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Falasteen Me Arab Kab Se Aabad Hain? Arab history in Palestine | फलस्तीन में अरब कब से आबाद हैं

Falasteen (Palestine) Me Arab Kab Se Aabad Hain? History of Arabs in Palestine | Falasteen Me Arbon Ki Tareekh

Arab Settlement in Palestine: Historical Roots and Legacy.
Explore the deep historical roots of Arab settlement in Palestine, tracing cultural, tribal, and political influences across centuries of change.

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फलस्तीन में अरब कब से आबाद हैं ? एक इतिहास 

हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने अपने बड़े बेटे हज़रत इस्माईल को मक्का में आबाद किया और छोटे बेटे हजरत इस्हाक़ को फलस्तीन में , फिर आज फलस्तीन अरबों के कैसे हो गया ? फलस्तीन हज़रत इस्हाक़ की संतान इस्राइलियों का होना चाहिए

यह वह सवाल है जो अक्सर खड़ा किया जाता है और मुसलमानों की ओर से आम तौर पर यह जवाब दिया जाता है कि यहां से इसराइली निकल गए थे और ईसाई आबाद थे अरबों ने उन पर विजय प्राप्त की और चौदह सौ वर्षों से यहां आबाद हैं इस लिए अब यह उनका वतन है

लेकिन क्या सच में फलस्तीन देश में अरब सिर्फ चौदह सौ वर्षों से ही आबाद हैं ? जब हज़रत इब्राहीम अपने बेटे इस्हाक़ को यहां ले कर आए और आबाद हुए क्या उस से पहले यह गैर आबाद देश था या आबादी थी अगर आबादी थी तो वह कौन लोग थे और अब कहां हैं ?

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पवित्र तौरेत व बाइबल में फलस्तीन को कनआन या किनआन लोगों की ज़मीन कहा गया है जब हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम यहां आ कर आबाद हुए उस समय यहां किनआन कौम आबाद थी हज़रत इब्राहीम ने उनसे जमीन खरीदी और रहने लगे जिस जगह उन्होंने रहना शुरू किया आज वहां शहर आबाद है जिसका नाम अल खलील है जो अल कुद्स या योरोशलम से करीब है अल खलील शहर में ही उनकी क़ब्र है

यह किनआन कौम के लोग कौन थे और अब कहां हैं ? कनआन अरब के पुराने कबीले अमालिका की एक ब्रांच थी अमालिक़ा बहुत बहादुर कबीला था लंबे तगड़े होते थे इनका असल क्षेत्र दक्षिण यमन था वहां से यह लोग निकल कर आस पास के देशों में फैल गएं अरब इतिहासकार मसऊदी के अनुसार मिस्र के फिरऔन व इराक़ के नमरूद का संबंध भी अमालिका से था

आमालिका की एक शाखा कनआन यमन से निकल कर भूमध्यसागरीय तटों पर आबाद हो गई यह लोग लेबनान व फलस्तीन में आबाद हुए थोड़े बहुत कनआनी सीरिया व जार्डन के कुछ इलाकों में भी आबाद हुए

हज़रत इब्राहीम के बेटे हज़रत इस्हाक़ फिर उनके बेटे हज़रत याकूब हुए हज़रत याकूब का ही नाम इसराइल भी था उनके बारह बेटे थे उनमें एक बेटे हज़रत यूसुफ़ भी थे जिनकी कहानी कुरान में है वह मिस्र देश में मंत्री बन गएं और फिर पूरा खानदान फलस्तीन छोड़ कर मिस्र में आबाद हो गया

शुरुआत में इसराइली मिस्र में बड़े आराम से थे खूब फले फूले लेकिन बाद में इन्हें फिरऔन ने गुलाम बना लिया कई शताब्दियों तक यह गुलाम रहे उसके बाद हज़रत मूसा ने इन्हें फिरऔन से छुटकारा दिलाया और मिस्र से निकाल लाए

हज़रत मूसा इन्हें मिस्र से लेकर फलस्तीन आए उस समय भी यहां किनआनी लोग आबाद थे जो बहुत ताकतवर थे इसी लिए कुरान में उन्हें कौम ए जब्बार यानी जबरदस्त कौम कहा गया है

किनआनी बादशाह जालूत को हज़रत दाऊद ने कत्ल कर दिया और इसराइली लोगों का राज्य स्थापित किया पहले खुद बादशाह हुए उनके बाद उनके बेटे हज़रत सुलेमान बादशाह हुए और बहुत शानदार हुकुमत चलाई उन्होंने एक बहुत बड़ी इबादत घर बनाया जिसे हैकल सुलेमानी कहा जाता था

बाद में यहां हज़रत ईसा पैदा हुए यहूदियों ने उनका विरोध किया और अपनी जानकारी में उन्हें फांसी दे दी हज़रत ईसा के 90 वर्ष बाद यहां रोमन साम्राज्य ने हमला किया और इसराइली लोगों से सत्ता छीन ली हैकल सुलेमानी को गिरा कर जमीन बराबर कर दी रोमन साम्राज्य ने इन से हज़रत ईसा पर होने वाले ज़ुल्म का बदला चुन चुन कर लिया

फिर इसलाम आया हज़रत उमर के जमाने में फलस्तीन मुसलमानों के कब्जा में आ गया और वहां के रहने वाले किनआनी लोग मुसलमान हो गए

इस से आप को पता चल गया होगा कि इस्राइलियों के जन्म लेने से पहले भी यहां अरब थे और आज भी हैं इसराइली यहां आते जाते रहे हैं जबकि अरब सत्ता में रहें या सत्ता से बाहर वह इस देश को छोड़ कर नहीं गए हैं और इंशाल्लाह न भविष्य में जाएंगे

आज के फलस्तीनी चाहे बहुसंख्यक मुस्लिम हों या अल्पसंख्यक ईसाई ज्यादा तर किनआनी लोगों के वंशज हैं बाद में इनमें अरब के दूसरे लोग भी मिल गए हैं

यह है फलस्तीन में अरबों की तारीख एक बात जान लेना जरूरी है कि हर अरबवासी हज़रत इस्माईल की संतान नहीं है एक सभ्यता एक धर्म और आपसी रिश्तेदारियों के चलते सब को इस्माइल के वंशज समझ लिया जाता है.

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