Mohammad ﷺ ka Zikr Hindu Dharm ki Kitabo me.
Vedo me Allah ke nabi ki kaun kaun si Pahchan Btayi gayi hai?
vedo me Kalki Avatar ki 8 Pahchan kya hai?
Vedon Me Kalki Avtar Ki Pahchan Kya Hai
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अस्सलामुअलैकुम वरह् मतुल्लाही वबरकातुहु
पार्ट:- 38
मैं कौन हूँ:- एक सत्य सनातन धर्म इस्लाम
4.आप श्रुतिज्ञानी भी थे। श्रुत का अर्थ है जो ईश्वर के द्वारा सुनाया गया और ऋषियों द्वारा सुनाया गया हो।
मुहम्मद साहब पर जिब्राइल (अ.) नामक फरिश्ते द्वारा अल्लाह का ज्ञान भेजा जाता था।
अस्सलामुअलैकुम वरह् मतुल्लाही वबरकातुहु
पार्ट:- 38
मैं कौन हूँ:- एक सत्य सनातन धर्म इस्लाम
4.आप श्रुतिज्ञानी भी थे। श्रुत का अर्थ है जो ईश्वर के द्वारा सुनाया गया और ऋषियों द्वारा सुनाया गया हो।
मुहम्मद साहब पर जिब्राइल (अ.) नामक फरिश्ते द्वारा अल्लाह का ज्ञान भेजा जाता था।
लेनपूल ने अपनी पुस्तक Introduction: Speeches of Muhammed में लिखते हैं कि मोहम्मद साहब को देवदूत की सहायता से ईश्वरीय वाणी का भेजा जाना निस्संदेह सत्य है।
सर विलियम म्योर ने भी लिखा है कि वे सन्देष्टा और ईश्वरीय धर्म के प्रतिनिधि थे।
5.पराक्रम अष्टगुणों में पाँचवा गुण है। मोहम्मद साहब काफी पराक्रमी थे। आपके पराक्रम को दर्शाते हुए डा. वेद प्रकाश उपाध्याय ने एक घटना का वर्णन किया है जो इस प्रकार है:
किसी गुफा में अकेले उपस्थित रुकाना पहलवान जो कुरैश से संबंधित था, उससे मुहम्मद साहब ने अल्लाह से न डरने और अल्लाह पर विश्वास न करने का कारण पूछा,
जिस पर पहलवान ने सत्य की स्पष्टता के लिए कहा। तब मुहम्मद साहब ने कहा कि तू बड़ा वीर है, यदि कुश्ती में मैं तुझे हरा दू तो क्या विश्वास करेगा?
उसने स्वीकारात्मक उत्तर दिया। तब पैग़म्बर मुहम्मद साहब ने उसे हरा दिया।
(अल्लामा काजी सलमान मंसूर पूरी ने अपनी सीरत की किताब रहमतुल्लिल आलमीन में शिफा नामी पुस्तक के पृष्ठ 64 के हवाले से लिखा है कि मुहम्मद साहब ने उसे तीन बार हराया, फिर भी उस पहलवान ने मुहम्मद साहब को पैग़म्बर न माना तथा अल्लाह की सत्यता पर विश्वास न किया।
जिस पर पहलवान ने सत्य की स्पष्टता के लिए कहा। तब मुहम्मद साहब ने कहा कि तू बड़ा वीर है, यदि कुश्ती में मैं तुझे हरा दू तो क्या विश्वास करेगा?
उसने स्वीकारात्मक उत्तर दिया। तब पैग़म्बर मुहम्मद साहब ने उसे हरा दिया।
(अल्लामा काजी सलमान मंसूर पूरी ने अपनी सीरत की किताब रहमतुल्लिल आलमीन में शिफा नामी पुस्तक के पृष्ठ 64 के हवाले से लिखा है कि मुहम्मद साहब ने उसे तीन बार हराया, फिर भी उस पहलवान ने मुहम्मद साहब को पैग़म्बर न माना तथा अल्लाह की सत्यता पर विश्वास न किया।
HMARI DUAA⬇️⬇️⬇️
THE WAY OF JANNAH INSTITUTE
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