Kya Shaheed Ke janaze ko namaj padhi ja sakti hai?
Kya Shaheed ke janaze ki namaj ka announce kiya ja sakta hai?
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*सहीह बुखारी शरीफ*
*किताबुल जनाइज़*
*जनाजे के बयान में*
*हदीस नंबर 1343*
*बाब:--- शहीद की जनाजे की नमाज़।*
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*जाबिर बिन अब्दुल्लाह रजि. से रिवायत है। उन्होंने कहा कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम उहद की लड़ाई के शहीदों में से दो दो शहीदों को एक एक कपड़े में रखकर फरमाते, इनमें से कुरआन का इल्म किसको ज्यादा था? तो जब उनमें से किसी की तरफ इशारा किया जाता तो कब्र में आप उसे पहले रखते और फरमाते कि कयामत के दिन मैं इनके बारे में गवाही दूंगा और आपने इन्हें इसी तरह खून लगे हुए नहलाये दफन करने का हुक्म दिया और इन पर जनाज़े की नमाज़ भी न पढ़ी।*
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वजाहत :-- शहीद के जनाजे की नमाज़ तो पढ़ी जा सकती है, जरूरी नहीं। लेकिन इसके लिए ऐलान और इश्तिहार नाजाइज हैं।
(मुख्तसर सहीह बुखारी पेज 518)
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*इस मैसेज को दूसरे लोगों तक पहुंचाए
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