Jannat me kaun jayega, jannati musalman, jannati jamat,
न देवबंदी जायेगा, न बरेलवी जायेगा,,,_*
_*जो होगा नबी के तरीके पर, वही जन्नत मे जायेगा,,,*_
_*जो होगा नबी के तरीके पर, वही जन्नत मे जायेगा,,,*_
_*हिसाब अहले हदीस का भी होगा, खड़े होंगे सुन्नती भी,,,*_
_*होगा जो दस्तूर ए सहाबा पर वही जन्नत मे जायेगा,,,*_
_*होगा जो दस्तूर ए सहाबा पर वही जन्नत मे जायेगा,,,*_
_*जहाँ लाचार होगा शाफई भी, वहां मजबूर होगा हनफी भी,,,*_
_*खड़ा जो होगा तौहीद पर, वही जन्नत मे जायेगा,,,,*_
_*खड़ा जो होगा तौहीद पर, वही जन्नत मे जायेगा,,,,*_
*_बिठा दी नफरतें दिल में इन फिरका परस्तों ने,,,_*
*_मुहब्बत बाटेगा जो, वही जन्नत मे जायेगा,,,,_*
*_मुहब्बत बाटेगा जो, वही जन्नत मे जायेगा,,,,_*
*_होंगे फिरके तिहत्तर इस उम्मत मे "साहिल",,,_*
*_मगर इक होगा, राहे हक पर, वही जन्नत मे जायेगा,,,_*
*_मगर इक होगा, राहे हक पर, वही जन्नत मे जायेगा,,,_*
_*दे दी अजान मस्जिदों में हमने*_
_*"हय्या अल्स'सल्लाह"!*_
_*"हय्या अल्स'सल्लाह"!*_
*_...और लिख दिया बाहर बोर्ड पर,_*
*_अन्दर न आये "फला और फला" !_*
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*_ख़ौफ़ होता है शैतान को भी_*
*_आज का मुसलमान देख कर_*
*_नमाज़ भी पढता है तो मस्जिद_*
*_का नाम देख कर....._*
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*_मुसलमानो के हर फिरके ने _*
*_एक दूसरे को काफिर कहा..._*
*_अन्दर न आये "फला और फला" !_*
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*_ख़ौफ़ होता है शैतान को भी_*
*_आज का मुसलमान देख कर_*
*_नमाज़ भी पढता है तो मस्जिद_*
*_का नाम देख कर....._*
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*_मुसलमानो के हर फिरके ने _*
*_एक दूसरे को काफिर कहा..._*
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*_एक काफिर ही है जो उसने हम सबको मुसलमान कहा......_*
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*_एक काफिर ही है जो उसने हम सबको मुसलमान कहा......_*
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