Ager Kisi Ko Is Quran Pe Shak Hai to Aeisi Ek Surat Hi Bnaker Laye.
❂❀﷽❀❂
कुरआन की इनसाइक्लोपीडिया
भाग-27 तारीख़:03/07/2019
अलिफ़-लाम-मीम 01
क़ुरआन की बहुत सी सूरतों के आरंभ में इस प्रकार के अक्षर आये है, जिनको अरबी भाषा मे "हुरुफे-मुक़त्तआत" कहते है ! इसका अर्थ है अलग-अलग अक्षर ! विद्ववानों में इसके भावार्थ को लेकर मतभेद पाया जाता है ! कुछ विद्ववानों का विचार है कि ये उन सूरतों का नाम है जिनके आगे यह 'हुरुफे-मुक़त्तआत' आते है जैसे सूरा-20, ता-हा, सूरा-36 या-सीन, सूरा-38 साद:, सूरा-50 क़ाफ़; परंतु बाकी सूरते जिनके शुरू में "हुरुफे-मुक़त्तआत" है फिर भी वह सूरते इन नामों से प्रसिद्ध नही हुई जैसे-: *अलिफ़-लाम-मीम:* सूरा-2, अल-बकरा:सूरा 3, आले-इमरान सूरा 29, अल-अंकबूत सूरा-30, अल-रूम सूरा-31, लुक़मान सूरा 32, अस-सज्दा ! *अलिफ़-लाम-मीम-साद* सूरा 7, अल-आराफ़ ! अलिफ़-लाम-रा: सूरा 10, यूनुस सूरा-11, हूद सूरा-12, यूसुफ सूरा-13, अर-रअद सूरा-14, इब्राहिम, सूरा-15, अल-हिज़्र ! *क़ाफ़-हा-या-ऐन-साद:* सूरा-19, मरयम; *ता-सीन-मीम:* सूरा-26, अश-शुअरा;सूरा-27, अन-नम्ल;सूरा-28, अल-क़सस ! *हा-मीम:* सूरा-40, मोमिन;सूरा-41, फुस्सीलत;सूरा-43, अज़-जुखरूफ़; सूरा-44, अद-दुखान;सूरा-45, अल-जासिया;सूरा-46, अल-अहक़ाफ़ ! *हा-मीम-ऐन-सीन-क़ाफ़* सूरा-42, अश-शूरा ! नून सूरा-68, अल-कलम !
कुछ विद्ववानों का विचार है कि वास्तव में इन 'हुरुफे-मुक़त्तआत' के द्वारा अल्लाह अरबी भाषा के कवियों और साहित्यकारों को चैलेंज कर रहा है कि इन्ही अक्षरों से युक्त, जिनको तुम भली-भांति जानते हो, मैंने यह क़ुरआन भेजा है ! अब अगर तुमको इस विषय मे कोई शंका है तो लाओ इस जैसा क़ुरआन, अगर पूरा नही तो एक सूरा (अध्याय) ही लाकर दिखा दो, बल्कि उस जैसी एक आयत ही लाकर दिखाओ ! यह क़ुरआन ही का चमत्कार है कि आज तक कोई चैलेंज का उत्तर नही दे सका !
आगे.........
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यह दर्स शुद्ध हिंदी में है कही अगर मुझसे गलती हो जाये तो हमारा इस्लाह करे !
_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !
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