Kis Tarah Makka Se Madina Hijrat Kiye?
#क्या इस्लाम आतंकवाद की शिक्षा देता है?
सभी मुस्लिम और गैर मुस्लिम भाइयो से अपील है कि इस पोस्ट को ज़रूर पढ़े ये एक महत्वपूर्ण जानकारी है जो आपको दी जा रही है
नोट यह पोस्ट किसी को नीचा दिखाने या किसी का अपमान करने के लिए नही है ।
पार्ट नंबर 11
हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) की संक्षिप्त जीवनी
जब हज का समय आया तो मदीना से मुसलमानों और गैर-मुसलमानों का एक बड़ा क़ाफ़िला हज करने के लिए मक्का के लिए चला। मदीना के मुसलमानों की मुहम्मद (सल्ल0) से काबा में मुलाक़ात हुई।
इनमें से 75 लोगों ने जिनमें दो औरतें भी थीं पहले से तय की हुई जगह पर रात में अल्लाह के रसूल (सल्ल0) से मुलाक़ात की। अल्लाह के रसूल (सल्ल0) से बातचीत करने के बाद मदीना वालों ने सत्य की और सत्य को बताने वाले अल्लाह के रसूल (सल्ल0) की रक्षा करने की बैअत (यानी प्रतिज्ञा) की।
*रात में हुई इस प्रतिज्ञा की पूरी खबर कुरैश को मिल गई थी। सुबह कुरेश को जब पता चला कि मदीनावाले निकल गए तो उन्होंने उनका पीछा किया।
*परन्तु वे पकड़ में न आए। लेकिन उनमें से एक व्यक्ति सअद (रजि0) पकड़ लिए गए। कुरैश उन्हें मारते-पीटते बाल पकड़ कर घसीटते हुए मक्का लाए।
*मक्का में मुसलमानों के लिए कुरैश के अत्याचार असहनीय हो चुके थे। इसलिए मुहम्मद (सल्ल0) ने मुसलमानों को मदीना चले जाने के लिए कहा और हिदायत दी कि एक-एक, दो-दो करके निकलो ताकि कुरेश तुम्हारा इरादा भाप न सकें।
मुसलमान चोरी-छिपे मदीना की ओर जाने लगे। अधिकांश मुसलमान निकल गए लेकिन.
HAMARI DUAA
इस पोस्ट को हमारे सभी गैर मुस्लिम भाइयो ओर दोस्तो की इस्लाह ओर आपसी भाईचारे के लिए शेयर करे ताकि हमारे भाइयो को जो गलतफहमियां है उनको दूर किया जा सके अल्लाह आपको जज़ाये खैर दे आमीन।
WAY OF JANNAH INSTITUTE RAJSTHAN
सभी मुस्लिम और गैर मुस्लिम भाइयो से अपील है कि इस पोस्ट को ज़रूर पढ़े ये एक महत्वपूर्ण जानकारी है जो आपको दी जा रही है
नोट यह पोस्ट किसी को नीचा दिखाने या किसी का अपमान करने के लिए नही है ।
पार्ट नंबर 11
हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) की संक्षिप्त जीवनी
जब हज का समय आया तो मदीना से मुसलमानों और गैर-मुसलमानों का एक बड़ा क़ाफ़िला हज करने के लिए मक्का के लिए चला। मदीना के मुसलमानों की मुहम्मद (सल्ल0) से काबा में मुलाक़ात हुई।
इनमें से 75 लोगों ने जिनमें दो औरतें भी थीं पहले से तय की हुई जगह पर रात में अल्लाह के रसूल (सल्ल0) से मुलाक़ात की। अल्लाह के रसूल (सल्ल0) से बातचीत करने के बाद मदीना वालों ने सत्य की और सत्य को बताने वाले अल्लाह के रसूल (सल्ल0) की रक्षा करने की बैअत (यानी प्रतिज्ञा) की।
*रात में हुई इस प्रतिज्ञा की पूरी खबर कुरैश को मिल गई थी। सुबह कुरेश को जब पता चला कि मदीनावाले निकल गए तो उन्होंने उनका पीछा किया।
*परन्तु वे पकड़ में न आए। लेकिन उनमें से एक व्यक्ति सअद (रजि0) पकड़ लिए गए। कुरैश उन्हें मारते-पीटते बाल पकड़ कर घसीटते हुए मक्का लाए।
*मक्का में मुसलमानों के लिए कुरैश के अत्याचार असहनीय हो चुके थे। इसलिए मुहम्मद (सल्ल0) ने मुसलमानों को मदीना चले जाने के लिए कहा और हिदायत दी कि एक-एक, दो-दो करके निकलो ताकि कुरेश तुम्हारा इरादा भाप न सकें।
मुसलमान चोरी-छिपे मदीना की ओर जाने लगे। अधिकांश मुसलमान निकल गए लेकिन.
HAMARI DUAA
इस पोस्ट को हमारे सभी गैर मुस्लिम भाइयो ओर दोस्तो की इस्लाह ओर आपसी भाईचारे के लिए शेयर करे ताकि हमारे भाइयो को जो गलतफहमियां है उनको दूर किया जा सके अल्लाह आपको जज़ाये खैर दे आमीन।
WAY OF JANNAH INSTITUTE RAJSTHAN
No comments:
Post a Comment