Mohammad ﷺ Kaun hai?
Vedo me kalki Avatar ki khoobiyan kaun kaun si hai?
Ek Satya Snatan Dharm Islam kaise hai?
Paighambar Mohammad Kaun Hain?
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अस्सलामुअलैकुम वरह् मतुल्लाही वबरकातुहु
पार्ट:- 21
अस्सलामुअलैकुम वरह् मतुल्लाही वबरकातुहु
पार्ट:- 21
मैं कौन हूँ:-एक सत्य सनातन धर्म इस्लाम
Ek Satya Snatan Dharm Ko Manne wala Musalman
पैगम्बर मुहम्मद साहब कौन हैं
who is Prophet Mohammad Sahab?
मुहम्मद साहब 570 ई. में पैदा हुए। चूंकि उनके पिता का देहांत उनके जन्म से कुछ समय पूर्व ही हो गया था, तथा उनकी माता भी कुछ समय बाद इस दुनिया से चली गई इसलिए इनका पालन पोषण उनके चाचा ने किया जो कुरैश क़बीले के एक सम्मानित व्यक्ति थे।
Ek Satya Snatan Dharm Ko Manne wala Musalman
पैगम्बर मुहम्मद साहब कौन हैं
who is Prophet Mohammad Sahab?
मुहम्मद साहब 570 ई. में पैदा हुए। चूंकि उनके पिता का देहांत उनके जन्म से कुछ समय पूर्व ही हो गया था, तथा उनकी माता भी कुछ समय बाद इस दुनिया से चली गई इसलिए इनका पालन पोषण उनके चाचा ने किया जो कुरैश क़बीले के एक सम्मानित व्यक्ति थे।
मोहम्मद साहब निरक्षर थे तथा लिखना पढ़ना नहीं जानते थे, और इस दुनिया से जाने तक वैसे ही रहे।
अरब के लोग, पैगम्बर मिलने से पूर्व तक, विज्ञान से अपरिचित थे तथा उनमें से अधिकतर निरक्षर भी थे।
वो जैसे जैसे बढ़ते गए उनकी सच्चाई, ईमानदारी, विश्वस्नीयता, उदारता और गंभीरता के लिए प्रसिद्ध होते चले गये।
मुहम्मद साहब बहुत धार्मिक थे तथा वो लम्बे समय से चली आ रही मूर्ति पूजा के विरोधी थे।
मुहम्मद साहब बहुत धार्मिक थे तथा वो लम्बे समय से चली आ रही मूर्ति पूजा के विरोधी थे।
40 वर्ष की आयु में, मुहम्मद साहब को अल्लाह की ओर से दिव्य संदेश (वही-प्रकाशना) प्राप्त हुआ, उन्हें तथा उनके करीबी मित्रों को काफ़िरों (इन्कार करने वालों) द्वारा जान का खतरा बढ़ गया।
ये दिव्य संदेश (कुरआन) 23 वर्षो तक समय-समय पर आप पर अवतरित होता रहा, और इसके समावेश को हम कुरआन के नाम से जानते हैं।
ये दिव्य संदेश (कुरआन) 23 वर्षो तक समय-समय पर आप पर अवतरित होता रहा, और इसके समावेश को हम कुरआन के नाम से जानते हैं।
*मुहम्मद साहब ने जैसे ही कुरआन की शिक्षाओं का प्रचार शुरु किया और सच्चाई का पाठ पढ़ाने लगे, जो अल्लाह ने उनपर अवतरित किया था, काफिरों की ओर से उनकी तथा उनके मित्रों की जान पर खतरा बढ़ता चला गया।
ये खतरा इतना बढ़ा कि 622 ई. में मक्का शहर से प्रस्थान करने का आदेश दे दिया। मक्का से मदीना की आर प्रस्थान (हिजरत), जो लगभग 260 मील उत्तर की ओर है. मुस्लिम कैलेंडर (हिजरी सन) की शुरुआत यहीं से मानी गई है।
ये खतरा इतना बढ़ा कि 622 ई. में मक्का शहर से प्रस्थान करने का आदेश दे दिया। मक्का से मदीना की आर प्रस्थान (हिजरत), जो लगभग 260 मील उत्तर की ओर है. मुस्लिम कैलेंडर (हिजरी सन) की शुरुआत यहीं से मानी गई है।
HMARI DUAA⬇️⬇️⬇️
THE WAY OF JANNAH INSTITUTE
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