कि मां बाप ने न तो घर का माहौल दीनी रखा, न ही औलाद को दीनी तालीम सिखलाया !!
और न ही मुस्लिम व गैर मुस्लिम का असली फर्क बतलाया !!
उनकी सारी फिक्र इस बात की रही कि मेरी औलाद (बेटा बेटी) ऊंची तालीम हासिल कर ले !!
उसे अच्छी नौकरी मिल जाए !!
लेकिन इस तरफ़ बिल्कुल भी फिक्र नहीं किया कि इन हालात में मेरी बेटी मुसलमान भी रह जायेगी कि नहीं ?
उन्हें यह फ़िक्र तो सुबह व शाम रही कि मेरी बेटी डाक्टर बन जाए !!
इंजीनियर बन जाए !!
लेकिन मोमिन व मुसलमान भी बने इस के बारे में शायद कभी सोचा भी न हो !!
उनकी फिक्रे इस बात पर रहीं होंगी कि मेरी बेटी अंग्रेजी ज़बान बोलने और समझने लगे लेकिन यह कभी नहीं सोचा होगा कि उसे कुरआन मजीद का सिर्फ तर्जुमा ही पढ़ा दिया जाए !!
अल्लाह तआला की तरफ से दी गई असल जिम्मेदारी को वो भूले रहे !!
उनहें यह भी याद नहीं रहा कि अल्लाह और उसके रसूल ने हमारे ऊपर औलाद की क्या जिम्मेदारी रखी है ?
अल्लाह तआला फरमाता है,,, ईमान वालो तुम अपने को और अपने घर वालों को उस आग से बचाव जिस का ईंधन ईंसान और पत्थर हैं ( सूरह तहरीम, आयत 6 )
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*नबी करीम सल्ललाहु अलेईहि वसल्लम ने फरमाया कि जिस बंदे को अल्लाह तआला घर वालों की जिम्मेदारी देता है और उसकी मोत इस हालत में होती है कि वो अपने घर वालों के साथ धोका करने वाला है तो अल्लाह उस पर जन्नत हराम कर देता है
( सहीह बुखारी व सहीह मुस्लिम)
हर समझदार मां और बाप से सवाल है कि दुनियां में इस से बडा धोका और क्या हो सकता है !!
बाप अपनी औलाद दुनिया की खतम होने वाली जिंदगी में काम आने वाले कामों के बारे में तो समझा दे और आखिरत के बाद की असली जिंदगी में काम आने वाली बातों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिलाया !!
अल्लाह की कसम इस से बडा धोका और विश्वासघात दुनियां में और कुछ नहीं है !!
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इस ऐजेंडे को नाकाम बनाने में इन बातों पर अमल करें
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(1)- इस्लामी निजाम के मुताबिक बच्चियों को पर्दे का पाबंद बनाया जाए !!
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(2)- वो बच्चियां जो उर्दू नहीं पढ सकती हैं उनको अपने इलाके के किसी आलिम से पूछ कर कोई एक हिंदी जबान में लिखी गई बहतरीन इस्लामी किताब लाकर दें जिस से उनको मजहब ए इस्लाम के बारे में अच्छी मालूमात हासिल हो सके !!
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(3)- अपनी बच्चियों को सिर्फ ऐसी जगह पढने के लिए भेजें जिस जगह का माहौल अच्छा और महफूज हो !!
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(4)- मोबाईल रिचार्ज के लिए किसी गैर मुस्लिम की दुकान पर जाने की ईजाजत ना दी जाए !!
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दोस्तों हमने आपके सामने जो यह चंद बातें पेश की हैं इनको हर मुसलमान तक जरूर पहुंचाएं !!
और हर मुसलमान भाई इसको अपने दोस्तों को फेसबूक और वाट्सऐप और इस्लामिक ग्रुप वगैरा में हर जगह फैलाएं !!
ताकि इस्लाम की मुकद्दस शहजादियों को जालिम के चंगुल से महफूज रखा जा सके !!
Ya Allah Jo log Islam ko aur Musalaman ko badnam karna chahte hai too use Be nakab kar de, use Duniya-o-Aakhirat me Zaleel o ruswa kar, Ya Allah Too Musalmano ko uske Dushmano ke Shar se mahfooz rakh, Muslim Larkiyo ki izzat o waqar ki hifazat kar, too use Quran-O-Sunnat pe chala, Use Deen ko Sahi Samajh Ata kar, Aur Zalimo ko barbad kar jo uske Izzat ko lootna chahta hai Aur Deen-E-Islam se mooh Morna chahta hai ya Allah Too aeise logo ko Khud usi ke shar se use Barbad aur Nesto nabood kar de, Aeisi sza de Jisse uski Pura Ahle Khana, Muashara aur Us tabke ke Log aur uski aane wali nasal Isse Tabah ho jaye, Ys Allah Too Musalmano ko Nek Pakka Sacha Momeen Bna, Use Sahi Sunne aur Haque Bolne ko Himmat de unke Ander Ittehad Qayem kar. Aameen Summa Aameen