Allah Lafj ka Meaning iska Matlab kya Hota Hai?
कुरआन की इनसाइक्लोपीडिया
भाग-1 तारीख़:07/06/2019
★★☆★☆ *अल्लाह*★★☆★★
अल्लाह अरबी भाषा का शब्द है ! वह "इलाह" से बना है जिसका अर्थ है "उपास्य", 'पूज्य' ! अल्लाह में विश्वास रखने का अर्थ है हम केवल उसी की उपासना करें, उसकी उपासना में किसी को साझी न बनाये ! क्योकि वास्तव में इस ब्रह्मांड को बनाने वाला केवल एक ही है जिसे हम अल्लाह कहते है ! इसलिए हम किसी और और कि उपासना नही करते ! इस्लाम धर्म की विशेषता यह है कि वह एक अल्लाह में आस्था रखने तथा उसी की उपासना करने का आदेश देता है-
क्या अल्लाह के साथ कोई और प्रभु पूज्य है ? उच्च है अल्लाह उस शिर्क से जो ये लोग करते है ! (कुरआन, सूरा-27,अन नम्ल, आयत 63)
भाग-1 तारीख़:07/06/2019
Meaning Of Allah In Hindi |
★★☆★☆ *अल्लाह*★★☆★★
अल्लाह अरबी भाषा का शब्द है ! वह "इलाह" से बना है जिसका अर्थ है "उपास्य", 'पूज्य' ! अल्लाह में विश्वास रखने का अर्थ है हम केवल उसी की उपासना करें, उसकी उपासना में किसी को साझी न बनाये ! क्योकि वास्तव में इस ब्रह्मांड को बनाने वाला केवल एक ही है जिसे हम अल्लाह कहते है ! इसलिए हम किसी और और कि उपासना नही करते ! इस्लाम धर्म की विशेषता यह है कि वह एक अल्लाह में आस्था रखने तथा उसी की उपासना करने का आदेश देता है-
क्या अल्लाह के साथ कोई और प्रभु पूज्य है ? उच्च है अल्लाह उस शिर्क से जो ये लोग करते है ! (कुरआन, सूरा-27,अन नम्ल, आयत 63)
शिर्क अल्लाह के निकट वह सबसे बड़ा पाप है जिसको वह क्षमा नही करेगा-
अल्लाह इसको क्षमा नही करेगा कि उसका साझी ठहराया जाए ! किन्तु उससे नीचे दर्जे के अपराध को जिसके लिए चाहेगा क्षमा कर देगा (कुरआन सूरा-4 अन-निसा,आयत-48)
_कुरआन चूंकि अल्लाह की अंतिम पुस्तक है इसलिए इस पुस्तक में अल्लाह ने अपने अस्तित्व तथा अपनी विशेषताओ (सिफ़ात) को खोल-खोल कर बयान कर दिया है और शिर्क के सारे द्वार बंद कर दिए है ! इसलिए आप कुरआन की जिस आयत पर भी ध्यान देंगे आपको एकमात्र अल्लाह के प्रभु-पूज्य होने का प्रमाण मिलेगा ! क्योकि अब मनुष्य अपने ज्ञान के उस स्तर पर पहुँच चुका है जहां उसको यह बात सरलतापूर्वक समझ मे आ सकती है कि एक अल्लाह के अतिरिक्त (अलावा) कोई पूजने के योग्य नही है ! लेकिन अगर मनुष्य फिर भी शिर्क (अल्लाह के अलावा और किसी की इबादत करना) करता है तो उसको घोर यातना का सामना करना पड़ेगा ! इसलिए अगर कोई मुसलमान अब तक उस सत्य को नही समझ सका है तो इस प्रकार से वह अभी इस्लाम से वह बहुत दूर है !
आगे.........
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यह दर्स शुद्ध हिंदी में है कही अगर मुझसे गलती हो जाये तो हमारी जरुर इस्लाह करे !
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यह दर्स शुद्ध हिंदी में है कही अगर मुझसे गलती हो जाये तो हमारी जरुर इस्लाह करे !
निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_
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