Kya Islam Dahshatgard Ki Taleem Deta Hai?
#क्या इस्लाम आतंकवाद की शिक्षा देता है?
Tabrej Ansari Mob Lynching |
सभी मुस्लिम और गैर मुस्लिम भाइयो से अपील है कि इस पोस्ट को ज़रूर पढ़े ये एक महत्वपूर्ण जानकारी है जो आपको दी जा रही है
नोट यह पोस्ट किसी को नीचा दिखाने या किसी का अपमान करने के लिए नही है ।
पार्ट 09
तकनीकी खराबी की वजह से पोस्ट बहुत लेट हुवी इसके लिए हम सभी भाइयो से माफी चाहते है।
हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) की संक्षिप्त जीवनी
इसी प्रकार एक बार मुहम्मद (सल्ल0) कहीं जा रहे थे, रास्ते में किसी ने उनके सिर पर मिट्टी डाल दी। वे घर वापस लौट आए। पिता पर लगातार हो रहे अत्याचारों को सोचकर बेटी फ़ातिमा उनका सिर धोते हुए रोने लगीं। मुहम्मद (सल्ल0) ने बेटी को तसल्ली देते हुए कहा,“बेटी, रो मत! अल्लाह तुम्हारे बाप की मदद करेगा।
मुहम्मद (सल्ल0) जब कुरैश के जुल्मों से तंग आ गए और उनकी ज़्यादतियां असहनीय हो गईं, तो वे ताइफ़ गए, लेकिन यहां किसी ने उनको ठहराना तक पसन्द नहीं किया। अल्लाह के पैग़ाम को झूठा कहकर मुहम्मद (सल्ल0) को अल्लाह का रसूल मानने से इनकार कर दिया। यहाँ तक कि सक़ीफ़ क़बीले के-एक सरदार ने ताइफ़ के गुण्डों को मुहम्मद (सल्ल0) के पीछे लगा दिया, जिन्होंने पत्थर मार-मारकर उनको बुरी तरह ज़ख्मी कर दिया। किसी तरह उन्होंने अंगूर के एक बाग़ में पहुँचकर अपनी जान बचाई।
मक्का में कुरैश को जब ताइफ़ का सारा हाल मालूम हुआ तो वे बड़े खुश हुए और मुहम्मद (सल्ल0) की खूब हंसी उड़ाई। उन्होंने आपस में तय किया कि मुहम्मद अगर लौटकर मक्का आए तो उनका क़त्ल कर देंगे।
नोट:-1.ताइफ एक नखलिस्तान' था जहाँ मक्का के अमीर कुरैश सरदारों के अगूर के बाग़, खेती की ज़मीने और महल थे जिनकी देखभाल वहाँ का सक़ीफ़ नाम का क़बीला करता था।
2.रेगिस्तान के बीच उपजाऊ भाग को नखलिस्तान कहते है।
पोस्ट आगे जारी है(next part coming soon) इन-शा-अल्लाह* ✍✍✍.......
HAMARI DUAA* ⬇⬇⬇
इस पोस्ट को हमारे सभी गैर मुस्लिम भाइयो ओर दोस्तो की इस्लाह ओर आपसी भाईचारे के लिए शेयर करे ताकि हमारे भाइयो को जो गलतफहमियां है उनको दूर किया जा सके अल्लाह आपको जज़ाये खैर दे आमीन।
WAY OF JANNAH INSTITUTE RAJSTHAN
नोट यह पोस्ट किसी को नीचा दिखाने या किसी का अपमान करने के लिए नही है ।
पार्ट 09
तकनीकी खराबी की वजह से पोस्ट बहुत लेट हुवी इसके लिए हम सभी भाइयो से माफी चाहते है।
हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) की संक्षिप्त जीवनी
इसी प्रकार एक बार मुहम्मद (सल्ल0) कहीं जा रहे थे, रास्ते में किसी ने उनके सिर पर मिट्टी डाल दी। वे घर वापस लौट आए। पिता पर लगातार हो रहे अत्याचारों को सोचकर बेटी फ़ातिमा उनका सिर धोते हुए रोने लगीं। मुहम्मद (सल्ल0) ने बेटी को तसल्ली देते हुए कहा,“बेटी, रो मत! अल्लाह तुम्हारे बाप की मदद करेगा।
मुहम्मद (सल्ल0) जब कुरैश के जुल्मों से तंग आ गए और उनकी ज़्यादतियां असहनीय हो गईं, तो वे ताइफ़ गए, लेकिन यहां किसी ने उनको ठहराना तक पसन्द नहीं किया। अल्लाह के पैग़ाम को झूठा कहकर मुहम्मद (सल्ल0) को अल्लाह का रसूल मानने से इनकार कर दिया। यहाँ तक कि सक़ीफ़ क़बीले के-एक सरदार ने ताइफ़ के गुण्डों को मुहम्मद (सल्ल0) के पीछे लगा दिया, जिन्होंने पत्थर मार-मारकर उनको बुरी तरह ज़ख्मी कर दिया। किसी तरह उन्होंने अंगूर के एक बाग़ में पहुँचकर अपनी जान बचाई।
मक्का में कुरैश को जब ताइफ़ का सारा हाल मालूम हुआ तो वे बड़े खुश हुए और मुहम्मद (सल्ल0) की खूब हंसी उड़ाई। उन्होंने आपस में तय किया कि मुहम्मद अगर लौटकर मक्का आए तो उनका क़त्ल कर देंगे।
नोट:-1.ताइफ एक नखलिस्तान' था जहाँ मक्का के अमीर कुरैश सरदारों के अगूर के बाग़, खेती की ज़मीने और महल थे जिनकी देखभाल वहाँ का सक़ीफ़ नाम का क़बीला करता था।
2.रेगिस्तान के बीच उपजाऊ भाग को नखलिस्तान कहते है।
पोस्ट आगे जारी है(next part coming soon) इन-शा-अल्लाह* ✍✍✍.......
HAMARI DUAA* ⬇⬇⬇
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