Islam me Gulam ko Aazad karna kitna bara Sawab samjha gaya hai?
Quran Majeed Encyclopedia
Gulam banane ke bare me Islam kya kahta hai?
Imaan yani Vishwas 228, Quran Wikipedia 376
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❀कुरआन मजीद की इनसाइक्लोपीडिया❀
भाग-376 तारीख़:18/06/2020
★☆★☆ईमान यानी विश्वास-228★★☆★
*_★गुलाम-2★_*
*3.* चोरी करते हुए पकड़े जाने की दशा में गुलाम बना लेना !
*4.* युद्ध में पकड़े जाने वाले कैदियों को गुलाम बना लेना और विजयी सेना में बाँट देना !
*5.* व्यापार करनेवाले निर्धन देश के लोगों को पकड़कर धनवान देश के लोगों के हाथ बेच देना जैसे अफरीक़ा के वासियों को यूरोप तथा अमेरीका में बेचा गया ! आज भी सिंगाल में वह जगह सुरक्षित है जहाँ यूरोप के जहाज़ खड़े होते थे और लोगों को बन्दूक की नोक पर भगाते हुए लाया जाता था और जब जहाज़ भर जाता तो उनको यूरोप के बाजारों में बेच दिया जाता था और वे सदैव के लिए गुलाम बना लिए जाते थे !
इसमें प्रथम तीन तरीकों का वर्णन तो बाइबल में भी आया है, परन्तु इन कारणों से केवल गैर-यहूदियों को गुलाम बनाया जाता था, यहूदियों को नहीं !
(देखें : बाइबल, लैव्यव्यवस्था 25:39-43 तधा निर्गमन 21:7, 22:1-3)
परन्तु इस्लाम ने इन तमाम नियमों को निरस्त कर दिया, किसी स्वतंत्र व्यक्ति को किसी भी कारण बेचने को महापाप बताया और भिन्न-भिन्न तरीकों से गुलाम को स्वतंत्र करने की शिक्षा दी ! उनमें से कुछ ये हैं जिनका वर्णन कुरआन और हदीसों में आया है-
*1.* _अगर किसी ने ग़लती से किसी मुसलमान को क़त्ल कर दिया तो उसे चाहिए कि खूनबिहा के साथ-साथ एक गुलाम भी स्वतंत्र करे !_
【सूरा-4, अन-निसा, आयत-92】
*2.* _ज़िहार का कफ़्फ़ारा यह है कि एक गुलाम आज़ाद किया जाए !_
【सूरा-58, अल-मुजादला, आयत-3】
*3.* _कसम का कफ्फ़ारा यह है कि एक गुलाम आज़ाद करे !_
(सूरा-5, अल-माइदा, आयत-89)
*4.* _पुण्य कर्म के लिए गुलाम स्वतंत्र करना ! कुरआन ने जिसको अकबा (घाटी) का नाम दिया है, क्योंकि पुण्य कर्म मनोकामनाओं के विरुद्ध करना पड़ता है और शैतान विभिन्न प्रकार से संदेहों में डालता रहता है !_
【सूरा-90, अल-बलद, आयतें-11,12】
*5.* _अगर सूर्य-ग्रहण या चाँद-ग्रहण लग जाए तो गुलाम आज़ाद करना चाहिए जैसा कि नबी सल्ल० किया करते थे !_ (सहीह बुखारी : 2519)
*6.* _जो व्यक्ति किसी मुसलममान गुलाम को स्वतंत्र करेगा अल्लाह उसके एक-एक अंग को नरक की आग से स्वतंत्र कर देगा !_
(बुखारी 2517 तथा मुस्लिम 1509)
*7.* _जिसके पास कोई लौंडी (गुलाम लड़की) हो और उसने उसे अच्छी तरह पाला फिर उससे विवाह कर लिया उसके लिए (अल्लाह के पास) दोहरा सवाब (पुण्य) है !_ (सहीह बुखारी 2544)
*8.* _सहीह हदीसों में आता है कि अगर कोई व्यक्ति रमज़ान में अपनी पत्नी से दिन में संभोग (Intercourse) कर ले तो उसे चाहिए कि एक गुलाम स्वतंत्र करे !_ (दे. कफ़्फ़ारा)
आगे.........
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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_
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