Kaunsi Panch batein hai jinse Allah ke nabi Panah mangate they?
ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ
रसूल अल्लाह ﷺ ने हमारी तरफ़ मुतवज्जा हो कर फ़रमाया: मुहाजिरीन की जमात! पाँच बातें हैं जब तुम उनमें मुबतेला हो जाओगे, और मैं अल्लाह की पनाह चाहता हूँ उस बात से कि तुम उसमें मुबतला हो, वो पाँच बातें ये हैं~
1. पहली ये कि जब किसी क़ौम में खुले आम फहश ( फ़िस्क़ ओ फ़ुजूर और ज़िनाकारी ) होने लग जाये, तो उनमें ऐसी बीमारीयां फूट पड़ती हैं जो उनसे पहले के लोगों में ना थीं,
2. दूसरी ये कि जब लोग नाप तौल में कमी करने लग जाते हैं तो वो क़हत (सूखा, अकाल, भुखमरी), मुआशी तंगी और अपने हुक्मरानों की ज़्यादती का शिकार हो जाते हैं,
3. तीसरी ये कि जब लोग अपने मालों की ज़कात अदा नहीं करते हैं तो अल्लाह ताला आसमान से बारिश को रोक देता है, और अगर ज़मीन पर चौपाए ना होते तो आसमान से पानी का एक क़तरा भी ना गिरता,
4. चौथी ये कि जब लोग अल्लाह और उसके रसूल ﷺ के अहद ओ पैमान को तोड़ देते हैं तो अल्लाह ताला उन पर उनके इलावा लोगों में से किसी दुश्मन को मुसल्लत कर देता है, वो जो कुछ उनके पास होता है छीन लेता है,
5 पांचवीं ये कि जब उनके हुक्मरान अल्लाह ताला की किताब के मुताबिक़ फ़ैसले नहीं करते, और अल्लाह ने जो नाज़िल किया है उसको इख़्तियार नहीं करते, तो अल्लाह ताला उनमें फूट और इख़्तिलाफ़ डाल देता है।
1. पहली ये कि जब किसी क़ौम में खुले आम फहश ( फ़िस्क़ ओ फ़ुजूर और ज़िनाकारी ) होने लग जाये, तो उनमें ऐसी बीमारीयां फूट पड़ती हैं जो उनसे पहले के लोगों में ना थीं,
2. दूसरी ये कि जब लोग नाप तौल में कमी करने लग जाते हैं तो वो क़हत (सूखा, अकाल, भुखमरी), मुआशी तंगी और अपने हुक्मरानों की ज़्यादती का शिकार हो जाते हैं,
3. तीसरी ये कि जब लोग अपने मालों की ज़कात अदा नहीं करते हैं तो अल्लाह ताला आसमान से बारिश को रोक देता है, और अगर ज़मीन पर चौपाए ना होते तो आसमान से पानी का एक क़तरा भी ना गिरता,
4. चौथी ये कि जब लोग अल्लाह और उसके रसूल ﷺ के अहद ओ पैमान को तोड़ देते हैं तो अल्लाह ताला उन पर उनके इलावा लोगों में से किसी दुश्मन को मुसल्लत कर देता है, वो जो कुछ उनके पास होता है छीन लेता है,
5 पांचवीं ये कि जब उनके हुक्मरान अल्लाह ताला की किताब के मुताबिक़ फ़ैसले नहीं करते, और अल्लाह ने जो नाज़िल किया है उसको इख़्तियार नहीं करते, तो अल्लाह ताला उनमें फूट और इख़्तिलाफ़ डाल देता है।
Sunan Ibne majah: jild 5, Kitab Al fitan 36, hadith no. 4019
Grade Sahih
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