Turkey Ke Serial ko American President Donald Trump ne Khamosh Bomb kyu Kaha?
Turkey Ke Serial ko American President Donald Trump ne Khamosh Bomb kyu Kaha?
https://youtu.be/fa89NxhAKis
, , अब पढ़िए इसकी असलियत
#अमरीकी सदर #ट्रम्प ने इस सीरियल को खामोश बम कहा हैं
#इजराइल ने इसे दुनिया क़े लियें #खतरा बताया हैं
पुरे #यूरोप मे खलबली हैं
#सऊदी_अरब #ओमान #बहरीन ने इस #सीरियल पर रोक लगा दी हैं
कुछ तों बात हैं इस सीरियल मे जिसने इस्लाम क़े दुश्मनो मे बेचैनी बढ़ा दी हैं
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#इजराइल ने इसे दुनिया क़े लियें #खतरा बताया हैं
पुरे #यूरोप मे खलबली हैं
#सऊदी_अरब #ओमान #बहरीन ने इस #सीरियल पर रोक लगा दी हैं
कुछ तों बात हैं इस सीरियल मे जिसने इस्लाम क़े दुश्मनो मे बेचैनी बढ़ा दी हैं
मौजूदा दौर में तुर्क सिरीयल Dirlis Ertugrul की बहुत ज़ररूत थी ऐसे में जब की हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड यहां तक की हिंदी विज्ञापनो तक मुस्लिम किरदारो को अत्याचारी और गद्दारों के रूप में पेश किया जा रहा है और हद तो ये हो गई की हमारे यहां की इतिहास की किताबों मे सैकड़ों साल बाद मुसलमान बादशाहो की हार डिक्लेयर की जा रही है।
अस्सी, नब्बे के दशक तक मुस्लिम शासको को टीवी सिनेमा और इतिहास के किताबो में मुस्लिम शासको को देशभक्त नायको के रूप में दिखाया जाता था।
गुज़रे ज़माने की फिल्मो मे मुसलमानो के किरदार ऐसे होते की उनकी ईमानदारी की मिसाल दी जाती कितने ही मुस्लिम आधारित घारावाहिको ने उस ज़माने के बच्चो और युवाओं के दिलो मे देश प्रैम के जज़्बात कूट कूट कर भर दिये थे। आज अगर किसी फिल्म मे
गुंडे मवालियो के जो सीन होते है । उनमे मुस्लिम इलाक़ो के ही सेट बनाये जाते है।
गुज़रे ज़माने की फिल्मो मे मुसलमानो के किरदार ऐसे होते की उनकी ईमानदारी की मिसाल दी जाती कितने ही मुस्लिम आधारित घारावाहिको ने उस ज़माने के बच्चो और युवाओं के दिलो मे देश प्रैम के जज़्बात कूट कूट कर भर दिये थे। आज अगर किसी फिल्म मे
गुंडे मवालियो के जो सीन होते है । उनमे मुस्लिम इलाक़ो के ही सेट बनाये जाते है।
मस्जिदे, दरगाहे, हरी झण्डियां चरस गांजे, शराब, जुऐ के अड्डे, ढाडी टोपी वाले आदमी, बुर्के वाली औरतें मुख्यता से फिल्माई जाती है। यक़ीन मानिये ये साजिश ही है। सिनेमा के ज़रिये आज आप को आतंक का पर्याय बना दिया गया है। आप बताईये मुझे क्या आप के गली मोहल्लो मे ऐसा ही होता है। जैसा कि फिल्मो और आज की किताबो मे आपके बारे में दर्शाया जा रहा है। ध्यान रखिये जिस क़ौम को मिटाना होता है उसका इतिहास मिटा दिया जाता है । और जिस क़ौम को बदनाम करना होता है तो उसका इतिहास गंदा कर दिया । ऐसा ही कुछ आप के साथ भी हो रहा है। अगर ऐसे माहौल में अर्तग़ल जैसे सिरीयल अगर नौजवानो में जज़्बा पैदा कर रहें हैं तो क्या बुरा है।
अरतग़ल गाज़ी को लेकर अमेरिकन थिकं टेंक का कहना था की इसे बंद किया जाए क्योंकि ये नौजवानो को हिंसा के लिये प्रेरित कर रहा है, इसी तरह का पेट में दर्द सऊदी अरब को भी हुआ था असल में ये तुर्की और अरब के बीच एक ज़हनी तकरार का बाईस भी है।
अभी कुछ महीनों पहले तुर्की पाकिस्तान और मलेशिया ने मुत्ताहिद होकर एक इस्लामिक चैनल लॉंच करने का ऐलान किया था जिसके तहत ऐसे ही प्रोग्राम्स को नौजवानो तक पहुंचाना मक़सद था और इमरान खान खुले मंच से इसकी तारीफ और आगे डबिंग का ऐलान भी कर चुके थे लेकिन एन वक्त पर सऊदी कि तरफ से इमरान खान की टांग खींच दी गई और जिस प्लेन से इमरान को मोहम्मद बिन सलमान ने अमेरीका भेजा था उसे वापस बुला लिया गया और दुनिया को ये बताया गया की प्लेन में तकनीकी खराबी थी। खैर इमरान ने इसे दोबारा टेलिकास्ट करने का फैसला लिया है और अर्तग़ल लोगो के बीच मक़बूल होता जा रहा है।
जो भी हो मगर आज हमारे ही रहनुमा हमारे दुश्मनों की मुखबिरी करने में लगे हुए है।
मुझे रहजनों से गीला नहीं तेरी रहबरी का सवाल है
हमे चाहिए के इस मूवी के बारे में ज्यादा से ज्यादा अपने भाईयो को बताए।
तुर्की में बने यह फिल्म मुस्लिम नौजवानों के लिए एक सुनहरा मौका है अपने तारीख (माजी / Past) को दोहराने का।
मुआशरे में जब कोई गुनाह आम हो जाता है तो वह कल्चर बन जाता है, लोगो को उसमे कोई बुराई नजर नहीं आती "यह तो बहुत पुराने जमाने से चला आरहा है फिर यह कोई नई बात तो नहीं है हम लोगो के बाप दादा इसी तरह करते आए है फिर इसमें जायज और ना जायज की क्या बात है" इस तरह की दलीलें दी जाती है
और वाहा शुरू होता है हराम कामों को रस्म व रिवाज का नाम देना।
अरतगाल गाज़ी, खिलाफत-ए-उस्मानिया की तारिख पर बनी पूरी सिरीज़ देखने के लिए येह ऐप डाउनलोड करे.
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.hadieditz.ertugrul.urdu
हॉलीवुड और बॉलीवुड की 70 साल की नन्गी फिल्म इंडस्ट्रीज को तुर्की के ड्रामे *गाज़ी अरतगल* ने सिर्फ 2 साल मे खत्म कर दिया।
पिछ्ले 60-70 सालो से मुसलमानो को झुटे ड्रामे और गंदी नन्गी फिल्मे बनावटी फुलो मे सजा कर पेश करने वाला यूरोपियन फिल्म इंडस्ट्रीज और इंडियन फिल्म इंडस्ट्री तुर्की ड्रामे *गाज़ी अरतगल* की उर्दू ज़बान मे बना कर मुसलमानो को ना सिर्फ अपनी तरफ मुतवज्जे किया बल्कि पूरी दुनिया के मुसलमानो को एक जगह कर दिया।
इस वक़्त *गाज़ी अरतगल* और *गाज़ी उस्मान* ड्रामा 150 से ज़्यादा देशो मे तरजुमे ( अनुवाद ) के साथ चल रहा है जो की दुनिया मे सबसे ज़्यादा देखे जाने वाला ड्रामा है।
तुर्की के ड्रामे *गाज़ी अरतगल* ने मुस्लिम नौ जवानो को अपना खोया हुआ मक़ाम हासिल करने के लिए पुर्जोश कर दिया है।
उम्मते मुसलमाँ को अपनी इस्लामी तारिख अपनी नसल को बता कर दुनिया के कुफ्र के खिलाफ एक जगह जमा होना होगा।
डाउनलोड ज़रुर किजीये खासकर अपनी नौ जवान नसल को ज़रुर दिखाईयेगा इंशाअल्लाह फायदा होगा।
जो भी हो मगर आज हमारे ही रहनुमा हमारे दुश्मनों की मुखबिरी करने में लगे हुए है।
मुझे रहजनों से गीला नहीं तेरी रहबरी का सवाल है
हमे चाहिए के इस मूवी के बारे में ज्यादा से ज्यादा अपने भाईयो को बताए।
तुर्की में बने यह फिल्म मुस्लिम नौजवानों के लिए एक सुनहरा मौका है अपने तारीख (माजी / Past) को दोहराने का।
मुआशरे में जब कोई गुनाह आम हो जाता है तो वह कल्चर बन जाता है, लोगो को उसमे कोई बुराई नजर नहीं आती "यह तो बहुत पुराने जमाने से चला आरहा है फिर यह कोई नई बात तो नहीं है हम लोगो के बाप दादा इसी तरह करते आए है फिर इसमें जायज और ना जायज की क्या बात है" इस तरह की दलीलें दी जाती है
और वाहा शुरू होता है हराम कामों को रस्म व रिवाज का नाम देना।
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पिछ्ले 60-70 सालो से मुसलमानो को झुटे ड्रामे और गंदी नन्गी फिल्मे बनावटी फुलो मे सजा कर पेश करने वाला यूरोपियन फिल्म इंडस्ट्रीज और इंडियन फिल्म इंडस्ट्री तुर्की ड्रामे *गाज़ी अरतगल* की उर्दू ज़बान मे बना कर मुसलमानो को ना सिर्फ अपनी तरफ मुतवज्जे किया बल्कि पूरी दुनिया के मुसलमानो को एक जगह कर दिया।
इस वक़्त *गाज़ी अरतगल* और *गाज़ी उस्मान* ड्रामा 150 से ज़्यादा देशो मे तरजुमे ( अनुवाद ) के साथ चल रहा है जो की दुनिया मे सबसे ज़्यादा देखे जाने वाला ड्रामा है।
तुर्की के ड्रामे *गाज़ी अरतगल* ने मुस्लिम नौ जवानो को अपना खोया हुआ मक़ाम हासिल करने के लिए पुर्जोश कर दिया है।
उम्मते मुसलमाँ को अपनी इस्लामी तारिख अपनी नसल को बता कर दुनिया के कुफ्र के खिलाफ एक जगह जमा होना होगा।
डाउनलोड ज़रुर किजीये खासकर अपनी नौ जवान नसल को ज़रुर दिखाईयेगा इंशाअल्लाह फायदा होगा।
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