Kya Kisi Peer, Fakir-Sadhu Ya Saint Hmari Duwao ko Sun Sakta Hai ya fir Hmari Muradein Puri kar Sakta Hai?
कुरआन की इनसाइक्लोपीडिया
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Allah Se Mangna Chahiye Ya Peer Fakir Se |
भाग-6 तारीख़:12/06/2019
★★☆★☆ असमा-ए-हुस्ना-5★★☆★★
अल्लाह के निन्यानबे नाम है इनके अलावा अल्लाह के और भी शुभ नाम है जो कुरआन और सहीह हदीसो में पाए जाते है ! हदीस में कहा गया है कि जो अल्लाह का निन्यानबे नामो का जाप करेगा, वह स्वर्गवासी होगा ! जाप करने का अर्थ इनके अनुसार कर्म करना है न कि इनके विरुद्ध करना ! जैसे वह 'इलाह' है तो केवल उसी की बंदगी करना ; वह 'गफ्फार' है तो केवल उसी से क्षमा मांगना; वह अलीम है तो केवल उसी को "आलीमुलग़ैब" यानी परोक्ष-ज्ञाता मानना; वह "मुजीब" है तो केवल उसी से दुआ मांगना कि वही दुआओ को स्वीकार करता है, कोई और मुजीब नही है ; वह "राज़िक" है तो केवल उसी से "रोज़ी" (जीविका) तलब करना, किसी पीर-फ़क़ीर,साधु-संत आदि के हाथ मे जीविका नही है ! इसलिए एक हदीस में आता है-
जो तुम्हारे भाग्य में लिखा है वह मिलकर रहेगा, इसलिए तलब करने में सही मार्ग ग्रहण करो !"
_सारांश यह है कि अल्लाह के नामों के जाप करने का अर्थ है इनके अनुसार जीवन व्यतीत करना.
आगे.........
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यह दर्स शुद्ध हिंदी में है कही अगर मुझसे गलती हो जाये तो हमारा इस्लाह करे !
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यह दर्स शुद्ध हिंदी में है कही अगर मुझसे गलती हो जाये तो हमारा इस्लाह करे !
निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_
यह ग्रुप लॉक है ताकि कम से कम पोस्ट आये आपको पढ़ने और समझने में और अमल करने में आसानी हो.
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