Kya Islam Aatankwad Ki Taleem Deta Hai?
क्या इस्लाम आतंकवाद की शिक्षा देता है?
सभी मुस्लिम और गैर मुस्लिम भाइयो से अपील है कि इस पोस्ट को ज़रूर पढ़े ये एक महत्वपूर्ण जानकारी है जो आपको दी जा रही है*
नोट: यह पोस्ट किसी को नीचा दिखाने या किसी का अपमान करने के लिए नही है
*पार्ट नंबर* 22
इस्लाम और आतंक पवित्र कुरान से आइये जानते हैं
क़ुरआन की आयतों से व पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल0) की जीवनी से चलता है कि मुसलमानों को उन काफ़िरों से लड़ने का आदेश दिया गया जो आक्रमणकारी थे, अत्याचारी थे। यह लड़ाई अपने बचाव के लिए थी। देखें कुरआन मजीद में अल्लाह के आदेश :
और (ऐ मुहम्मद! उस वक़्त को याद करो) जब काफ़िर लोग तुम्हारे बारे में चाल चल रहे थे कि तुमको कैद कर दें या जान से मार डालें या (वतन से) निकाल दें तो (इधर से) वे चाल चल रहे थे और (उधर) खुदा चाल चल रहा था और खुदा सबसे बेहतर चाल चलने वाला है।
(कुरआन, सूरा-8, आयत-30)
ये वे लोग हैं कि अपने घरों से ना-हक़ निकाल दिए गए, (उन्होंने कुछ कुसूर नहीं किया)। हां, ये कहते हैं कि हमारा परवरदिगार खुदा है और अगर खुदा लोगों को एक-दूसरे से न हटाता रहता तो (राहिबों के) पूजा-घर और (ईसाइयों के) गिरजे और (यहूदियों की) और (मुसलमानों की) मस्जिदें, जिनमें खुदा का बहुत-सा ज़िक्र किया जाता है, गिराई जा चुकी होतीं। और जो शख्स खुदा की मदद करता है, खुदा उसकी ज़रूर मदद करता है। बेशक खुदा ताक़त वाला और ग़ालिब (यानी प्रभुत्वशाली) है।
(कुरआन, सूरा- 22, आयत- 40)
ये क्या कहते हैं कि इसने कुरआन खुद से बना लिया है? कह दो कि अगर सच्चे हो तो तुम भी ऐसी दस सूरतें बना लाओ और खुदा के सिवा जिस-जिस को बुला सकते हो, बुला भी लो।
(कुरआन, सूरा- 11, आयत- 13)
HAMARI DUAA
इस पोस्ट को हमारे सभी गैर मुस्लिम भाइयो ओर दोस्तो की इस्लाह ओर आपसी भाईचारे के लिए शेयर करे ताकि हमारे भाइयो को जो गलतफहमियां है उनको दूर किया जा सके अल्लाह आपको जज़ाये खैर दे आमीन।
WAY OF JANNAH INSTITUTE RAJSTHAN
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*पार्ट नंबर* 22
इस्लाम और आतंक पवित्र कुरान से आइये जानते हैं
क़ुरआन की आयतों से व पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल0) की जीवनी से चलता है कि मुसलमानों को उन काफ़िरों से लड़ने का आदेश दिया गया जो आक्रमणकारी थे, अत्याचारी थे। यह लड़ाई अपने बचाव के लिए थी। देखें कुरआन मजीद में अल्लाह के आदेश :
और (ऐ मुहम्मद! उस वक़्त को याद करो) जब काफ़िर लोग तुम्हारे बारे में चाल चल रहे थे कि तुमको कैद कर दें या जान से मार डालें या (वतन से) निकाल दें तो (इधर से) वे चाल चल रहे थे और (उधर) खुदा चाल चल रहा था और खुदा सबसे बेहतर चाल चलने वाला है।
(कुरआन, सूरा-8, आयत-30)
ये वे लोग हैं कि अपने घरों से ना-हक़ निकाल दिए गए, (उन्होंने कुछ कुसूर नहीं किया)। हां, ये कहते हैं कि हमारा परवरदिगार खुदा है और अगर खुदा लोगों को एक-दूसरे से न हटाता रहता तो (राहिबों के) पूजा-घर और (ईसाइयों के) गिरजे और (यहूदियों की) और (मुसलमानों की) मस्जिदें, जिनमें खुदा का बहुत-सा ज़िक्र किया जाता है, गिराई जा चुकी होतीं। और जो शख्स खुदा की मदद करता है, खुदा उसकी ज़रूर मदद करता है। बेशक खुदा ताक़त वाला और ग़ालिब (यानी प्रभुत्वशाली) है।
(कुरआन, सूरा- 22, आयत- 40)
ये क्या कहते हैं कि इसने कुरआन खुद से बना लिया है? कह दो कि अगर सच्चे हो तो तुम भी ऐसी दस सूरतें बना लाओ और खुदा के सिवा जिस-जिस को बुला सकते हो, बुला भी लो।
(कुरआन, सूरा- 11, आयत- 13)
HAMARI DUAA
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