Hm Sb Shadi ke liye Larki dekhne kaise jate hai?
ہمارے معاشرے میں شادی کے لیے لڑکی دیکھنے کا کیا انداز ہے؟
लड़कों के नाम एक पोस्ट...!!
मआज़रत के साथ, तल्ख़ हक़ीक़त...!!
मआज़रत के साथ, तल्ख़ हक़ीक़त...!!
हमारे मुआशरे में अपने बेटे या भाई के लिए जब शादी के लिए रिश्ता ढूंढा जाता है तो...
लड़की की खूबसूरती
लड़की की शराफ़त
लड़की के काम काज
लड़की का रहन सहन
लड़की की तालीम
लड़की का ख़ानदान
लड़की का जहेज़
लड़की का जायदाद में हिस्सा।
लड़की की पैदाइश से उसकी जवानी तक कि हिस्ट्री जिनकी गवाही शर्त
और लड़के के लिए सिर्फ उसकी नौकरी होना ही बहोत है ना शक्ल व सूरत अहम, ना किरदार अहम, ना चाल चलन अहम, ना उसके दोस्त व अहबाब अहम
ना उसका घर वालों से राब्ता ताल्लुक़ अहम,
ना उसके इश्क़ मुआश्के अहम,
बस एक नौकरी उसके 100 ऐबों पर पर्दा डाल देती है।
और अलमिया यह है कि
किसी की बेटी बहन के घर जब देखने जाते हैं तो पहले कहलवा भेजते हैं कि लड़की देखने आ रहे हैं वहां लड़की के दिल पर क्या गुज़रती है जो दिल व दिमाग़ में मरती तड़पती है दुआएं मांगती है सोच सोच के पागल होती है कि।
क्या होगा..?
मैं पसंद आउंगी की नही..?
पसंद ना आई तो लोग क्या कहेंगे..?
पसंद आ भी गई तो वह लोग कैसे होंगे..?
वह लड़का कैसा होगा..?
जैसे हज़ारो सवालात
और
ऊपर से जहालत यह कि लोग किसी की बहन बेटी को बुलाते हैं।
उनको चलने को कहा जाता है जैसे मंडी मवन भेड़ बकरियों को कुछ कदम चला कर पसंद किया जाता है, उसके कमरे को जा कर देखते हैं उनके घर खा पी कर और वापस एक मैसेज भेज देते हैं।
मुआफ़ करना हमें आपकी लड़की पसंद नही आई।
एक नही 10 बार रिश्ता ना करो पर
वहां लड़की देखने किसी बहाने से भी जाया जा सकता है।
जब तक पसंद ना आए रिश्ते की बात मत किया करो वह लड़की है फरिश्ता नही, कोई परी नही..?
एक सादा सी मासूम सी इंसान है।
जिसके कुछ जज़्बात हैं।
कुछ ख़्वाब हैं।
उसकी भी कोई इज़्ज़त नफ़्स है।
सबक :-
खुदारा अपने चांद से बेटों के लिए परियां ज़रूर ढूढें
पर
किसी की बहेन बेटी को ऐब लगा कर नही
किसी की बद्दुआ लेकर नही
अच्छी और ग़रीब लड़कियों को अपनाओ
ताकि
आपके सबब किसी मासूम की ज़िंदगी ही संवर जाए।
अल्लाह पाक,
सब मुस्लिम बहन बेटियों के नसीब उनकी सोच से ज़्यादा ख़ूबसूरत लिख दे, उनके जायज ख्वाहिशात को पूरी कर, उनके जायज अरमानों को हकीकत में तब्दील कर दे।
#आमीन सुम्मा आमीन
अगर मेरी किसी बात से किसी भाई किसी दोस्त को नागवार गुज़री हो तो उन से निहायत अदब से मआज़रत।
Shauhar ke kharab rawaiyye pe biwi ko kya karni chahiye?
लड़की की खूबसूरती
लड़की की शराफ़त
लड़की के काम काज
लड़की का रहन सहन
लड़की की तालीम
लड़की का ख़ानदान
लड़की का जहेज़
लड़की का जायदाद में हिस्सा।
लड़की की पैदाइश से उसकी जवानी तक कि हिस्ट्री जिनकी गवाही शर्त
और लड़के के लिए सिर्फ उसकी नौकरी होना ही बहोत है ना शक्ल व सूरत अहम, ना किरदार अहम, ना चाल चलन अहम, ना उसके दोस्त व अहबाब अहम
ना उसका घर वालों से राब्ता ताल्लुक़ अहम,
ना उसके इश्क़ मुआश्के अहम,
बस एक नौकरी उसके 100 ऐबों पर पर्दा डाल देती है।
और अलमिया यह है कि
किसी की बेटी बहन के घर जब देखने जाते हैं तो पहले कहलवा भेजते हैं कि लड़की देखने आ रहे हैं वहां लड़की के दिल पर क्या गुज़रती है जो दिल व दिमाग़ में मरती तड़पती है दुआएं मांगती है सोच सोच के पागल होती है कि।
क्या होगा..?
मैं पसंद आउंगी की नही..?
पसंद ना आई तो लोग क्या कहेंगे..?
पसंद आ भी गई तो वह लोग कैसे होंगे..?
वह लड़का कैसा होगा..?
जैसे हज़ारो सवालात
और
ऊपर से जहालत यह कि लोग किसी की बहन बेटी को बुलाते हैं।
उनको चलने को कहा जाता है जैसे मंडी मवन भेड़ बकरियों को कुछ कदम चला कर पसंद किया जाता है, उसके कमरे को जा कर देखते हैं उनके घर खा पी कर और वापस एक मैसेज भेज देते हैं।
मुआफ़ करना हमें आपकी लड़की पसंद नही आई।
एक नही 10 बार रिश्ता ना करो पर
वहां लड़की देखने किसी बहाने से भी जाया जा सकता है।
जब तक पसंद ना आए रिश्ते की बात मत किया करो वह लड़की है फरिश्ता नही, कोई परी नही..?
एक सादा सी मासूम सी इंसान है।
जिसके कुछ जज़्बात हैं।
कुछ ख़्वाब हैं।
उसकी भी कोई इज़्ज़त नफ़्स है।
सबक :-
खुदारा अपने चांद से बेटों के लिए परियां ज़रूर ढूढें
पर
किसी की बहेन बेटी को ऐब लगा कर नही
किसी की बद्दुआ लेकर नही
अच्छी और ग़रीब लड़कियों को अपनाओ
ताकि
आपके सबब किसी मासूम की ज़िंदगी ही संवर जाए।
अल्लाह पाक,
सब मुस्लिम बहन बेटियों के नसीब उनकी सोच से ज़्यादा ख़ूबसूरत लिख दे, उनके जायज ख्वाहिशात को पूरी कर, उनके जायज अरमानों को हकीकत में तब्दील कर दे।
#आमीन सुम्मा आमीन
अगर मेरी किसी बात से किसी भाई किसी दोस्त को नागवार गुज़री हो तो उन से निहायत अदब से मआज़रत।
Shauhar ke kharab rawaiyye pe biwi ko kya karni chahiye?
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