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Seerat-E-Nabi Buhaira Rahib ka Aap ko Pahchan lena. (Part 24)

Jab Aap Sallahu Alaihe wasallam ko Buhaira ne dekha to kya kaha?
                        ·•☆📖☆•·             ▁▁▁▁▁▂▃★━╯﷽╰━★▃▂▁▁▁▁▁
           
           🌹सीरत ए नबी ﷺ 🌹
       💫नबी करीम ﷺ का खानदान💫
पार्ट-24          तारीख-27-10-2019
जन्म और पाक जिंदगी के चालीस साल
बुहैरा राहिब -

कुछ रिवायतों के मुताबिक- जिनकी प्रामाणिता संदिग्ध है- जब आपकी उम्र 12 साल और एक विस्तृत कथन के अनुसार बारह साल दो महीने दस दिन *【यह बात इब्ने ज़ौज़ी ने तलकिहुल फ़हूम पेज़ 7 में कही है 】* की हो गई तो अबू तालिब आपको साथ लेकर व्यापार के लिए शाम देश के सफर पर निकले और बसरा पहुचे ! बसरा शाम देश का एक जगह और हुरान का केंद्रीय नगर है ! उस वक़्त यह अरब प्रायद्वीप के रूमी अधिकृत क्षेत्रो की राजधानी था ! इस नगर में जरजिस नाम का राहिब (ईसाई सन्यासी) रहता था जो बुहैरा कि उपाधि से जाना जाता था ! जब काफिले वालो ने वहां पड़ाव डाला तो यह राहिब अपनी गिरजा से निकलकर काफ़िले के अंदर आया और उसका सत्कार किया, हालांकि इससे पहले वह कभी नही निकलता था ! उसने अल्लाह के रसुल ﷺ को आपके गुणों की बुनियाद पर पहचान लिया और आपका हाथ पकड़कर कहा-: _यह पूरी दुनिया के सरदार है ! अल्लाह इन्हें पूरी दुनिया के लिए रहमत बना कर भेजेगा !_*
_अबू तालिब ने कहा,आपको यह कैसे मालूम हुआ ? उसने कहा तुम लोग जब घाटी के इस ओर दिखाई दिए तो कोई भी पेड़ या पत्थर ऐसा नही था जो सज्दे के लिए झुक न गया हो और ये चीज़े नबी के अलावा किसी और इंसान की सज्दा नही करती ! फिर मैं इन्हें नुबूवत की मुहर से पहचानता हूँ जो कंधे के नीचे किरी (नर्म हड्डी) के पास सेब की तरह है और हम इन्हें अपनी किताबो में भी पाते है !_

_इसके बाद बुहैरा राहिब ने अबू तालिब से कहा कि इन्हें वापस कर दो, शाम देश न ले जाओ क्योकि यहूदियों से खतरा है ! इस पर अबू तालिब ने कुछ दासों के साथ आपको मक्का मुकर्रमा वापस भेज दिया !_

📚मुख्यतसरूस्सिर:शेख अब्दुल्लाह पेज़ 16, इब्ने हिशाम 1/180-183, तिर्मिज़ी वगैरह की रिवायत में उल्लेखित है कि आपको हजरत बिलाल के साथ रवाना किया गया, लेकिन यह बहुत बड़ी गलती है ! बिलाल तो उस वक़्त पैदा भी नही हुए थे और अगर पैदा हुए थे, तो बहरहाल अबू तालिब या अबू बक्र रज़ि० के साथ न थे ! *जादुल मआद 1/17* !

आगे इन शा अल्लाह..........

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इल्म सीखना और सिखाना हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है
📚╼ ⃟ ⃟⃟ ╼𖣔╼ ⃟ ⃟╼𖣔╼ ⃟ ⃟  ╼𖣔╼ ⃟ ⃟╼𖣔📚

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