Jo log CAA ko sahi kah rahe hai, unhe in 5 sawalo ka jawab Jarur dena Chahiye?
Aap sb Bhaiyo se gujarish hai ke Jo bhi Aapse CAA ke bare me behas kare to aap unse yah 5 sawal jarur kijiye.
अगर आप के पास कोई अजनबी या अनजान आदमी आकर कागजात या किसी किस्म का दस्तावेज मांगता हो जैसे आधार कार्ड, ज़मीन का कागज (खाता खेश्रा नंबर) वगैरह तो आप उसे हरगिज नहीं दिखाए और ना उसे इसके ताल्लुक से कोई बात बताए और आपसे NRC CAB की बातें करे तो आप उससे यह पांच सवाल जरूर करे, इन सवालों को आप याद कर ले या फिर लिख लीजिए और दूसरो तक पहुंचाए यह सवाल बहुत ही अहम है अभी के हालात को देखते हुए, सिर्फ और सिर्फ अल्लाह पे भरोसा रखें वहीं हमारा मदद करने वाला है उसके सिवा हमारा कोई नहीं जो हमारा खैर चाहता हो।
CAA (Citizen Amendment Act) नागरिकता संशोधन कानून बनाने का मकसद क्या है?
(1) यह जो कानून बनाया गया है क्या उससे पहले शरणार्थी गैर मुस्लिम लोगो को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान नहीं था?
(2) इस कानून के बनने से पहले अगर कोई मुस्लिम शरणार्थी भारत की नागरिकता मांगता था, तो क्या उसकी मांग को मानना सरकार की मजबूरी होती थी?
(3) अगर किसी शरणार्थी को नागरिकता देने या नहीं देने का पूरा अधिकार सरकार को पहले से ही थी, तो इस नए संशोधन से सरकार को और क्या मजबूती मिली?
(4) क्या अब कोई मुस्लिम शरणार्थी भारत में कभी नागरिकता नहीं मांग पाएगा? अगर मांगेगा, तो क्या उसे भारत की नागरिकता मिल सकती है?
(5) अगर पहले भी नागरिकता देने या ना देने का पूरा अधिकार सरकार को पहले से थी, और मुस्लिम भी पुराने कानून के तहत अभी भी नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकता है, तो फिर इस नए कानून की जरूरत क्या थी, सिवा इसके के 11साल का जो वक़्त है उसको कम करके 5साल कर दिया है।
--------------------------------_------------------------
सावधान सावधान
बहुत सम्भल कर चोकन्ना रहने की ज़रूरत है।
क्यों कि नगर निगम कर्मचारी, या सरकारी अधिकारी, कर्मचारी बताकर फर्जी लोग आपके घर आकर अब ज़रूरी कागज़ात देखने के बहाने आपके सारे कागज़ात ले जाएंगे।
आप इनकी बातों में न आएं!
अगर ज़रूरी लगे तो फोटो कॉपी दिखाएं।
धोखेबाज लोगों के हाथों में अपने कोई कागज़ात वगेरह बिलकुल न दें।
और न ही इन्हे घर में घुसने दें।
हर वक़्त चोकन्ने रहें।
जो भी अख़बारात या मीडिया सीएए के विरोध में और उसके मुखालिफत में निकाले गए जुलूस की खबर नहीं छाप रहे हैं बल्कि समर्थन में निकाले गए छोटे-मोटे खबरों को बड़ा बना कर दिखा रहे हैं वैसे अख़बारात और मीडिया का उपयोग बंद करें उसकी जगह वैसे अख़बारों को तर्जीह़ दें जो सीएए के विरोध की ख़बर को थोड़ा ही बहुत ज़रूर निकाल रहे हैं। इससे इस तरह के प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का हौसला टुटेगा और जो सही काम कर रहे हैं उनकी हौसला अफ़जा़ई होगी। " दैनिक जागरण " जैसे अख़बार का बहिष्कार करें।
No comments:
Post a Comment