find all Islamic posts in English Roman urdu and Hindi related to Quran,Namz,Hadith,Ramadan,Haz,Zakat,Tauhid,Iman,Shirk,daily hadith,Islamic fatwa on various topics,Ramzan ke masail,namaz ka sahi tareeqa

vedo Me Tauheed Ka Paigham.

Kahi Hm La ilmi Ke Wajah Se Gumrah Na Ho Jaye.
अज्ञानता वस कहीं हमारा जीवन हमारी धार्मिक पुस्तको में लिखे ईश्वरीय निर्देशों के विपरीत तो नहीं ?? यह जीवन परलौकिक जीवन को सुखमय व सफल बनाने के लिये उस मालिक ने हमें परीक्षा हेतु दिया है ,अतः हमें सफलता तभी प्राप्त हो सकती है जब हम सत्य क्या है यह जानने का प्रयत्न करेगें और ईश्वर के बताये हुये दिशा निर्देशों अनुसार जीवन यापन करेगें , अन्यथा परलौकिक जीवन में हमें नर्कीय और बहुत ही कष्ट दायक जीवन जीने से कोई नहीं बचा पायेगा ।*

स्वामी विवेकानंद जी के अनुसार जो लोग वेदों को मानते है यैसे लोग वेदान्तिष्ट या सनातनी हैं।
तो आइये अब देखते हैं कि सनातन धर्म के धर्म शास्त्र हमें क्या शिक्षा प्रदान करते  हैं।

*एकम अव्दितीयम*
【छन्दोग्य उपनिषद, अध्याय-06, श्लोक-01】

*अर्थात*: ईश्वर एक ही है दूसरा नहीं है।

*ना चष्य काशिद जनिता न चदीपा*
【श्वेताश्वतारा उपनिषद, अध्याय-06, श्लोक-09】

*अर्थात*: उस ईश्वर के कोई ना माता-पिता है और ना ही कोई उसका पालनहार (रब्ब) है।

*ना तस्य प्रतिमास्ति*
【श्वेताश्वतारा उपनिषद, अध्याय-04, श्लोक-19】

*अर्थात*: उसके जैसा कोई भी नहीं है।

*जो लोग दुनियावी चीजों के पीछे भागते हैं वो लोग गलत ईश्वर की पूजा या उपासना करते है।*
【भागवत गीता, अध्याय-07, श्लोक-20】

*उस ईश्वर ने ना किसी को पैदा (जना) किया है और ना किसी को करेगा और वह ईश्वर सबसे ताकतवर है।
【भागवत गीता, अध्याय-10, श्लोक-03】

*ना तस्य प्रतिमास्ति
【यजुर्वेद, अध्याय-32, श्लोक-03】

अर्थात उसकी न कोई तस्वीर, फ़ोटो, पेंटिंग, मूर्ति, प्रतिमा, छाया, चित्र इत्यादि नहीं है।

अन्ध्यात्म प्रविशन्ति या असंभूति उपासते
【यजुर्वेद, अध्याय-40, श्लोक-09】

अर्थात*: वो लोग अंधकार में जा रहे हैं जो असंभूति (कुदरती वस्तु) की उपासना या पूजा करते हैं। घोर अंधकार में जा रहे हैं वो लोग जो सम्भूति (इंसानों द्वारा निर्माण की गई वस्तुयें) की उपासना या पूजा करते हैं।

*एकं सत विप्रबहुधावेदांते*
【ऋग्वेद, किताब-01, हिम्म-164, श्लोक-46】

*अर्थात*: सत्य एक ही है, ईश्वर (खुदा) एक ही है और संत लोग उसे कई नामों से पुकारते हैं।

*तैंतीस नाम ईश्वर को पुकारने के लिए दिए गए हैं*.......
【ऋग्वेद, किताब-02, हिम्म-01】

*ईश्वर के नाम*:
1. ब्रम्हा (रचियता, बनाने वाला, ख़ालिक़, क्रिएटर)
2. विष्णु (पालनहार, रब्ब, सस्टैंनर, चैरिशर)

*मा च नदी संसद*
【ऋग्वेद, किताब-08, हिम्म-45, श्लोक-16】

*अर्थात* सिर्फ एक ही ईश्वर (ख़ुदा) की पूजा या उपासना करो।

*एकम ब्रम्हम ड्यूता नाश्ति नैहना नाश्ति किंचम*
【हिन्दू वेदांत का ब्रम्ह सूत्र】

*अर्थात*: एक ही परब्रम्ह है दूसरा नहीं है नहीं है कदापि नहीं है ।

तो आइए हम सब उस एक ही निराकार परब्रम्ह (अल्लाह, ईश्वर, प्रभु, परमात्मा, भगवान, खुदा, पालनहार, रब्ब, ख़ालिक़, मालिक, एक ओम कार इत्यादि) की पूजा, अर्चना, इबादत, उपासना, करें।
और मूर्ति पूजा बंद करे,
क्यों कि मूर्ति पूजा घोर अज्ञानता के सिवा और कुछ नहीं जिसका करने वाला हमेशा नर्क का वासी होगा ।।

*इन्ही शिक्षाओं के साथ उस ईश्वर ने समस्त संसार में समस्त भाषाओं में समस्त कबीलों में अपने अवतार पैगम्बर ,मार्गदर्शक भेजे ,अब जिसने भी वर्तमान समय के  अवतार पैगम्बर को माना ,वो सफल होगा और जिसने उस अवतार को मानने से इनकार कर दिया वो पथ से भटक गया ,चाहे उसके पास प्राचीन पैगम्बरों के उपदेश हो और वो उनका पालन भी करता हो ।

नोट:-अतएव कुरआन अंतिंम ईश्वरीय संदेश एवं ईश्वरीय किताब है,अगर हमें परलोक में नर्क और तमाम यानाओं से बचना है और सवर्ग की प्राप्ति और सदमार्ग पर जीवन जीना चाहते है जिससे वो परमेश्वर हमसे हमेशा को राजी हो जाये तो अन्तिम बेद और अन्तिम ईश्वरीय किताब कुरआन और अन्तिम ईश्वरीय संदेष्ठा मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम को मानना और उनके बताये मार्ग पर चलना अति अनिवार्य हैं ।।
और इसका प्रथम और पहला मंत्र है ,
लाइलाहा इललल्लाहू
मुहम्मदुर्र_रसूलउल्लाह ,
(सललल्लाहो अलैहि वसल्लम)

Share:

No comments:

Post a Comment

Translate

youtube

Recent Posts

Labels

Blog Archive

Please share these articles for Sadqa E Jaria
Jazak Allah Shukran

Most Readable

POPULAR POSTS