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कुरआन की इनसाइक्लोपीडिया
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कुरआन की इनसाइक्लोपीडिया |
भाग-28 तारीख़:04/07/2019
अलिफ़-लाम-मीम-2
कुछ विद्ववानों का विचार है कि जिस प्रकार चीनी भाषा मे चित्रों को जोड़कर विभिन्न प्रकार के अर्थ निकाले जाते है जिनको IDEOGRAM कहते है, इसी तरह इन अक्षरों के भी अर्थ हो सकते है, जिनको उन सूरतो में ढूढना चाहिए जिनके आगे ये अक्षर आये है ! इसका आधार उन्होंने यह बनाया है कि मिश्र की खुदाई में ऐसे अभिलेख प्राप्त हुए है जिनमे चित्रों के द्वारा अक्षरों को प्रदर्शित किया गया है ! जैसे नून से अभिप्राय मछली है, और सूरा 10 यूनुस, जो नून से आरंभ होती है उसमें भी मछली का वर्णन आया है ! इसी प्रकार ताहा का अर्थ है साँप, और सूरा 20 ता-हा में मूसा अलैहिस्सलाम के कथन में साँप का ज़िक्र आता है ! इसी प्रकार के कुछ शोध कार्य हिंदुस्तान के विद्वानों, मौलाना हमीदुद्दीन फराही तथा मौलाना अबुल-जलाल नदवी, ने किए है ! परंतु अभी इस पर बहुत कुछ करना बाकी है ! लेकिन इस प्रकार की तहक़ीक़ कुरआन समझने के लिए आवश्यक नही है !
कुछ विद्वानों का विचार है कि ए शब्दो के संक्षिप्त रूप है और अरबी भाषा मे इस प्रकार के संक्षिप्त शब्द पाए जाते है !
कुछ विद्वानों का विचार है कि इसका वास्तविक ज्ञान तो केवल अल्लाह को है ! वह हमारी परीक्षा लेना चाहता है कि हम उस पर ईमान लाते है या नही, क्योकि इन "हुरुफे-मुक़त्तआत" का अर्थ जानने या न जानने से क़ुरआन को समझने में कोई बाधा नही पड़ती !
कुछ विद्वानों का विचार है कि इसका वास्तविक ज्ञान तो केवल अल्लाह को है ! वह हमारी परीक्षा लेना चाहता है कि हम उस पर ईमान लाते है या नही, क्योकि इन "हुरुफे-मुक़त्तआत" का अर्थ जानने या न जानने से क़ुरआन को समझने में कोई बाधा नही पड़ती !
यह तो निश्चित नही किया जा सकता कि इनमें से कौन सी बात ज्यादा सही है, परंतु हमे इस बात को अवश्य मानना पड़ेगा कि यह वर्णन शैली अरबो में प्रसिद्ध थी, इसलिए हम देखते है कि कुरआन पर बहुत से आक्षेप लगाए गए, परंतु किसी ने इन "हुरुफे-मुक़त्तआत" पर कभी कोई आक्षेप नही किया:जिसका अर्थ है कि वे इस वर्णन शैली से भली-भाँति परिचित थे ! वरना ये वे बात अवश्य कहते है कि जिसकी सूरतों के नाम तक समझ मे नही आ रहे है ! जबकि क़ुरआन का दावा है यह "किताबे-मुबीन" है ! अर्थात इस किताब की एक-एक बात स्पष्ट है !
आगे.........
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यह दर्स शुद्ध हिंदी में है कही अगर मुझसे गलती हो जाये तो हमारा इस्लाह करे !
निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_
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यह दर्स शुद्ध हिंदी में है कही अगर मुझसे गलती हो जाये तो हमारा इस्लाह करे !
निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_
【इस दर्स के हर एक लफ्ज़ को इत्मीनान और सुकून से पढ़े यह दर्स बहुत ही जानकारी वाला है 】
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