*रमज़ान के हर दिन का सवाब*
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💐 *ह़ज़रत अ़ली رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنٔه से रिवायत हैं कि रसूलल्लाह صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم से रमज़ान की तरावीह़ के बारे में सवाल किया गया तो आप صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم ने फ़रमाया*```
*01*रमज़ान की पहली रात में मोमिन बन्दा अपने गुनाहों से ऐसा पाक हो जाता हैं जैसे आज मां के पेट से पैदा हुआ हैं*
*02-*दुसरी रात में उसकी और उसके मुसलमान मां बाप की मग़्फ़िरत हो जाती हैं!*
*03-*तीसरी रात में फ़रिश्ता अ़र्श के नीचे से पुकारता हैं कि अब नए सिरे से अ़मल कर क्यूंकि तेरे पिछले गुनाह मुआ़फ़ हो चुके हैं!*
*04-*चौथी रात में उसे तौरात, इन्जील, ज़बूर और कुरआने मजीद पढ़ने का सवाब मिलता हैं!*
*05-*पांचवी रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ उसे उस शख़्स का सवाब अ़त़ा करता हैं जिसने मस्जिदे नबवी, मस्जिदे ह़राम और मस्जिदे अक़्सा में नमाज़े अदा की हो!*
*06-*छठी रात में बैतुल मामूर के तवाफ़ करने वाले के बराबर सवाब मिलता हैं और तमाम पत्थर और ढ़ेले उसकी मग़्फ़िरत चाहते हैं!*
*07-*सांतवी रात में इतना सवाब मिलता है गोया ह़ज़रते मूसा عَلَئهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَامٔ से मुलाक़ात और फ़िरऔन के मुक़ाबले में उनकी मदद की!*
*08-*आंठवी रात में उसे इतना सवाब मिलता हैं जितना ह़ज़रत इब्राहीम عَلَئهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَامٔ को मिला!*
*09-*नवीं रात में रसूलल्लाह صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم की इ़बादत का सवाब मिलता हैं!*
*10-*दसवीं रात में दीन दुनिया की बेहतरी अ़त़ा करता हैं!*
*11-*ग्यारहवीं रात में दुनिया से इस त़रह़ अलग हो जाता हैं गोया आज मां के पेट से पैदा हुआ हैं!*
*12-*बारहवीं रात में ये फ़ज़ीलत मिलती हैं कि उसका चेहरा क़यामत के दिन चौदहवीं के चांद की त़रह़ रौशन होगा!*
*13-*तेरहवीं रात की बरकत से क़यामत में उसे हर त़रह़ की बुराई से अम्न मिलेगा!*
*14-*चौदहवीं रात की इ़बादत से फ़िरिश्तें उसकी इ़बादत की गवाही देंगे और अल्लाह عَزَّوَجَلَّ उसे क़यामत के ह़िसाब से आज़ाद कर देगा!*
*15-*पन्द्रहवीं रात में फ़िरिश्तें और अ़र्श और कुर्सी उठाने वाले फ़िरिश्तें उस पर रह़मत भेजते हैं!*
*16-*सोलहवीं रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ दोज़ख से आज़ादी और जन्नत में दाख़िल होने का परवाना लिख देता हैं!*
*17-*सत्रहवीं रात में नबियों عَلَئهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَامٔ के बराबर सवाब मिलता हैं!*
18.*अठारहवीं रात में एक* फ़िरिश्ता पुकारता हैं कि "ऐं खुदा* عَزَّوَجَلَّ के बन्दे, तुझ से और तेरे* *मां बाप से* खुदा* عَزَّوَجَلَّ रज़ामन्द* हैं*
*19-*उन्नीसवीं रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ जन्नतुल फ़िरदौस में उसके दर्जे बुलन्द कर देता हैं!*
*20-*बीसवीं रात में शहीदों और नेकों का सवाब मिलता हैं!*
*21-*इक्कीसवीं रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ उसके लिए जन्नत में एक महल तय्यार करता हैं!*
*22-*बाइसवीं रात में ये बरकत ह़ासिल होती हैं कि वो क़यामत के दिन हर त़रह़ के ग़म और अन्देशे से बेख़ौफ़ रहेगा!*
*23-*तेईसवीं रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ उसके लिए जन्नत में एक शहर तय्यार करता हैं*
*24-*चौइसवीं रात में चालीस साल की इ़बादत का सवाब मिलता हैं*
*25-*पच्चीसवीं रात में उससे क़ब्र का अ़ज़ाब उठा लिया जाता हैं*```
*26-*छब्बीसवीं रात में चालीस साल की इ़बादत का सवाब मिलता हैं*
*27-*सत्ताईसवीं रात की फ़ज़ीलत से वह पुल सिरात पर से कौंदती हुई बिजली की त़रह़ गुज़र जाएगा*
*28-* *अठ्ठाइसवीं रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ उसके लिए जन्नत में हज़ार दर्जे बुलन्द कर देता हैं*
*29-*उन्तीसवीं रात में हज़ार मक़बूल ह़ज का सवाब मिलता हैं*
*30-*तीसवीं रात में अल्लाह عَزَّوَجَلَّ फ़रमाता है*```
🌹 *ऐं मेरे बन्दे, जन्नत के मेवे खा और सलसबील के पानी से नहा और आबे कौसर पी, मैं तेरा रब हूं और तू मेरा बन्दा"!*
*📗(नुज़्हतुल मजालिस)*
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