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Iman yani Vishwas 237 (Quran wikipedia 385)

Ghamand karne wala Shakhs Kaisa hai?
Quran wikipedia part 385
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कुरआन मजीद की इनसाइक्लोपीडिया
भाग-385         तारीख़:27/06/2020

   ईमान यानी विश्वास-237
*_★घमंडी-2★_*

एक सहीह हदीस में आया है कि साद-बिन-अबी वक्कास कहते हैं-

*_'मैंने धरती पर चलनेवाले किसी व्यक्ति के विषय में यह नहीं सुना कि नबी सल्ल० उसको जन्नती कहते हों सिवाय अब्दुल्लाह-बिन-सलाम' के !_*

इन्हीं के विषय में कुरआन की सूरा-43, अल-अहक़ाफ़ की यह आयत उतरी ! (देखिए : बुखारी,3812 तथा मुस्लिम:2483】

अल्लाह ने घमंडियों की घोर निन्दा की है !

_सबसे पहला घमंडी तो 'इबलीस' था, जिसको अल्लाह ने फ़रिश्तों के साथ आदम के आगे झुकने का आदेश दिया, उसके अतिरिक्त सब झुक गए ! उसने झुकने से इनकार कर दिया और घमंड किया और वह अवज्ञाकारियों में हो गया !_ 【सूरा-2, अल-बक़रा, आयत-34】

और इसी घमंड के कारण उसको अपमानित करके स्वर्ग से धरती पर भेज दिया गया ! 【कुरआन,सूरा-7, अल-आराफ़, आयत-13】

अर्थात् घमंड करनेवाले जहाँ भी होंगे अपमानित ही होंगे ! उच्च श्रेणी के अधिकारी तो वे लोग होंगे जो अल्लाह के लिए विनम्रता ग्रहण करेंगे, जिसकी पुष्टि सहीह हदीस से भी होती है -

_जो अल्लाह के लिए विनम्रता ग्रहण करेगा अल्लाह उसको ऊँचा दरजा प्रदान करेगा !_  [सहीह मुस्लिम, 2588]

एक दूसरी सहीह हदीस में इस प्रकार आया है-

_मेरी ओर यह वह्य' की गई कि लोगो ! विनम्रता ग्रहण करो, एक-दूसरे पर घमंड न करो और न ही किसी पर अत्याचार करो !_  [सहीह मुस्लिम, 2865]

कुरआन में बहुत से अहंकारियों का वर्णन हुआ है, उनमें से एक फ़िरऔन भी है-

*_उसने और उसकी सेनाओं ने धरती में किसी हक़ के बिना घमंड किया और समझा कि उन्हें हमारी ओर पलटना न होगा, तो हमने उसे और उसकी सेनाओं को पकड़ा और उन्हें दरिया में फेंक दिया अब देख लो उन ज़ालिमों का कैसा परिणाम हुआ !_*

【सूरा-28, अल-कसस, आयतें-39, 40】

कुरआन में तीन महा अहंकारियों का वर्णन एक ही आयत में आया है और फिर उनका अंजाम भी बताया गया है-

*_क़ारून, फ़िरऔन और हामान को हमने विनष्ट किया ! मूसा उनके पास प्रत्यक्ष प्रमाण लेकर आया, परन्तु उन्होंने धरती में घमंड किया, यद्यपि वे बाज़ी ले जानेवाले न थे ! तो हर एक को हमने उसके अपने गुनाह के कारण पकड़ लिया ! फिर उनमें से कुछ पर तो हमने पथराव करनेवाली हवा भेजी और उनमें से कुछ को एक प्रचण्ड धमाके ने आ लिया और उनमें से कुछ को हमने धरती में धंसा दिया और उनमें से कुछ को डुबो दिया ! अल्लाह ऐसा न था कि उनपर जुल्म करता, परन्तु वे स्वयं अपने-आप पर जुल्म करते थे !_*  【सूरा-29, अल-अनकबूत, आयतें-39,40】
आगे.........

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_निवेदन (गुज़ारिश) इस दर्स में कोई फेर-बदल न करे क्योकि अल्लाह आपके हर हरकत को देख रहा है !_

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