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Hanfi Mashlaq Apne Namajo ko Apni kitabon se Durust kar Lein., Deobandi Aur Barelvi Ka Namaz

 Deobandi Aur Barelvi Ka Namaz

*हनफ़ी (देवबंदी/बरेलवी) अपनी नमाज़ को "हनफ़ी मज़हब" की किताबों से दुरुस्त कर लें !*
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अगर हमारे हनफ़ी भाई अपनी फ़िक़्हा की मोतबर किताबों के हिसाब से अपनी नमाज़ें पढ़ना शुरू कर दें तो कम से कम हमारी और आपकी नमाज़े तो एक सी हो जाएंगी जो आज के इस दौर में बाहमी इत्तेहाद की एक मिसाल बन जाएगी।
कुछ मसाइल फ़िक़्हा-ए-हनफ़ी की अहम किताबों से मुलाहिज़ा फ़रमाएं
(1). *नियत ज़बान से करना बिदअ़त है।*
दुर्रे मुख़्तार जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 49
हिदाया जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर 22
*नियत दिल के इरादे को कहते हैं न कि ज़बान से बोलने को।*
दुर्रे मुख़्तार जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 34, 48 और 192
हिदाया जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर 22
बहश्ती ज़ेवर: जिल्द नम्बर: 2
सफ़ाह नम्बर: 30
*नियत ज़बान से करना सहाबा और ताबईन से मनक़ूल नहीं।*
दुर्रे मुख़्तार जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 59
(2). *गर्दन का मसाह करना बिदअत है और इसकी हदीस मौज़ूअ़ है।*
दुर्रे मुख़्तार जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 58
हिदाया जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर:18
(3). *सहीह हदीस से अज़ान के कलिमात दो-दो बार और तकबीर के एक-एक बार हैं।*
शरह विक़ाया:
सफ़ाह नम्बर: 87
नमाज़ के लिए सलात कहकर (सिवा अज़ान के) बुलाना बिदअ़त है।
हिदाया जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 300
शरह विक़ाया:
सफ़ाह नम्बर: 149
(4). *क़याम फ़र्ज़ है।*
शरह विक़ाया:
सफ़ाह नम्बर: 91
क़ुदूरी: सफ़ाह नम्बर: 22
(5). *नाफ़ के नीचे हाथ बाँधने की हदीस अइम्माह मुहद्दिसीन के नज़दीक ज़ईफ़ है।*
हिदाया जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 350
*नाफ़ के नीचे हाथ बाँधने की हदीस मरफ़ूअ़ नहीं है, वह क़ौल-ए-उमर (रज़िअल्लाहु तआला अनहु) है और ज़ईफ़ है।*
शरह विक़ाया:
सफ़ाह नम्बर: 93
(6). *सीने पर हाथ बांधने की हदीस क़वी है।*
हिदाया जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 350
शरह विक़ाया:
सफ़ाह नम्बर: 93
*हज़रत मिर्ज़ा मज़हर जाने जानां (रहमतुल्लाह अलैहि) मुजद्दिदी हनफ़ी सीने पर हाथ बाँधने की हदीस को बा-सबब क़वी होने के तरजीह देते थे।और ख़ुद सीने पर हाथ बांधते थे।*
मुक़दमा हिदाया जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 111 और 351
(7). *इमाम के पीछे सूरह फ़ातिहा न पढ़ने की अहदीस ज़ईफ़ हैं।*
शरह विक़ाया:
सफ़ाह नम्बर: 108 और 109
*मुक़तदी सूरह फ़ातिहा को दिल में पढ़ ले और यह हक़ है।*
हिदाया: जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 440
(8).अहदीस आमीन बिल जहर के सबूत में
हिदाया: जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 365
शरह विक़ाया:
सफ़ाह नम्बर: 97
*मुक़तदी इमाम की आमीन सुनकर आमीन कहें।*
दुर्रे मुख़्तार जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 229
*एक दो आदमियों ने सुना तो जह्र न होगा जह्र जब है कि सब सुनें।*
दुर्रे मुख़्तार जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 249
*इब्ने हुमाम ने आहिस्ता आमीन वाली हदीस को ज़ईफ़ कहकर यह फ़ैसला किया कि आमीन दरमियानी आवाज़ से होनी चाहिए।*
हिदाया जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 363
(9).तस्दीक़-ए-अहदीस रफ़ुल यदैन रुकू से पहले और रुकू के बाद।
हिदाया जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 384
शरह विक़ाया:
सफ़ाह नम्बर: 102 और 103
*रफ़ुल यदैन न करने की अहदीस ज़ईफ़ हैं।*
शरह विक़ाया:
सफ़ाह नम्बर: 102
*रफ़ुल यदैन करने की हदीसें ब-निस्बत न करने के ज़्यादा क़वी हैं।*
हिदाया जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 389
*हक़ यह है कि मुहम्मद (ﷺ) से रफ़ुल यदैन सहीह साबित है।*
हिदाया जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर : 386
*इमाम अबु हनीफ़ा (रहमतुल्लाह अलैहि) के शागिर्द असाम इब्ने यूसुफ़ रफ़ुल यदैन करते थे।*
मुक़दमा आलमगीरी: जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 50
(10).अत्तहय्यात में मुट्ठी बांधकर उंगली उठाएं।
हिदाया जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर: 391
शरह विक़ाया:
सफ़ाह नम्बर: 104
ऊँगली से हरकत देना भी जायज़ है।
हिदाया जिल्द नम्बर: 1
सफ़ाह नम्बर:196.                               
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